विजय मोहन तिवारी अभी दो ताजे वीडियो आए। पहला राजौरी की एक मस्जिद में एक मौलाना की मारक तकरीर का, जो “द कश्मीर फाइल्स’ से बौखलाया हुआ लगा और दूसरा एक जोशीले जवान का, जो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को गरिया रहा है। दोनों में एक बात बड़े जोर से कही गई-“हमने इस मुल्क पर 800 […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज शिक्षा संस्थानों और मीडिया द्वारा फैलाये गये व्यापक अज्ञान का यह कारण है कि कुछ उत्साहित नवशिक्षित हिन्दू इस कल्पना से प्रसन्न हो रहे हैं कि उच्चतर माध्यमिक या माध्यमिक कक्षाओं में गीता, कुरान और बाईबिल का सार साथ-साथ पढ़ाया जायेगा। अपनी मूढ़ता में मग्न वे मान रहे हैं कि गीता […]
शंकर शरण हमारे दल विविध इस्लामी नेताओं संस्थानों संगठनों आदि को सम्मान अनुदान संरक्षण तो देते रहते हैं पर उनके काम का आकलन कभी नहीं करते। तब्लीगी जमात का नाम अभी घर-घर पहुंच जाने के बाद भी उसके काम और उद्देश्य के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। पूछने पर बड़े-बड़े विद्वान और नेता […]
-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार,वीर सावरकर फ़ाउंडेशन ——————————————— स्वाधीनता के बाद भारत का इतिहास भारत के उन दुश्मनों ने लिखा जो भारतीयता, हिंदी और हिंदुत्व से घृणा करते थे। उन्होंने मुगलों को हिंदुस्तान के लिए एक वरदान सिद्ध करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू […]
डॉ. विवेक आर्य महात्मा गाँधी के जीवन को मैं जितना पढ़ता जाता हूँ। उतना मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचता हूँ कि वर्तमान में देश की जितनी भी समस्याएं है। उन सभी की जड़ में उनका एकपक्षीय चिंतन है। अति-अहिंसावाद और मुस्लिम तुष्टिकरण की उनकी विचारधारा में देश के विभाजन होने एवं लाखों हिन्दुओं की हत्या […]
डॉ. विवेक आर्य (23 मार्च भगत सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर विशेष) ‘मैं नास्तिक क्यों हूँ? शहीद भगत सिंह की यह छोटी सी पुस्तक वामपंथी, साम्यवादी लाबी द्वारा आजकल नौजवानों में खासी प्रचारित की जा रही है, जिसका उद्देश्य उन्हें भगत सिंह के जैसा महान बनाना नहीं अपितु उनमें नास्तिकता को बढ़ावा देना […]
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में 8 लोगों की निर्मम हत्या के बाद अब पूरा देश ममता सरकार से सवाल कर रहा है। पीएम मोदी द्वारा घटना पर दुख जताने और कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार से रिपोर्ट माँगने के बीच आज बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घटनास्थल पर लोगों से मिलने जाएँगी। उनकी पार्टी समर्थकों पर […]
#डॉ_विवेक_आर्य हिन्दू समाज में भी यही माना जाता है कि हिंदुस्तान में जितने भी मुस्लमान सूफी, फकीर और पीर आदि हुए हैं, वे सभी उदारवादी थे। हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे। वे भारतीय दर्शन और ध्यान योग की उपज थे। मगर यह एक भ्रान्ति है। भारत देश पर इस्लामिक आकर्मण दो रूपों में हुआ था। […]
प्रशांत पोळ *द कश्मीर फाईल्स* की जबरदस्त सफलता के कारण तमाम वामपंथी और इस्लामिस्ट्स बौखला गए हैं।आज तक खड़ा किया सारा विमर्श उन्हे बिखरता हुआ नजर आ रहा हैं। इसलिए राष्ट्रवाद के इस नए तूफान को भ्रमित करने, वे सोशल मीडिया के तमाम मंचों पर यह प्रश्न उठा रहे हैं, “तब आप क्या कर रहे […]
#डॉ_विवेक_आर्य उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को यह संभवतः यह कम ज्ञात है कि केरल एक ऐसा भूभाग है जहाँ पर अहिन्दू (मुस्लिम +ईसाई) जनसंख्या हिन्दुओं से अधिक हैं। बहुत कम हिन्दुओं को यह ज्ञात होगा कि उत्तरी केरल के कोझिकोड, मल्लपुरम और वायनाड के इलाके दशकों पहले ही हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके थे। […]