सैन्य तख्ता पलट संबंधी इँडियन एक्सप्रेस की खबर ने एक नया बवाल खड़ा कर दिया है। बवाल का एक पक्ष यह है कि भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों में साठ सालों से विश्वास करने वाली भारतीय सेना ने जनवरी माह में तख्ता पलट करने की कोशिश की थी। बवाल का दूसरा पक्ष यह है कि एक केंद्रीय […]
श्रेणी: राजनीति
अभी अभी हम ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका) की आर्थिक मोर्चेबंदी की सुर्खियों को पढ़ पढक़र मगन हो रहे थे और भारत चीन के संबंधों की नई-नई संभावनाएं तलाश रहे थे। लेकिन ब्रिक्स की प्रगति पर चीन ने जल्दी ही ब्रेक्स लगा दिये हैं। चीन ने भारत की आर्थिक मोर्चे पर हो […]
इतिहास साक्षी है कि न्यायधर्म व मानवता को छोडकर विद्वेषपूर्ण शत्रुता की भावना से बनाई गयी कुटनीति कुछ काल के पश्चात चलाने वालों की भी मौत का कारण बनती है। दूसरों का धन, मान, जीवन, चरित्र तथा संस्थाओं के हत्यारे एक दिन एक दूसरे के ही सुख शांति तथा संपदा के हत्यारे बन जाते हैं। […]
-बालेन्दु शर्मा दाधीच इंटरनेट के मुद्दे पर भारत गलत कारणों से चर्चा में है। दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने फेसबुक, गूगल और एमएसएन जैसे इंटरनेट दिग्गजों को यह निर्देश देने की (नाकाम) कोशिश की है कि उनकी साइटों पर जाने-माने लोगों (राजनेताओं), समुदायों (धार्मिक गुटों) आदि के बारे में कोई ‘आपत्तिजनक सामग्री’ दिखाई नहीं देनी […]
-अरुण नेहरूहम वैशिवक दबाव से मुक्त नहीं हैं और एक दशक तक उच्च जीडीपी के बाद हम 7 प्रतिशत या उससे भी कम दर तक लुढ़क सकते हैं और इसका हमारे जीवन के हर पहलू पर असर होगा। मुद्रास्फीति को लेकर यूपीए दबाव में है और भ्रष्टाचार के मामलों ने गठबंधन को कमजोर किया है। […]
मुज़फ्फ़रनगर। अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा हैं कि उत्तर प्रदेश के विभाजन सम्बन्धी मायावती सरकार के प्रस्ताव का हिन्दू महासभा सशर्त समर्थन करती हैं। परन्तु इसके लिए आवश्यक हैं कि प्रदेश सरकार नये प्रदेश के गठन के बारे में पहले ही सोच समझकर निर्णय ले, प्रशासनिक दृष्टि […]
उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन में उत्तर प्रदेश की कु॰ मायावती सरकार के प्रस्ताव से छोटे राज्यों की ओर लोगों का ध्यान पुन: गया हैं । संविधान लागू होने के बाद से 1950 से लेकर अब तक आंध्रप्रदेश (1953 आंध्रप्रदेश एक्ट, मद्रास राज्य से अलग करके) केरल (1956 त्रावणकोर और कोचीन को मिलकर ) कर्नाटक (1956, […]
देश में गैर कांग्रेसवाद की अलख जगाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया चाहते थे कि दुनिया भर के सोशलिस्ट एकजुट होकर मजबूत मंच बनाए। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. तुलसी राम कहते हैं कि लोहिया भारतीय राजनीति में गैर कांग्रेसवाद के शिल्पी थे और उनके अथक प्रयासों का फल […]
धर्मनिष्ठ राजनीति और स्वामी दयानंद गतांक से आगे… ग्राम पँचायतों का संगठन: हमारे संविधान का अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों की व्यवस्था करता है। महर्षि दयानन्द देश में ग्राम पंचायतों के समर्थक थे। उन्होंने महर्षि मनु द्वारा प्रतिपादित ग्राम प्रशासन व्यवस्था को उचित माना, और तत्सम्बन्धी श्लोकों को उद्धृत करते हुए कहा ‘एक’-एक ग्राम में एक […]
कुलदीप नायर एक लोकतांत्रिक प्रणाली में राजनीतिक दल बिरले ही कभी एक पक्ष में होते हैं। उनके अपने-अपने एजेंडे हैं और अपनी ही चिंतन विधा है, और सबसे ऊपर यह कि वे एक ही मायामय लक्ष्य के लिए- जो है संसद में बहुमत की प्राप्ति, उसके लिए ही प्रतिद्वन्द्विता में रत हैं। उस स्थान को […]