यह काल नि:संदेह भारत में मुस्लिम शासन में ही आया था। अन्यथा हमारी तो मान्यता थी कि- ‘यंत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है। हमने माता को निर्माता माना। व्यष्टि से समष्टि तक में उसकी प्रधानता को और उसकी महत्ता को स्वीकार किया। […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
भारतीय समाज में सामान्यतया जनसाधारण को यह कहते हुए सुना जाता है कि जर, जोरू और जमीन पर तो विश्व हमेशा से लड़ता आया है। हम विचार करें कि यह कथन भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के संदर्भ में कितना प्रासंगिक और सार्थक है? गहराई से पड़ताल की जाए तो ज्ञात होता है कि इस जर, जोरू […]
भारत में आज न्यायालयों में करोड़ों वाद लंबित हैं। सस्ता और सुलभ न्याय देना सरकारी नीतियों का एक अंग है। किंतु यथार्थ में न्याय इस देश में इतना महंगा और देर से मिलने वाला हो गया है कि कई बार तो न्याय प्राप्त करने वाले व्यक्ति को भी वह न्याय भी अन्याय सा प्रतीत होने […]
हिन्दू इस भारतीय राष्ट्र की चेतना शक्ति का नाम है, इसकी आत्मा है। हिन्दुत्व उस प्रसुप्त शक्ति का नाम है जो इस राष्ट्र में राष्ट्रवाद की भावना को जगाकर सारे राष्ट्र को आंदोलित और चेतनामय करने की क्षमता और सामथ्र्य रखती है। भारत का यह दुर्भाग्य रहा कि इस प्रसुप्त शक्ति को सोई हुई शक्ति […]