जब राजनीति विश्वास के संकट से गुजर रही हो तब कुछ ऐसे हसीन चेहरे दिखाई देना सचमुच आश्चर्य पैदा करता है जो अपनी विश्वसनीयता के कारण पहचाने जाते हैं । राजनीति में विश्वसनीयता ही वह पायदान है जिस पर चढ़कर कोई भी प्रतिनिधि लोकप्रियता प्राप्त करता है । यदि आपकी कार्यशैली जनहित के विरुद्ध है […]
श्रेणी: राजनीति
”अपनी नीति तो अपनाओ, लेकिन शत्रु की युद्ध नीति को समझना भी उतना ही आवश्यक है। युद्ध में अपने शत्रु की भान्ति सोचना भी आवश्यक है। जो भी नीति हो, उसे गुप्त रखो। उसे केवल अपने कुछ विश्वासपात्र सहयोगियों को बताओ। अच्छे के लिए सोचो, पर बुरे से बुरे के लिए भी उद्यत रहो।” […]
सरकार की ओर से मजहबी तालीम दिए जाने की संविधान विरोधी भावना पर रोक लगाने का असम सरकार ने देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय और ऐतिहासिक फैसला लिया है । ज्ञात रहे कि हमारा संविधान धर्म, जाति, लिंग और संप्रदाय के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव की मनाही करता है। परंतु […]
– ललित गर्ग – बिहार की राजनीति में चमत्कार घटित करने वाले, भारतीय दलित राजनीति के शीर्ष नेता एवं केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री रामविलास पासवान का निधन भारतीय राजनीति की एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी की वर्ष 2000 में स्थापना की एवं संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से उनका राजनीति सफर शुरु हुआ। […]
’ – मुरली मनोहर श्रीवास्तव बिहार विधानसभा चुनाव में जहां कल तक एनडीए और महागठबंधन के बीच वाकयुद्ध और राजनीतिक लड़ाई जारी थी। वहीं आज की तारीख में एनडीए और महागठबंधन अंदरुनी कलह से जुझ रहा है। महागठबंधन में कल तक जहां कांग्रेस, राजद, रालोसपा, वीआईपी एक साथ थे वहीं सीटों के बंटवारे को लेकर […]
अजय कुमार कांग्रेस के गांधी परिवार और उनके इर्दगिर्द घूमने वाले तमाम नेताओं ने यह गलतफहमी पाल ली है कि वह भीड़तंत्र के सहारे सच को झूठ और झूठ को सच का लबादा पहना सकते हैं। कांग्रेस का मौजूदा नेतृत्व बार-बार हर चुनाव में भीड़तंत्र को ही जनाक्रोश समझने की भूल कर रहता है। 21वीं […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक बिहार के चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी, कहा नहीं जा सकता। यदि दो प्रमुख गठबंधन सही-सलामत रहते तो उनमें से किसी एक की सरकार बन सकती थी। एक तो नीतीश कुमार का और दूसरा लालू प्रसाद का। लेकिन बिहार में अब चार गठबंधन बन गए हैं। नीतीश कुमार के गठबंधन में […]
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव बिहार की सियासत में एनडीए और महागठबंधन अपने सहयोगियों से पहले से ही परेशान हैं। महागठबंधन की अगर बात करें तो इसमें सहयोगी दल हम, रालोसपा, वीआईपी ने दूरी बना ली वहीं एनडीए में जहां तीन दल थे भाजपा-जदयू और लोजपा उसमें लोजपा की अतिमहत्वाकांक्षा ने एनडीए में भी परेशानी खड़ी […]
ललित गर्ग बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां एवं सरगर्मियां चरम पर हैं, वहां चुनावी चैसर अब लगभग बिछ चुकी है। कुल मिलाकर इस बार मुकाबला जेडीयू-बीजेपी बनाम आरजेडी-कांग्रेस-कम्युनिस्ट का बनता दिख रहा है। एनडीए में दरार पड़ चुकी है और लोजपा ने स्वतंत्र चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह चुनाव अनेक दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण […]
ललित गर्ग चुनावों पर कोरोना महामारी की स्थितियों का भी प्रभाव देखने को मिले तो कोई बड़ी बात नहीं है। ‘सुशासन बाबू’ के रूप में बनी नीतीश बाबू की छवि में पिछले पांच सालों में भारी गिरावट हुई है और राज्य में प्रशासनिक अक्षमता चर्चा में रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां एवं सरगर्मियां […]