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समाज

कितना सफल हुआ है खुले में शौच से मुक्ति का अभियान? खुशी यादव

बीकानेर, राजस्थान कितनी विडंबना है कि आजादी के 75 साल बाद भी देश की एक बड़ी आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर है. 2011 की जनगणना के अनुसार देश के 53.1 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं था. जिसकी वजह से महिलाओं और लड़कियों को सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. खुले में […]

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समाज

स्वयं सहायता समूह से आत्मनिर्भर बनती महिलाएं

स्नेहा बीकानेर, राजस्थान देश की नई संसद भवन ने नारी शक्ति को नमन करते हुए सबसे पहले महिला आरक्षण बिल को पास किया है. दरअसल महिलाओं विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आज़ादी के बाद से ही कई प्रकार की योजनाएं संचालित की जाती रही हैं. इसमें स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) […]

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समाज

जयपुरे-आर्याणां जयः”*

” ( जयपुर में 23-24 सितंबर,2023 को आर्यों का महासमागम) 1- *”जयपुरे जयो घोषः,वेदानां वै जयो महान्।” “महाजयश्च आर्याणां,संस्काराणां जयो ननु।।” भावार्थ- राजस्थान की राजधानी जयपुर में वैदिक धर्म और वेदों का जयघोष होने वाला है।यहाँ पर आर्यों और संस्कारों की निश्चय से जय होगी। 2- ” दयानन्दस्य उद्घोषः,दयानन्दस्य जीवनी।” “दयानन्दस्य कार्याणि,दयानन्द-जयो जयः।।” भावार्थ- जयपुर […]

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विविधा समाज

बहू और बेटी में फर्क करता समाज

कविता रावल गनीगांव, उत्तराखंड भारतीय समाज जटिलताओं से भरा हुआ है. जहां रीति और रिवाज के नाम पर कई प्रकार की कुरीतियां भी शामिल हो गई हैं. इसका सबसे अधिक खामियाज़ा महिलाओं को भुगतनी पड़ती है. पितृसत्तात्मक समाज में लड़का और लड़की में जहां अंतर देखा जा सकता है वहीं बेटी और बहू के मामले […]

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समाज हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

शिक्षक, शिक्षार्थी और शिक्षक दिवस

डॉ. पवन सिंह मलिक “दुनिया सुनना नहीं, देखना पसंद करती है कि आप क्या कर सकते हैं”…. और अपने अंदर छिपी इसी असीम शक्ति की पहचान करवाना, मैं कौन हूँ ओर क्या कुछ कर सकता हूँ इस भाव को परिणाम में बदलने के लिए प्रेरित करने की प्रेरणा है शिक्षक। आज शिक्षक दिवस है और […]

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समाज

अहसान मानें उनका जो उपस्थित थे, उपस्थित रहे

डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 इसे महत्त्वाकांक्षा, नाम छपास की भूख, लोकप्रियता की चाह, अपने अस्तित्व के सार्वजनीन प्राकट्य की सनक या अहंकार का मकड़जाल कुछ भी कह लेंकिन वर्तमान युग की यह सर्वाधिक प्रचलित और व्यापक परम्परा हो चली है जो किसी महामारी से कम नहीं बल्कि इसे महानतम और अद्वितीय महामारी की संज्ञा दी […]

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समाज

समाज की टूटन को समाप्त करते हुए संत समाज

लोकेन्द्र सिंह राजपूत जब अस्पृश्यता का संकट समाज को खाये जा रहा था, तब संत स्वरूप माधव सदाशिवराव गोलवलकर ‘श्रीगुरुजी’ ने देश के प्रमुख संत-महात्माओं से आग्रह किया कि वे सभी एक मंच पर आकर हिन्दू समाज को सामाजिक समरसता का संदेश देवें। यह कितनी सुखद बात है कि समाज के विभिन्न वर्गों में आत्मीयता […]

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समाज

दफ्तरों के इर्द-गिर्द खुशियां टटोलते पति-पत्नी

आज एकल परिवार और महिलाओं की नौकरी पर जाने से दांपत्य सुख के साथ-साथ पारिवारिक सुख जो होना चाहिए वह नहीं है। बच्चे किसी और पर आश्रित होने के कारण टीवी मोबाइल में घुसे रहते हैं। कामकाजी पति-पत्नी के मामलों में यह बात सामने आ रही है कि दोनों ऑफिस के बाद घर में मोबाइल […]

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विविधा समाज

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लक्ष्य से भटकती पौराणिक कांवर यात्राएं

डॉ. राधे श्याम द्विवेदी कांवड़ को शिव जी का स्वरूप कहा गया है :- कांवड़ शिव की आराधना का ही एक रूप है। इस यात्रा के जरिए जो शिव की आराधना कर लेता है, वह धन्य हो जाता है। कांवड़ का अर्थ है परात्पर शिव के साथ विहार। अर्थात ब्रह्म यानी परात्पर शिव, जो उनमें […]

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समाज

हिंदुस्तान के मुसलमानों का बड़ा तबका समर्थन करता है समान नागरिक संहिता का

रज्जाक अहमद आज दुनिया में भारत जय -जय कार हो रही है। इसके उपरांत भी बड़े दुख के साथ कहना पड़ता है कि भारत में आये दिन ऐसी ऐसी नई चर्चाए पैदा होती है जिनका कोई आधार नहीं है। अब नया सगुफा शुरु हुआ ‘ यूनिफार्म सिविल कोड़ ‘ जिसका अभी ड्राफ्ट भी तैयार नही […]

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