विकास सारस्वत केरल में वर्तमान कम्युनिस्ट सरकार ने केरल में पत्तनम में एक पामा NGO द्वारा उत्खनन की रिपोर्ट को आधार बनाकर यह सिद्ध करने का प्रयास यह स्थल ईसा पूर्व 1000 वर्ष पुराना है। पुरातत्व विभाग द्वारा इस उत्खनन को न मान्यता नहीं दी गई है और न ही कोई विशिष्ट पुरातत्व अनुसन्धान कर्ता […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
उमेश चतुर्वेदी राजनीति का लक्ष्य जब से सिर्फ सत्ता प्राप्ति तक सीमित हो गया है, तब से हर मुद्दे के पीछे राजनीति ही देखी जाने लगी है। आम लोग भी अब यह समझते हैं कि जहां चुनाव करीब होंगे, वहां के मुद्दों को राजनीतिक आंच पर पकाया जाएगा। आग में घी की तरह उन संवेदनशील […]
रोमिला थापर आदि वामपन्थी इतिहासकार बड़े गर्व से कहते हैं कि उन्होंने कोई भारतीय साहित्य नहीँ पढ़ा है। वे भारतीय साहित्य से घृणा करते हैं तथा उसे समझने में भी असमर्थ हैं। २००४ में संसद अनेक्सी में डाॅ कर्ण सिंह जी ने मुझे महाभारत कालीन ज्योतिष पर भाषण के लिये निमन्त्रित किया था। भाषण आरम्भ […]
( लेखक : डॉ शंकर शरण ) हमारे देश की पाठ्य-पुस्तकों में जवाहरलाल नेहरू का गुण-गान होते रहना कम्युनिस्ट देशों वाली परंपरा की नकल है। अन्य देशों में किसी की ऐसी पूजा नहीं होती जैसी यहाँ गाँधी-नेहरू की होती है। अतः जैसे रूसियों, चीनियों ने वह बंद किया, हमें भी कर लेना चाहिए। वस्तुतः खुद […]
♦️भारत में सेक्युलर इस कल्पना में हैं कि धर्मांतरण करने से कोई हानि नहीं है, गरीबों को रोजी-रोटी मिल रही है; लेकिन वास्तविकता क्या है वे कुछ भोले भारतवासी नहीं समझ पाते हैं। जैसे अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कंपनी खोलने के बाद भारत पर अपनी सत्ता जमा ली और भारतवासियों पर अनगिनत अत्याचार किये और […]
मृत्युंजय दीक्षित महंत नरेंद्र गिरि जी का संत समाज में बहुत सम्मान था। वह एक ऐसे संत थे जिन्होंने विश्व हिंदू परिषद के पूर्व दिवंगत नेता अशोक सिंहल जी के देहावसान के बाद देशभर के संत समाज को एक मंच पर लाने का अनुकरणीय काम किया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि […]
प्रोफेसर टीजे जोसेफ केरल के एक कॉलेज में मलयालम पढ़ाने वाले प्रोफेसर पर साल 2010 में ईशनिंदा का आरोप मढ़ कर कट्टरपंथियों ने हमला किया था। इस हमले में उनके हाथ काटे गए थे। अब उन्हीं टीजे जोसेफ नामक प्रोफेसर का संस्मरण बाजार में अंग्रेजी भाषा में अनुवाद होकर आया है। इसमें उन्होंने बताया है […]
डंके की चोट पर बाईबिल का खंडन एवं इसाईयत की समीक्षा पढ़ने के लिये सत्यार्थप्रकाश का १३वां समुल्लास जरुर पढ़े- अभी कुछ महीने पहले ही नई यूनिट में ट्रान्सफर आया हूँ चूँकि पिछली यूनिट में कई लोगों ने मेरी छवि एक सांप्रदायिक कट्टर हिन्दू की बना दी थी और कुछ लोगों ने मुझे इस्लाम और […]
वर्ष 1979, जनवरी का महीना था। पश्चिम बंगाल के दलदली सुंदरबन डेल्टा में मरीचझापी नामक द्वीप पर बांग्लादेश से भागे करीब 40,000 शरणार्थी एकत्रित हो चुके थे। मुख्यतः नामशूद्र दलित हिंदुओं का यह समूह उस महापलायन के क्रम में छोटी-सी एक कड़ी थी जिसमें बंग्लादेश बन जाने के बाद से लगभग 1 करोड़ उत्पीड़ित हिंदू […]
आजादी के पूर्व 1937 में गांधीजी के आदेश पर देश मे धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाने के लिए ‘वर्धा शिक्षा समिति’का पाठयक्रम तैयार किया। इस पाठ्यक्रम में अरबी,फारसी ,उर्दू और हिंदी को जोड़ कर एक नई भाषा तैयार की गई। जिसे “हिंदूस्तानी भाषा” का नाम दिया गया। इस भाषा मे हिंदी शब्दों को मात्र दस प्रतिशत […]