ओ३म् ================ संसार के सभी मनुष्य एक समान हैं। जन्म से सब एक समान व अज्ञानी उत्पन्न होते हैं। जीवन में ज्ञान की मात्रा व आचरण से ही उनके व्यक्तित्व व जीवन का निर्माण होता है। ज्ञान का आदि स्रोत चार वेद ही हैं। वेद न होते तो ज्ञान भी न होता। वेदों का ज्ञान […]
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अभी हाल ही में जनसंख्या एवं विकास पर भारतीय सांसदों की एक समिति (Indian Association of Parliamentarians on Population and Development – IAPPD) ने देश में बुज़ुर्गों की स्थिति पर एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार किया है। इस प्रतिवेदन के अनुसार, इस समय भारत में 10.5 करोड़ बुजुर्ग व्यक्ति हैं और वर्ष 2050 तक इनकी संख्या […]
क्या हुआ जो फिसल गए ?
सोते हुए शासन प्रशासन को जगाने की कोशिश ************** -राजेश बैरागी- पुराने लोग माथे पर हाथ रखकर अपनी यादों को संग्रहित करते हुए कहते हैं,-अब वैसी बारिश नहीं होती।’ वे बताते हैं कि दो दो हफ्ते रामजी बरसता था। मैं विचार करने लगता हूं कि तब सड़कों का ऐसा जंजाल नहीं था इसलिए रामजी को […]
डॉ. ज्योति सिडाना ऐसा माना जाता है कि शिक्षा मनुष्य में आलोचनात्मक चेतना विकसित करती है, उन्हें आर्थिक, सांस्कृतिक और मानव पूंजी में परिवर्तित करती है तथा शोषण व दमन का विरोध करने हेतु जागरूक करती है. हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी नई शिक्षा नीति चर्चा में है क्योंकि इसमें अनेक बड़े […]
फूहड़ फैशनपरस्ती पर एक करारा व्यंग्य __________________________________________ यह फैशन जगत के अनेक खिताब जीत चुकी मिस इंडिया कंपटीशन 2016 की फाइनल लिस्ट ,मॉडल ऐश्वर्या श्योराण है| मिस वर्ल्ड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय से प्रभावित होकर इनकी माताजी ने इनका नामकरण ऐश्वर्या किया.. श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की यह छात्रा रही है| हाल ही में सिविल […]
#अयोध्या नब्बे का वह दौर याद आता है। लाखों लोग, दोगुनी आंखे, राम नाम की धूम, लाखों कलेजों की उम्मीदें, बन्दूक की गोलियां, रक्त, हाहाकार, मृत्यु, शान्ति… प्रलय के बाद की शान्ति केवल सनातन भाव जो जन्म देती है। पीड़ा की कोख से ही देवत्व जन्म लेता है। अयोध्या का मन्दिर इस बात के […]
ओ३म् =========== परमात्मा ने जीवात्मा को उसके पूर्वजन्म के कर्मानुसार मनुष्य जीवन एवं प्राणी योनियां प्रदान की हैं। हमारा सौभाग्य हैं कि हम मनुष्य बनाये गये हैं। मनुष्य के रूप में हम एक जीवात्मा हैं जिसे परमात्मा ने मनुष्य व अन्य अनेक प्रकार के शरीर प्रदान किये हैं। विचार करने पर ज्ञान होता है कि […]
…………………………………………………… अजय आर्य / नई दिल्ली …………………………………………………… “ काव्य और सामाजिक चेतना ” विषय पर देव चेतना परिवार द्वारा आयोजित वेबीनार काव्य गोष्ठी में विद्वत जनों ने साहित्य जगत में काव्य की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर कवि एवं कवित्रियों ने विशेष रचनाओं का काव्य पाठ कर कार्यक्रम […]
मैं – – मैं – – मैं – – मैं – – मेरी जाती
_ _ _ ________ _ _ _ _ _ मार्तंड (सूर्य )के उदय होते ही जैसे ही कुछ विलक्षण प्रजाति के मनुष्य अपना स्मार्टफोन संभालते हैं , उनका जातिवादी राग/ रोना शुरू हो जाता है…. जातिवादी व्यक्ति जातिवाद जैसी मानस व्याधि से पीड़ित होकर भी स्वीकार नहीं करता कि वह जातिवादी है| जातिवादियों का अलग […]
ओ३म् =========== हमें अपने धर्म व संस्कृति की शक्ति व सामर्थ्य का समय समय पर अध्ययन करते रहना चाहिये। हमारे सामने वर्तमान में मुख्य चुनौतियां क्या हैं?, इसका भी हमें ज्ञान होना चाहिये। हमारे धर्म व संस्कृति तथा इसके अनुयायियों के विरुद्ध देश व विश्व स्तर पर कहीं कोई साजिश तो नहीं हो रही है, […]