संघ के संस्थापक डॉ.हेडगेवार सच्चे देशभक्त थे | उन्होंने राष्ट्र के संगठन के लिये जो कार्य किये उसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है | उनके उत्तराधिकारी श्री गोलवलकर गुरूजी ने संघ को जो विस्तार दिया,शक्ति बढ़ाई, वह भी अच्छी बात है | परन्तु डॉ.हेडगेवार से हटकर गुरूजी में जो बात थी वह यह कि […]
Category: राजनीति
देश में पलायन की समस्या इतनी विकराल तब दिखी जब कोरोना वायरस के कारण इतनी भारी तादाद में लोग शहरों से ग्रामों की ओर पलायन करने लगे। हालाँकि केंद्र सरकार ने लोगों को विभिन्न शहरों से उनके घरों तक पहुँचाने के लिए विशेष श्रमिक रेलगाड़ियाँ चलाईं हैं परंतु फिर भी कई लोग शहरों से ग्रामों की […]
भारतीय रेलवे और साम्यवादी लेखक
साम्यवादी लोगों की एक विशेष पहचान होती है। ये लोग सदा देश के हित के विरुद्ध लेखन करते है। अब देखिये इस जमात ने अंग्रेजीशासन का गुणगान करते हुए यह लिख दिया कि अंग्रेजी शासन भारत पर उपकार के समान था। अंग्रेजों ने भारतीयों को रेल व्यवस्था दी, डाक व्यवस्था दी। अन्यथा भारतीय इतने गंवार […]
डॉ. अजय खेमरिया राम मंदिर, राफेल, पीएम केयर, कोरोना, प्रवासी मजदूर पर यह झूठ खड़ा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार के आगे नतमस्तक है। इस नए नैरेटिव के बीच सवाल यह है क्या वाकई न्यायपालिका को मौजूदा सत्ता ने भयादोहित कर रखा है ? सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान मोदी सरकार […]
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव बिहार की सियासत हमेशा से अलग तरीके की होती है। यहां एक साथ रहने वाले दल ही अपने सहयोगियों को लगातार आड़े हाथों ले रहे हैं। इस वक्त बिहार भाजपा अपने अंदरुनी कलह की शिकार है या फिर सच बोलने की होड़ लगी है और सबसे चौंकाने वाली बात ये है […]
तारिक फतह पर जावेद अख्तर के हमले के बाद अनेक लोग भारतीय इतिहास में मुस्लिम शासन के गीत गा रहे हैं। यह यहाँ लंबे समय से इतिहास के व्यवस्थित मिथ्याकरण का ही कुफल है। जिन से यह सुधारने की अपेक्षा थी, वे खुद वैचारिक खस्ताहाल हैं। वरना मुस्लिम सत्ताओं का इतिहास दिखाकर मुसलमानों के मानवतावादी […]
प्रवीण गुगनानी पूरे देश में एक अहम प्रश्न चल रहा है कि विभिन्न महानगरों में बसे प्रवासी मजदूरों को किस प्रकार उनके गृह राज्यों में वापिस भेजा जाये। कुछ राज्यों से हजारों बसों और दसियों रेलगाड़ी से मजदूर घर वापिस भेजे भी जा रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों का प्रश्न देश की व्यवस्था के लिये मात्र […]
ओ३म =========== देश में भौतिक उन्नति की बातें बहुत की जाती है और कुछ सीमा तक देश में भौतिक उन्नति हुई भी है। परन्तु यह भी सच है कि इस उन्नति का लाभ देश के सभी नागरिकों को समान रूप से नहीं मिला। इसका प्रमुख कारण देश के नागरिकों का चरित्रवान न होना है। प्राचीन […]
प्रवीण गुगनानी ( वरिष्ठ पत्रकार ) प्रवासी श्रमिकों का प्रश्न देश की व्यवस्था के लिये मात्र सिरदर्द ही नहीं है, संभवतः शीघ्र ही यह समस्या समूची व्यवस्था का नासूर भी बनने जा रही है। अपने गांवों से सैकड़ों किमी बैठा हुआ यह मजदूर देश के कर्णधार राजनीतिज्ञों की निर्णय क्षमता, संवेदनशीलता व समझबूझ हेतु चुनौती […]
दिनेश शुक्ला प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने के 15 महिने बाद ही कुर्सी छोड़ने को मजबूर हो गई। जिसके लिए अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी ही पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की 1 मई को […]