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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

संविधान में सेकुलरवाद और अल्पसंख्यकवाद एक साथ नहीं चल सकते

प्रस्‍तावना : आजकल सी.ए.ए., एन.आर.सी., कोई भी विषय हो, विरोधीयों के नारे पहले लगने शुरू हो जाते है, ‘संविधान खतरेमे है, संविधान बचाओ’ ! डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरजी की अध्‍यक्षता मे निर्मित जिस संविधान को पिछले सरकारों ने अपनी मनमर्जी से तोडा-मरोडा, असंवैधानिक रीती से संशोधित करने के पाप किए, वही आज संविधान बचाने की बात […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया , अध्याय — 3 गांधीजी और उनकी अहिंसा

अहिंसा और गांधीजी महात्मा गांधी की अहिंसा को लेकर आरम्भ से ही वाद विवाद रहा है। इसमें कोई सन्देह नही कि अहिंसा भारतीय संस्कृति का प्राणातत्व है। पर यह प्राणतत्व दूसरे प्राणियों की जीवन रक्षा के लिए हमारी ओर से दी गयी एक ऐसी गारंटी का नाम है, जिससे सब एक दूसरे के जीवन की […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

कलम और जमीर बेचकर चीन के ‘ग्लोबल टाइम्स’ के लिए लिखने वाला पत्रकार राजीव शर्मा गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजीव शर्मा नाम के स्वतंत्र पत्रकार को ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ के तहत गिरफ्तार किया है। उसके पास से रक्षा सम्बन्धी गोपनीय दस्तावेज़ मिले थे। डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (स्पेशल सेल) संजीव कुमार यादव ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि राजीव शर्मा के से पास रक्षा […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया , अध्याय – 2 , जलियांवाला बाग हत्याकांड पर गांधीजी देशवासियों के साथ नहीं थे

सन 1919 में भारतीय इतिहास में जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड की एक बहुत ही निर्दयतापूर्ण घटना घटित हुई थी। उस समय देश के लोगों की एक स्वर से मांग थी कि नरसंहार के खलनायक जनरल डायर पर अभियोग चलाया जाए । लोगों का आक्रोश उफ़न रहा था और जिन लोगों ने इस हत्याकाण्ड में अपने बलिदान […]

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वामपंथी इतिहासकारों के सेकुलर षड्यंत्र का शिकार चक्रवर्ती आर्य सम्राट पांडव और उनकी विरासत हस्तिनापुर : आरटीआई ने किया खुलासा

इतिहास के बारे में किया गया एक गंभीर षड्यंत्र ___________________________________________ भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, पुरातत्व विभाग में आज भी महत्वपूर्ण कार्यकारी पदों पर तथाकथित सेकुलर वामपंथी इतिहासकार पुरातत्व वेता बैठे हुए हैं| जिनके लिए इतिहास पुरातत्व अनुसंधान केवल मुगल काल के नमूनों अकबर के हरम इबादत खाने , मजारों के उत्खनन अनुसंधान पर ही शुरू […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

अपनी आने वाली नस्लों के फायदे के लिए ब्यूरोक्रेसी पर कब्जा करो :, इमरान प्रतापगढ़ी

ब्यूरोक्रेसी पर कब्जा इमरान प्रतापगढ़ी पिछले दिनों सुरेश चव्हाणके ने अपने आगामी शो का एक ट्रेलर ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि सिविल सेवाओं में ‘संप्रदाय विशेष की घुसपैठ’ का ‘पर्दाफाश’ किया गया है। वीडियो में उन्होंने जामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (RCA) से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में स्थान पाने वाले […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई देने वाले ‘सेकुलर’ क्यों नहीं पचा पा रहे हैं ‘सुदर्शन न्यूज़ चैनल’ के ‘बिंदास बोल’

विनोद कुमार सर्वोदय सुदर्शन न्यूज चैनल के प्रधान श्री सुरेश चौहान के. जी की साहसिक पत्रकारिता का अद्भूत पराक्रम वर्षों से देशभक्तों को प्रेरित कर रहा हैं। जबकि देश विरोधी शक्तियां इनकी सच्ची अभिव्यक्ति पर प्रहार करने से कभी भी नहीं चूकती। इनके “बिंदास बोल” कार्यक्रम में वर्षों से राष्ट्र हित के विषयों को प्रमुखता […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय भयानक राजनीतिक षडयंत्र

लेखन और पत्रकारिता से जुड़े गिरोहों से रहना होगा सावधान

गुहा_बेचैन… ✍. भारत में जो लिखा पढ़ा जाता है उसपर गौर कीजियेगा तो एक चीज़ बड़ी आसानी से नजर आ जाती है। जहाँ भारत का तथाकथित दक्षिणपंथ सिर्फ भावनात्मक मुद्दों पर लिख रहा होता है, वहीँ तथाकथित वामपंथ बौद्धिक मुद्दों पर भी चर्चा करता है। अगर आप नीतियों, इतिहास, भूगोल-पर्यावरण सम्बन्धी कुछ भी पढ़ रहे […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

अपने आप को खत्म होने से बचाना है तो इस बार जीतना ही होगा

राष्ट्रवादी बार-बार असफल होते हैं ?? क्योंकि.. 1 राष्ट्रवादी प्रोपेगेंडा करना नही जानते. 2 राष्ट्रवादियो के पास विमर्श शक्ति नही है. 3 राष्ट्रवादी शीघ्र ही लिब्रल्स के नरेटिव में फंस जाते हैं. महाभारत में गुरु द्रोण शिष्यों से पूछते है, तुम्हे तोते में क्या दिखाई दे रहा है. किसी को तोते की पूंछ दिखाई देती […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

जोरों से चल रहा है हिंदुस्तान को इस्लामी देश बनाने का कुचक्र : लव जिहाद है खास हथियार

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार केरल से शुरू होने वाले लव जिहाद के विरुद्ध जब हिन्दू स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा होने वाले समाचार-पत्र एवं साप्ताहिकों में समाचारों के प्रकाशन किये जाने को समस्त छद्दम सेक्युलरिस्ट फिरकापरस्ती का नाम देकर नज़रअंदाज़ करने का काम करते थे, उस समय कोई अन्य पत्र या पत्रिका इन समाचारों को महत्व नहीं देता […]

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