डा. ऋतु सारस्वत। बीते दिनों इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मतांतरण पर कठोर टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा, ‘यदि मतांतरण की प्रवृत्ति जारी रही तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी ही अल्पसंख्यक हो जाएगी।’ न्यायालय ने यह भी कहा कि मत प्रचार-प्रसार की तो छूट है, लेकिन मतांतरण की अनुमति नहीं है। यह पहला अवसर […]
Category: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
#डॉविवेकआर्य रावलपिंडी के समीप हिन्दुओं का एक छोटा सा गांव था। 500 के लगभग व्यसक होंगे। बाकि बच्चे, बुड्ढे। गांव के सरपंच रामलाल एक विशाल बरगद के नीचे बैठे थे। तभी मोहन भागता हुआ आया। बोला सरपंच जी, सरपंच जो। सरपंच जी कहा ,”क्या हुआ मोहन ? ” सरपंच जी मुझे पता लगा है यहाँ […]
ईसाई मत की सच्चाई
ईसाईयत की वास्तविकता… ✝✝✝ एक मुस्लिम शायर ने केवल इस्लाम को मानवीय विध्वंस के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने और ईसाइयत की विनाश-लीला पर चुप्पी साध लेने की प्रवृत्ति पर टिप्पणी करते हुए कहा था- “लोग कहते हैं तलवार से फैला इस्लाम, यह नहीं कहते कि तोप से क्या फैला?” इस बात में काफी दम है। […]
* बृजेन्द्र सिंह वत्स समाचार है कि जम्मूकश्मीर के कठुआ में सेना के एक जूनियर कमीशन ऑफिसर सहित ५ भारतीय वीरगति को प्राप्त हो गए और दुर्भाग्य यह कि,वे वीर युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त नहीं हुए वरन धोखे से वे काल के गाल में समा गए। महाभारत के युद्ध में शिखंडी ने बिना […]
– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” प्राचीन काल में संसार के सभी देशों में विवाह और संतान की उत्पत्ति को महत्व दिया जाता था। भारत में विवाह पर अग्नि की परिक्रमा करते समय वर कन्या “कहा करते थे- “पुयान विन्दावहे” । अर्थात बहुत प्राप्त करें। उस समय जनसंख्या कम रहती थी, अतः जनसंख्या में वृद्धि […]
✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपनी एक बेहद महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा है कि- “जिस प्रकार से धर्मांतरण किया जा रहा, यदि इसी गति से धर्मांतरण होता रहा तो इस देश की बहुसंख्यक आबादी बहुत जल्द अल्पसंख्यक हो जाएगी.” यह टिप्पणी न्यायमूर्ति श्री रोहित रंजन अग्रवाल ने धर्मांतरण […]
(शिव शरण त्रिपाठी – विनायक फीचर्स) यदि चुनाव के समय राजनीतिक दलों द्वारा अपने घोषणा पत्रों के माध्यम से अपनी राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध के लिये नाना प्रकार की मुफत की रेवाडिय़ा बांटने की संस्कृति पर लगाम न लगाई गई तो देश को कंगाल होने से कोई बचा नहीं सकता। इससे अधिक दुर्भाग्य और विडम्बना हो […]
कुछ साल पहले बिहार गया. अचानक इच्छा हुई कि समय है तो क्यों ना नालन्दा विश्वविद्यालय के जले हुए अवशेषों को देखा जाए. पटना में नालन्दा का रास्ता पता किया. पता चला कि नालन्दा जाने के लिए पटना से बख्त्यारपुर की ट्रेन पकडनी पड़ेगी. आश्चर्य हुआ कि जिस बख्त्यार खिलजी ने 2000 बौद्ध भिक्षु अध्यापकों […]
सत्य कहूं तो मुझे अब भारत के इतिहास का गौरव गान महाप्रलाप और व्यर्थ लगता है। एक हारा हुआ पराजित देश भिखमंगे की तरह अपने भूत का खंडहर दिखलाता रहता है। जो देश अपने उज्ज्वल, धवल वर्तमान की रक्षा नहीं कर सकता, जो किसी तपस्वी राष्ट्रनायक को वर्तमान में पराजित कर उसका सारा विश्वास तोड़ […]
दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक) अयोध्या धाम आज से लगभग २० वर्ष पूर्व जब गए थे तब चाय पीने के लिए भी ५०० – ५०० मीटर तक कोई दूकान नहीं दिखती थी । यदि कोई दूकान दिख भी जाय तो दुकानों पर इतना दूध नहीं होता था की २० से ५० लोगो को दिनभर में […]