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महत्वपूर्ण लेख समाज

सब कुछ करने का माद्दा रखती है महिला शक्ति

निर्मल रानी वैसे तो हमारे पौराणिक शास्त्रों में जिस तरह अनेक देवियों,उनके जीवन,उनके कार्यकलापों,अदम्य साहस तथा उनके वैभव का उल्लेख किया जाता उससे तो यही प्रतीत होता है कि महिलायें हमेशा से ही निर्भीक,निडर,साहसी तथा पुरुषों की ही तरह सब कुछ कर गुजरने की क्षमता रखने वाली रही हैं। अन्यथा आज उन देवियों की पूजा […]

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समाज

हम जो कुछ भी होते हैं वह अपनी मां के कारण होते हैं

मां का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान है । संसार के जितने भर भी महापुरुष हुए हैं उनके निर्माण में सबसे बड़ा योगदान मां का रहा है। जो महापुरुष युगधारा को परिवर्तित करते हैं और इतिहास को मोड़ने की क्षमता रखते हैं उन सबके निर्माण में मां का विशेष योगदान रहा है । इस प्रकार […]

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समाज

क्या महिलाओं को घरेलू काम के लिए वेतन दिया जाना चाहिए ?

  प्रियंका सौरभ (भारत में घरेलू श्रम के सवाल पर एक महत्वपूर्ण अभियान चल रहा है। ये मुख्य रूप से महिलाएं हैं जो ‘महिलाओं के काम’ करती हैं, लेकिन अन्य लोगों के घरों में। वो मांग करते हैं कि उनकी शर्तों को परिभाषित किया जाए, न्यूनतम मजदूरी की गारंटी दी जाए, और श्रमिकों की स्थिति […]

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समाज

कुर्सी के चक्कर में लोगों के बदल जाते हैं ईमान

  अशोक सिंह ‘अक्स’ कुर्सी की अहमियत वही लोग जानते हैं जो पहले कुर्सी पर बैठ चुके हैं, जिनके पास उस पर बैठने का अनुभव है या फिर कुर्सी पर बैठने वाले के करीबियों में से एक हों। नहीं तो फिर एक लंबे अरसे से कुर्सी पाने व हथियाने के चक्कर में पड़े हों और […]

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पर्यावरण समाज

दिल्ली में बढ़ता जा रहा है प्रदूषण भयानक स्तर तक और सरकार पर नहीं पड़ रहा कोई फर्क

  ललित गर्ग दमघोंटू प्रदूषण की चादर में लिपटी हुई है दिल्ली, मगर सरकारों को कोई फर्क नहीं पड़ता इन दिनों दिल्ली में तेज हवा की वजह से पारे में तेज गिरावट तो आई और उससे ठंड की तस्वीर और बिगड़ी, मगर उससे हवा के साफ होने की भी गुंजाइश बनी थी। अब एक बार […]

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समाज

बुजुर्ग हमारे वजूद हैं न कि बोझ

(बदलते परिवेश में एकल परिवार बुजुर्गों को घर  की  दहलीज से दूर कर रहें है. बच्चों को दादी- नानी  की  कहानी की बजाय पबजी अच्छा लगने लगा है, बुजुर्ग अपने बच्चों से बातों को तरस गए है. वो  घर के किसी कोने में अकेलेपन का शिकार हो रहें है. ऐसे में इनकी मानसिक-आर्थिक-सामाजिक समस्याएं बढ़ती जा रही […]

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समाज

यौन उत्पीड़न की जघन्य तम घटनाओं पर राजनीति क्यों और कब तक?

  बीपी गौतम बदायूँ काँड में कार्रवाई से जब पीड़िता के परिजन संतुष्ट हैं तो नेता राजनीति क्यों कर रहे हैं इस घटनाक्रम में एक अहम सवाल और उठ रहा है कि देर शाम मंदिर में चल चढ़ाने की परंपरा नहीं है। शाम को दीपक जलाया जाता है, श्रृंगार किया जाता है पर, एफआईआर में […]

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विविधा समाज

जन जागरण में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है सोशल मीडिया का

*🪔जन-जन को जगाता “सोशल मीडिया”* _★~राष्ट्रीय उपलब्धियों,समस्याओं और अन्य समाचारों का प्रसार व प्रचार करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में समाचार पत्रों व टीवी न्यूज चैनलों का वर्षो से विशेष योगदान बना हुआ है। उसी कड़ी में बढ़ते संचार संसाधनों के कारण ट्विटर,फेसबुक व व्हाट्सऐप आदि की जन जन तक पहुँच होने से बढ़ते […]

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मुद्दा समाज

भविष्यवाणी : तीसरा विश्व युद्ध और नरेंद्र मोदी जानिए रहस्य……

  ‘धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।’ (vi-10) आईएसआई के कारण होगा तृतीय विश्व युद्ध.. हालांकि ऐसी स्थिति हर समय ही रही है लेकिन यह बात नास्त्रेदमस ने 21वीं सदी के […]

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समाज

रिश्तो के इस पार उस पार

  _-राजेश बैरागी-_ दो दिन पहले एक विवाह समारोह में रिश्ते की एक बहिन मिली। उम्र लगभग 53 वर्ष, मुझसे दो वर्ष बड़ी।28 वर्ष पूर्व उनका विवाह उनकी बहिन के देवर से हुआ था। उनकी मर्जी नहीं थी परंतु गांव-देहात में स्पष्ट मना करने की परंपरा नहीं थी।। इसलिए उन्होंने विवाह तो कर लिया परंतु […]

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