त्योहार के इस मौसम में ये पता लगाना दिलचस्प होगा कि भारत ने चीन से कितना माल आयात किया. अमेज़न और फ़्लिपकार्ट पर व्हाइट गुड्स की ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को अंदाज़ा हो गया होगा कि ऑर्डर किए गए अधिकतर सामान पर ‘मेड इन चाइना’ की मुहर लगी हुई थी. चीन के आंकड़ों के अनुसार, […]
श्रेणी: राजनीति
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ एक हफ्ते में दूसरी बार चर्चा में है। किताब के एक हिस्से में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी का जिक्र है। ओबामा के मुताबिक, सोनिया ने मनमोहन सिंह को इसलिए प्रधानमंत्री बनाया, क्योंकि वो चाहती थीं कि राहुल गांधी के […]
चलो देर आए, दुरुस्त आए। वास्तव में कांग्रेस का पतन उसी दिन से शुरू हो गया था, जिस दिन तत्कालीन अध्यक्ष सीताराम केसरी को पार्टी ऑफिस से बाहर फेंक, सोनिया गाँधी को अध्यक्ष बना दिया गया था। उसे भी बर्दाश्त किया गया, लेकिन अयोध्या में राममंदिर मुद्दे पर जनता को भ्रमित करने के साथ-साथ […]
रमेश सर्राफ धमोरा बिहार के चुनाव परिणामों ने देशभर में दरकते एनडीए के रिश्तों को एक बार फिर नए सिरे से मजबूती प्रदान की है। जनता दल (यू) को कम सीटें मिलने पर भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने से भविष्य में एनडीए में और नए दलों के शामिल होने का रास्ता खुलेगा। बिहार विधानसभा […]
मनोज कुमार किसी भी किस्म के चुनाव में मुद्दों की बड़ी अहमियत होती है लेकिन मध्यप्रदेश के हालिया उप-चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की विनम्रता ने परिणाम को बदल दिया। मध्यप्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार 28 सीटों पर उप-चुनाव की नौबत आयी और यह मन बनाने की कोशिश की गई कि दल-बदलुओं को […]
बिहार चुनाव परिणाम मेरी दृष्टि में हारे तो सिर्फ नीतीश और सोनिया हैं। लगभग सभी राजनीतिक विश्लेषकों ,पंडितों, महाघाघ पंडितों, ‘प्री पोल’ और ‘पोस्ट पोल’ के हवा-हवाई वैज्ञानिकों एवं मोदी विरोध के लिए ही जीवित रह रहे स्वनामधन्य महानुभावों के अनुमान, भविष्वाणी तथा मनगढ़ंत सारे कयासों पर अस्वीकृति का ठप्पा लगते हुए बिहार की जनता […]
डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र बिहार में सत्तासीन जेडीयू की सीटों का कम होना और आरजेडी का बढ़त लेना भी इस ओर संकेत करते हैं। कोरोना के संकटकाल में बिहार विधानसभा के पक्ष-विपक्ष की जो भूमिका बिहार की जनता ने देखी और अनुभव की उसी के अनुरूप परिणाम देकर उसने अपनी जागरूकता प्रमाणित की है। बिहार चुनाव […]
ललित गर्ग अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल लोगों की उम्मीदों के साये तले वंशवादी राजनीति की त्रासद सच्चाई पर मंथन करें। नरेन्द्र मोदी की जादुई एवं करिश्माई राजनीति की सफलता का एक बड़ा कारण वंशवादी राजनीति को नकारना है। बिहार विधानसभा के चुनाव परिणामों से एक बात स्पष्ट हो गयी है […]
ललित गर्ग शांतिपूर्ण शासन व्यवस्था एवं सुशासन के लिये जरूरी है कि आम-जनजीवन में कम-से-कम सरकारी औपचारिकताएं हों, कानून कम हो, सरकारी विभाग कम-से-कम हों। कुछ राज्य ऐसे हैं जहां 20-25 सरकारी विभाग होने चाहिए, लेकिन उनकी संख्या 50-60 से अधिक है। सत्ता एवं समाज को विनम्र करने का हथियार मुद्दे या लॉबी नहीं, पद […]
जब रुतबा ,सत्ता , शोहरत और दौलत आदमी के हाथ से खिसकती हैं और उसे यह अहसास होता है कि अब यह कभी जिंदगी में लौट कर नहीं मिलेंगी तो उसकी हालत कैसी होती है ? इस बात को समझने के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं है ,फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को […]