डॉ विवेक आर्य असम सरकार द्वारा 2021 से जिस परिवार के दो से अधिक बच्चें हो उन्हें सरकारी नौकरी न दी जाये। असम में जनसँख्या नियंत्रण के लिए यह प्रस्ताव पारित किया हैं। पहले से ही बांग्लादेशी शरणार्थियों की मार झेल रहे असम की सरकार के इस निर्णय का विरोध स्थानीय सांसद बदरुद्दीन अजमल […]
Category: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
गांधीवाद और डॉक्टर अम्बेडकर आजकल ‘सोशल मीडिया’ पर ऐसी पोस्ट अक्सर आपको पढ़ने को मिल जाएंगी जिनको देखकर लगता है जैसे डॉ अम्बेडकर जी मुस्लिम धर्म की मान्यताओं से बहुत अधिक सहमत थे और मुस्लिम व दलित समाज के लोग ही वास्तविक भारतीय हैं , शेष सभी लोग विदेशी हैं। ऐसी पोस्ट डालने वाले […]
सरदार वल्लभ भाई पटेल के विशेष प्रयासों से पण्डित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रीमण्डल ने सोमनाथ मन्दिर के जीर्णोद्धार का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया था । यह बहुत बड़ी बात थी कि सरदार वल्लभभाई पटेल गांधीवादी पण्डित जवाहरलाल नेहरू को भी इस बात के लिए तैयार कर लिया था कि सोमनाथ मन्दिर का सरकारी व्यय […]
गांधीजी और गांधीवादी नेहरू गांधीजी से मिला हुआ ‘हिन्दू विरोध’ कांग्रेस का मौलिक संस्कार है — अनेकों प्रकरणों , प्रसंगों , सन्दर्भों से यह बात अब पूर्णतया सिद्ध हो चुकी है । यदि इस देश की संस्कृति से प्यार करना और उसके लिए संघर्ष करने की प्रवृत्ति गाँधीजी की कांग्रेस की रही होती तो […]
मुस्लिम और राष्ट्रीय स्वाधीनता संग्राम हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि कांग्रेस के प्रारम्भिक काल में तो मुसलमान कांग्रेसी मंचों पर दिखाई दिए , पर धीरे – धीरे जैसे कांग्रेस आगे बढ़ती गई वैसे – वैसे ही मुसलमानों का कांग्रेस से मोहभंग होता चला गया। कुछ कालोपरान्त जब मुसलमानों को यह लगने लगा कि अब […]
श्याम सुंदर भाटिया  कश्मीर की फ़िज़ा बदली-बदली सी है। हवा जहरीली है। शब्द कठोर हैं। सूबे के नजरबंद नेताओं को भले ही आजाद कर दिया गया हो, लेकिन उनके मंसूबे बेहद खतरनाक हैं। इनमें महबूबा मुफ़्ती खूब आग उगल रही हैं। अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद सूबे में तेजी […]
गांधीजी और हिंदू मुस्लिम एकता 8 सितम्बर 1920 को ‘यंग इंडिया’ में गांधी जी ने देश के हिन्दू – मुस्लिमों के बीच एकता और भाईचारे को बलवती करने हेतु तीन नारों पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘अल्लाह हो अकबर’, ‘भारत माता की जय’ और ‘हिन्दू-मुसलमान की जय’ – इन तीन नारों […]
प्रश्न – विनाश काले विपरीत पूजा क्या है? उत्तर – हिन्दुओं द्वारा परमात्मा को भूलकर पीर, फकीर, साई की पूजा की जा रही है, पिशाच संस्कृति के राक्षसों को हिंदू मंदिरों व घरों में स्थापित किया जा रहा है, पूजा जा रहा है, फिर भी पूछते हो कि विनाश काले विपरीत पूजा क्या है? कब्र […]
गांधी जी का धर्म और उनकी मान्यताएं वास्तव में गांधीजी का हिन्दू और हिन्दू दर्शन से कोई संबंध नहीं था । उनका धर्म वह था जिसे वह स्वयं अपने लिए उचित मानते थे । उनकी नैतिकता , उनकी आध्यात्मिकता , उनकी ईश्वरभक्ति भी अपनी मान्यताओं , अपनी धारणाओं ,अपनी सोच और अपनी परिभाषा से तय […]
गांधीजी का हिंदुत्व हिन्दुत्व के विषय में यह सत्य है कि यह कभी भी उन्मादी ,उग्रवादी , उत्पाती और दूसरों के जीवन के प्रति हिंसक नहीं हो सकता , परन्तु इसके उपरान्त भी हिंदुत्व कभी भी दूसरों के आतंक , अत्याचार, उग्रवाद और उन्माद को मौन रहकर सहने के लिए भी हमसे नहीं कह […]