’ – मुरली मनोहर श्रीवास्तव बिहार विधानसभा चुनाव में जहां कल तक एनडीए और महागठबंधन के बीच वाकयुद्ध और राजनीतिक लड़ाई जारी थी। वहीं आज की तारीख में एनडीए और महागठबंधन अंदरुनी कलह से जुझ रहा है। महागठबंधन में कल तक जहां कांग्रेस, राजद, रालोसपा, वीआईपी एक साथ थे वहीं सीटों के बंटवारे को लेकर […]
Category: राजनीति
अजय कुमार कांग्रेस के गांधी परिवार और उनके इर्दगिर्द घूमने वाले तमाम नेताओं ने यह गलतफहमी पाल ली है कि वह भीड़तंत्र के सहारे सच को झूठ और झूठ को सच का लबादा पहना सकते हैं। कांग्रेस का मौजूदा नेतृत्व बार-बार हर चुनाव में भीड़तंत्र को ही जनाक्रोश समझने की भूल कर रहता है। 21वीं […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक बिहार के चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी, कहा नहीं जा सकता। यदि दो प्रमुख गठबंधन सही-सलामत रहते तो उनमें से किसी एक की सरकार बन सकती थी। एक तो नीतीश कुमार का और दूसरा लालू प्रसाद का। लेकिन बिहार में अब चार गठबंधन बन गए हैं। नीतीश कुमार के गठबंधन में […]
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव बिहार की सियासत में एनडीए और महागठबंधन अपने सहयोगियों से पहले से ही परेशान हैं। महागठबंधन की अगर बात करें तो इसमें सहयोगी दल हम, रालोसपा, वीआईपी ने दूरी बना ली वहीं एनडीए में जहां तीन दल थे भाजपा-जदयू और लोजपा उसमें लोजपा की अतिमहत्वाकांक्षा ने एनडीए में भी परेशानी खड़ी […]
ललित गर्ग बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां एवं सरगर्मियां चरम पर हैं, वहां चुनावी चैसर अब लगभग बिछ चुकी है। कुल मिलाकर इस बार मुकाबला जेडीयू-बीजेपी बनाम आरजेडी-कांग्रेस-कम्युनिस्ट का बनता दिख रहा है। एनडीए में दरार पड़ चुकी है और लोजपा ने स्वतंत्र चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह चुनाव अनेक दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण […]
ललित गर्ग चुनावों पर कोरोना महामारी की स्थितियों का भी प्रभाव देखने को मिले तो कोई बड़ी बात नहीं है। ‘सुशासन बाबू’ के रूप में बनी नीतीश बाबू की छवि में पिछले पांच सालों में भारी गिरावट हुई है और राज्य में प्रशासनिक अक्षमता चर्चा में रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां एवं सरगर्मियां […]
अजय कुमार समझ में नहीं आता है क्यों हमारे राजनीतिक दल इस ताक में बैठे रहते हैं कि विरोधी दल के राज्य में कोई गंभीर घटना घटे तो वे वहां दौड़ लगाएं? क्या इस तरह की गिद्ध राजनीति से समाज की उस मानसिकता का निदान हो जाएगा। भगवान सब को एक समान धरती पर भेजता […]
काफी पहले की बात है जब गुजरात में प्लेग फैल गया था। सन 1994 का साल था और अख़बारों में वहां से भाग रहे लोगों और मौतों का आंकड़ा दिखने लगा था। कहने को तो इसे कई बार गुजरात प्लेग या सूरत प्लेग कहा जाता है, लेकिन आंकड़े देखें तो नजर आता है कि गुजरात […]
धरमलाल कौशिक कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी ‘फसल बिकने के बाद 48 घंटों में उठाव और निर्धारित समय में भुगतान’ का वादा किया था लेकिन किसान कभी नहीं भूलेंगे कि अब नयी फसल आने को है लेकिन आज तक किसानों को धान की पूरी कीमत नहीं दे पायी है प्रदेश सरकार। अर्थशास्त्र का […]
राकेश सैन यह संयोग ही है कि अपनी स्थापना के सौ सालों के बाद अकाली दल पुन: उसी मार्ग पर खड़ा दिखाई दे रहा है जब उसे राष्ट्र हितों और अलगाववाद के बीच भेद करना पड़ रहा है तो उसे भविष्य में फूंक-फूंक कर कदम उठाने होंगे। कृषि कानून-2020 के चलते शिरोमणि अकाली दल ने […]