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भारत में 100 करोड जानवर और 35 करोड़ रहते हैं इंसान , तथाकथित शायर मुनव्वर राणा

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  चाहे नसीरुद्दीन शाह हो, मुनव्वर राना हो या फिर राहत इंदौरी हो, इन सबने खुद ही अपने आप को बेनकाब करने का काम किया है। मुनव्वर राना की जमात विटामिन-C यानी, विटामिन-कांग्रेस की कमी से जूझ रही है। उनके अन्नदाता स्वयं हर तरह से बेनक़ाब हो चुके हैं। उनकी अपनी ही झोली […]

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का देश को उत्साहवर्धक और प्रेरणादायक संबोधन

ओ३म् ========== आज दिनांक 12-5-2020 को एक बार पुनः भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने करोना महामारी की चर्चा की और कहा कि इस रोग को हमें रोग से बचाव सम्बन्धी सभी सावधानियों को रखकर पराजित करना है। इसके साथ ही देश की उन्नति सहित निर्धन […]

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हर राष्ट्रभक्त का सपना है कि भारत 1857 के जैसा अखंड बने

“महात्मा गांधी जी की हिंदू-मुस्लिम एकता की विधि दूषित थी और उक्त लक्ष्य के विरुद्ध बैठी थी । उसका परिणाम 1946 – 47 के प्रचंड हत्याकांडों में प्रकट हुआ और अंत में देश – विभाजन हुआ , जिसके दु:खद परिणाम होने की संभावना तब तक बनी रहेगी , जब तक यह विभाजन स्थिर रहेगा।” —- […]

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न्यायपालिका को सत्ता की पटरानी बनाने के पुराने तरीके

डॉ अजय खेमरिय सुप्रीम कोर्ट ने लॉक डाउन के दौरान मोदी सरकार के विरुद्ध लाई गईं तीन याचिकाएँ न केवल खारिज की है बल्कि प्रशांत भूषण जैसे वकील को चेतावनी जारी कर यहां तक कहा कि आप पीआईएल लेकर आये है या पब्लिसिटी याचिका।सप्रीम कोर्ट का यह कहना कि अगर हम आपके मन मुताबिक निर्णय […]

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संघ व कट्टरपन्थी हिंदुओं का आर्य समाज के प्रति दृष्टिकोण

संघ के संस्थापक डॉ.हेडगेवार सच्चे देशभक्त थे | उन्होंने राष्ट्र के संगठन के लिये जो कार्य किये उसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है | उनके उत्तराधिकारी श्री गोलवलकर गुरूजी ने संघ को जो विस्तार दिया,शक्ति बढ़ाई, वह भी अच्छी बात है | परन्तु डॉ.हेडगेवार से हटकर गुरूजी में जो बात थी वह यह कि […]

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आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख राजनीति

भारत में पलायन की समस्या का हल कैसे हो

देश में पलायन की समस्या इतनी विकराल तब दिखी जब कोरोना वायरस के कारण इतनी भारी तादाद में लोग शहरों से ग्रामों की ओर पलायन करने लगे। हालाँकि केंद्र सरकार ने लोगों को विभिन्न शहरों से उनके घरों तक पहुँचाने के लिए विशेष श्रमिक रेलगाड़ियाँ चलाईं  हैं परंतु फिर भी कई लोग शहरों से ग्रामों की […]

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भारतीय रेलवे और साम्यवादी लेखक

साम्यवादी लोगों की एक विशेष पहचान होती है। ये लोग सदा देश के हित के विरुद्ध लेखन करते है। अब देखिये इस जमात ने अंग्रेजीशासन का गुणगान करते हुए यह लिख दिया कि अंग्रेजी शासन भारत पर उपकार के समान था। अंग्रेजों ने भारतीयों को रेल व्यवस्था दी, डाक व्यवस्था दी। अन्यथा भारतीय इतने गंवार […]

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न्यायपालिका के दबाव में होने का दुष्प्रचार करने वाले जरा गिरेबाँ में झाँक कर देखें

डॉ. अजय खेमरिया राम मंदिर, राफेल, पीएम केयर, कोरोना, प्रवासी मजदूर पर यह झूठ खड़ा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार के आगे नतमस्तक है। इस नए नैरेटिव के बीच सवाल यह है क्या वाकई न्यायपालिका को मौजूदा सत्ता ने भयादोहित कर रखा है ? सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान मोदी सरकार […]

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केंद्र की रहमदिली पर प्रदेश भाजपा में मची घमासान , नीतीश की जय

– मुरली मनोहर श्रीवास्तव बिहार की सियासत हमेशा से अलग तरीके की होती है। यहां एक साथ रहने वाले दल ही अपने सहयोगियों को लगातार आड़े हाथों ले रहे हैं। इस वक्त बिहार भाजपा अपने अंदरुनी कलह की शिकार है या फिर सच बोलने की होड़ लगी है और सबसे चौंकाने वाली बात ये है […]

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तारिक फतह पर हमला और भारतीय इतिहास की गलत व्याख्या

तारिक फतह पर जावेद अख्तर के हमले के बाद अनेक लोग भारतीय इतिहास में मुस्लिम शासन के गीत गा रहे हैं। यह यहाँ लंबे समय से इतिहास के व्यवस्थित मिथ्याकरण का ही कुफल है। जिन से यह सुधारने की अपेक्षा थी, वे खुद वैचारिक खस्ताहाल हैं। वरना मुस्लिम सत्ताओं का इतिहास दिखाकर मुसलमानों के मानवतावादी […]

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