चतुर्थ क्रूश युद्ध (1202-1204) अभी तक पोप की शक्ति में पर्याप्त वृद्धि हो चुकी थी । जिस प्रकार मुसलमानों के यहाँ खलीफा मजहब का मुखिया होता था, उसी प्रकार ईसाइयों के यहाँ पर पोप की स्थिति थी । मजहब के तथाकथित ठेकेदारों ने लोगों के भीतर मजहबी उन्माद पैदा करके अपनी सत्ता को मजबूत […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
[भाग १] पूरे विश्व में केवल भारत ऐसा देश है, जहाँ यहूदी, ईसाई, पारसी आदि विभिन्न मत-मजहबों के लोग आक्रांताओं से उत्पीडित होकर या जीविका की तलाश में अपनी धरती छोडकर यहाँ आए तो हिंदू धर्म की उदारता और हिंदूओं की सहिष्णुता के कारण उन लोगों को भारत में ससम्मान रहने का स्थान और […]
डॉ. संजय वर्मा करीब 200 साल पहले अंग्रेज सर्जन थॉमस वैक्ले ने ‘द लांसेट’ का पब्लिकेशन शुरू किया। मेडिकल जगत में इस साप्ताहिक शोध पत्रिका की खूब प्रतिष्ठा है, लेकिन क्या इसमें छपे हर वाक्य को गीता, बाइबल या कुरान जैसी महिमा मिलनी चाहिए? इधर, द लांसेट ने अपने संपादकीय में कोविड-19 महामारी की हैंडलिंग […]
तृतीय क्रूश युद्ध (1188-1192) लूटपाट, डकैती और बलात्कार जब शासन के प्रमुख उद्देश्यों में सम्मिलित हो जाते हैं तो सर्वत्र अराजकता फैल जाती है। अराजकता का प्रतिशोध भी अराजकता से ही दिया जाता है। जिससे सर्वत्र महाविनाश होने लगता है। जब संसार में मजहबी शासकों के विजय अभियानों की आँधी उठी तो इन आंधियों […]
डॉ आनंद पाटील भारत में समस्या यह है कि हम ग़लत को ग़लत भी नहीं कह सकते क्योंकि तथाकथित धर्मनिरेपक्ष ‘सेक्यूलर’ बेईमान तुरंत उन्हें ‘सांप्रदायिकता का ओवरकोट’ पहनाकर मीडिया, सोशल मीडिया में प्रचारित करने में जुट जाते हैं कि देखो कैसे ‘हिंदुत्व जाग उठा’, देखो कि कैसे अल्पसंख्यक शांतिप्रिय मुसलमानों के साथ ‘लिचिंग’ की […]
बंगाल जल रहा है परंतु कुछ लोग तमाशा देख रहे हैं। दिल्ली दंगों मे भी इनहोने इसी तरह मजा लिया था। सफूरा जरगर को जमानत मिलने पर कुछ लोग सोशियल मीडिया पर इस तरह नाच रहे थे कि उसके सामने सावन मे मोर का नाच भी फीका पड़ गया। उनमे एक अल्ट्रा सेक्यूलर लेखक […]
डॉ आनंद पाटील हंसराज रहबर के ग्रंथ ‘नेहरू बेनकाब’ (भगतसिंह विचार मंच, दिल्ली 2005) के आमुख में लिखित वृतांत– “शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कड़वी दवा का सेवन और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कड़वे सत्य का सेवन आवश्यक है।” (पृ. 5) पर सबका ध्यानाकर्षण अनिवार्यतः आमंत्रित है। आगे इसी ग्रंथ में उनका परामर्श प्रकारांतर से […]
द्वितीय क्रूश युद्ध (1147-1149) जब सन् 1144 में मोसल के तुर्क शासक इमादुद्दीन ज़ंगी ने एदेसा को ईसाई शासक से छीन लिया तो पोप से सहायता की प्रार्थना की गई और उसके आदेश से प्रसिद्ध संन्यासी संत बर्नार्ड ने धर्मयुद्ध का प्रचार किया। किसी संत का इस प्रकार युद्ध का प्रचार करना फिर मानवता […]
अमेरिका से बंगाल के बारे में ऐसी भयानक रिपोर्ट जिसने पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर दी है। कभी भारतीय संस्कृति का प्रतीक माने जाने वाले बंगाल में आज जो हुआ है वह किसी से छिपा नहीं है। हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक दंगे काफी समय से होने लगे हैं और अब स्थिति यह हो गई […]
विचारशून्य हिन्दू आज के अरबपति और स्वयंभू बने तथाकथित गुरु चाहते हैं कि हिन्दू विचार शून्य बना रहे। इसी कारण हिन्दू युवा नास्तिक हो रहा है। नौकरी चाहिए, व्यापार चाहिए, किसी को संतान चाहिए तो किसी को बीमारी से छुटकारा, जो हाथ से गया और जो पास में हैं, वह बचा रहे उसके लिए भी […]