भारत में हिन्दू राष्ट्र को लेकर कई बार बहस होती रहती है। 1947 में जब देश का धर्म के नाम पर विभाजन किया गया तो उस दौरान भी भारत को एक हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की प्रबल मांग उठी थी। अतः 30 सितम्बर 1947 को मिलों में काम करने वाले कर्मचारियों एवं मजदूरों के बीच एक भाषण […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
#डॉविवेकआर्य भाग 1 आजकल देश में दलित राजनीति की चर्चा जोरों पर है। इसका मुख्य कारण नेताओं द्वारा दलितों का हित करना नहीं अपितु उन्हें एक वोट बैंक के रूप में देखना हैं। इसीलिए हर राजनीतिक पार्टी दलितों को लुभाने की कोशिश करती दिखती है। अपने आपको सेक्युलर कहलाने वाले कुछ नेताओं ने एक नया […]
इस्लाम में रसूल के खिलाफ बोलने वालो का सर तन से जुदा कर दिया जाता है और बुतपरस्ती अर्थात मूर्ति पूजा करने वालो को काफिर कहा जाता है। काफिर के लिए अनेको इस्लामिक मौलाना यही कहते हैं की मजहबी मोमिनो को काफिरो को इस्लाम कबूल करवाना चाहिए या उन्हें जहन्नुम भेज देना चाहिए । अब […]
हिंदुओं के नए भगवान- पता नहीं हिंदुओं को किस तरह की सनक है। हर कुछ साल में नया भगवान चाहिए। भगवान के नए नए चमत्कार चाहिए। क्योंकि चमत्कार के नाम पर इनकी जेब सेआसानी से पैसा निकलता है। अभी कुछ साल पहले ही एक धार्मिक नगर में बहुत बड़ा साई आश्रम बना जिसकी कीमत करोड़ों […]
भय, प्रलोभन और अंधविश्वास के माध्यम से किसी को अपनी धार्मिक पहचान बदलने के लिए बाध्य करना देश के लिए बड़ा और गंभीर संकट बनता जा रहा है। इस तरह के मतांतरण के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है। शीर्ष न्यायालय का कहना है कि इस पर रोक […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत की बढ़ती आबादी को आखिर कैसे नियंत्रित किया जाये? संयुक्त राष्ट्र संघ की ताजा रपट के मुताबिक दुनिया की आबादी 8 अरब से भी ज्यादा हो गई है। पिछले 50 साल में दुनिया की जनसंख्या जितनी तेजी से बढ़ी है, पहले कभी नहीं बढ़ी। अभी तक यही समझा जा रहा था […]
आज पुरे भारत में दलित जाति के हिन्दूओं को जोर शोर से इसाई बनाया जा रहा रहा है. हिन्दू सो रहा है. प्रायः हिन्दू समझता है कि मत/ मजहब बदलने से कुछ अंतर नहीं पड़ता. सच तो यह है कि मतान्तरण आगे चल कर राष्ट्रान्तरण में बदल जाता है. जो भी मुस्लिम बन जाता है […]
उगता भारत ब्यूरो कांग्रेस सरकारों ने 30 किताबों को रोका…भाजपा ने 5 पर लगाया बैन । किताबें आपकी सच्ची दोस्त और गाइड होती हैं…मगर जरूरी नहीं कि वो जो रास्ता आपको दिखाना चाहती हों, आपकी सरकार उससे सहमत हो। दुनिया भर में अलग-अलग देशों में आज तक हजारों किताबें बैन हो चुकी हैं। किसी किताब […]
ललित गर्ग भ्रष्टाचार से देश को मुक्ति दिलाने के अभियान का सबको समर्थन करना ही चाहिए नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री बनते ही भ्रष्टाचार मुक्त भारत का संकल्प लिया। उन्होंने न खाऊंगा और न खाने दूंगा का शंखनाद किया, उनके दो बार के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने के […]
उमेश चतुर्वेदी अभावग्रस्त भिखारी हों या फिर पर्यटकों को लुभाने वाली दुकानों के मालिक और काउंटरकर्मी, या फिर सामान्य दुकानदार, रिक्शे वाले हों या फटफट ऑटो वाले, उनकी बोली सुन नहीं लगता कि वे उस तमिलनाडु से हैं, जहां की राजनीति अक्सर हिंदी के विरोध में उतरती हैं। स्वाधीनता संग्राम में सपना तो था राष्ट्रभाषा […]