चित्र वायर से साभार “जस्टिस जी डी खोसला” वो “जज” थे, जिन्होंने “नाथूराम गोडसे” केस की सुनवाई की थी और नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा दी थी l गोडसे को फांसी पर चढ़ाने के बाद जज साहब, अपनी किताब “द मर्डर ऑफ महात्मा एन्ड अदर केसेज फ्रॉम ए जजेज़ डायरी” में पेज नंबर 305 […]
Category: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
– ललित गर्ग- अमेरिका के न्यूयार्क में लांग आइलैंड क्षेत्र में गुरुपर्व के मौके पर गुरुद्वारे में माथा टेकने गए भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू से खालिस्तान समर्थकों की धक्का-मुक्की और शर्मनाक व्यवहार न केवल निन्दनीय है बल्कि सिख धर्म की पवित्र, मर्यादामय एवं शांतिप्रिय परम्परा को धुंधलाने का कुत्सित प्रयास है। सिखधर्म के संस्थापक, […]
तीन इंच का जन्मस्थान और मरम्मत का खर्चा हजारों करोड़ यह सवाल उन दोगले वर्णसंकर कान्ग्रेसिओं से पूछते हैं जो पहले भगवान राम के अस्तित्व पर शंका किया करते थे ,और भारतमाता कहने को सम्प्रदायवाद कहते है आज इसका रहस्य राहुल ने प्रकट कर दिया और उर्दू अखबार इन्कलाब में साफ कह दिया की कांग्रेस […]
भ्रम में जीने वाले हिन्दू , धर्म रक्षा कैसे करेंगे ? १- हिन्दू आज संशय में है कि वे ईश्वर को निराकार माने या साकार मूर्तियों को। २- हिन्दू निर्णय नहीं कर पा रहे कि दुष्ट और अधर्मियों का वध करने के लिए ईश्वर अवतार लेगा या उन्हें स्वयं धर्म रक्षा करनी होगी। ३-हिन्दू को […]
साभार आजादी के बाद कांग्रेस ने हिंदुओं को हीनभावना से ग्रसित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। उसने हिंदुओं के मन में एक सोच भरने की साजिश रची कि अगर कोई मुस्लिम किसी हिंदू को थप्पड़ मारता है तो हिंदू को उसे सहज स्वीकार कर लेना चाहिए क्योंकि वो अल्पसंख्यक हैं। लेकिन अगर कोई हिंदू […]
ईसाईयत और इस्लाम विश्व इतिहास को बीते हुए पांच सात हजार वर्ष में समेटकर चलते हैं। इसका कारण ये है कि ईसाईयत और इस्लाम को अपनी जड़ों के स्रोत इतने समय से पूर्व के दिखाई ही नही देते। इसलिए इन विचारधाराओं ने विश्व में सैमेटिक (ईसाईयत और इस्लाम जैसे मजहब) और नॉन सैमेटिक (वैदिक धर्म […]
#डॉविवेकआर्य मेरे एक मित्र ने ईसाई मत की प्रचारनीति के विषय में मुझसे पूछा। ईसाई समाज शिक्षित समाज रहा है। इसलिए वह कोई भी कार्य रणनीति के बिना नहीं करता। बड़ी सोच एवं अनुभव के आधार पर ईसाईयों ने अपनी प्रचार नीति अपनाई है। ईसाईयों के धर्मान्तरण करने की प्रक्रिया तीन चरणों में होती हैं। […]
सेवा का भ्रमजाल 24 मई 1931 को वे कलकत्ता आई और धन की उगाही करने के लिए मदर टेरेसा ने अपनी मार्केटिंग आरम्भ करी। उन्होंने कोलकाता को गरीबों का शहर के रूप में चर्चित कर और खुद को उनकी सेवा करने वाली के रूप में चर्चित कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करी। वे कुछ […]
भारत ने जब से ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की शुरुआत की है, वैश्विक स्तर पर कई देशों, विशेष रूप से चीन, को भारत का यह अभियान रास नहीं आ रहा है क्योंकि अब भारत कई क्षेत्रों में तेजी से आत्मनिर्भर बनता जा रहा है जबकि पूर्व में विभिन्न उत्पादों का आयात इन देशों से किया जाता […]
** विश्व मे ये पहला उदाहरण है। दुनिया चकित है केरल के महाज्ञानी छात्रों के नम्बर देख कर। आज TV पर बताया गया कि केरल बोर्ड से 100% नम्बर लेकर आये 4000से ज्यादा छात्र -छात्राओं ने दिल्ली वि वि मे फार्म भरा। एक ही कॉलेज में। इनमें से इतिहास में 38, भूगोल में 34, गणित […]