उगता भारत: एक चिंतन) देश विकल्पहीनता के कुहासे से बाहर निकल रहा है। बहुत संभावना है कि इस बार चुनाव के उपरांत देश में कोई देवेगौड़ा नही थोपा जाएगा। जनता में पहली बार एक लंबे काल के पश्चात एक नई चेतना सी है, और विशेष खुशी की बात ये है कि देश का युवा वर्ग […]
Category: राजनीति
शिवकुमार गोयलइस माह अप्रैल में पूरे देश में लोकसभा के चुनाव संपन्न होंगे। मतदान के माध्यम से ही हम राष्ट्रभक्त कत्र्तव्यशील तथा बेदाग प्रतिनिधियों के हाथों केन्द्र की बागडोर सौंप सकते हैं।विगत दो दशकों से केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार रही है। इस सरकार ने भ्रष्टाचार, अनाचार तथा अन्य सभी बुराईयों के रिकार्ड […]
कन्हैया झाअगले माह देश में आम चुनाव होने वाले हैं। देश की दो मुख्य पार्टियों के अलावा अनेक राज्य स्तरीय पार्टियां मैदान में हैं। पिछले एक वर्ष में सभी पार्टियों के छोटे-बड़े सभी नेताओं ने एक दूसरे के प्रति खूब विष-वमन किया है और चुनाव के बाद भी संसद में एक दूसरे के प्रति यह […]
उत्तर प्रदेश पर है सब पार्टियों की नजर
राजनीतिक विश्लेषण (उ. भा.)गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश ने भारतीय राजनीति में पहले दिन से ही अपनी खासी जगह बनायी है। इस प्रदेश ने अब तक कुल 8 प्रधानमंत्री देश को दिये हैं। इन प्रधानमंत्रियों में जहां देश के पहले तीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी सम्मिलित रहे हैं, वही चौधरी चरण सिंह, […]
शिक्षा एक बार फिर नही बनी चुनावी मुद्दा
रमेश पाण्डेयशिक्षा देश और समाज की उन्नति का आईना हुआ करती है। भारत की आजादी के 65 वर्ष बाद यहां की आबादी साढ़े तीन गुना बढ़कर 1.20 अरब हो गई है। बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के करीब छह लाख पद रिक्त हैं। सर्व शिक्षा अभियान पर हर साल 27 हजार करोड़ रुपए खर्च किए […]
मुसलमानों को कांग्रेस ने सिर्फ धोखा दिया
डा. मनीष कुमारयह मुसलमानों को याद करने का मौसम है। उनकी समस्याओं पर बहस का मौसम है। यह मुसलमानों को ख़तरे बताने का मौसम है। यह मुसलमानों को डराने का मौसम है। यह चुनाव का मौसम है। यही वजह है कि हर राजनीतिक दल में मुसलमानों के प्रति प्रेम उमड़ रहा है। मुसलमानों के दु:ख […]
नेताओं की छोटी बातों से बिगड़ता माहौल
2014 के लोकसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है। सारी चुनावी प्रक्रिया 9 चरणों में पूर्ण होगी। 16 मई को 16 वीं लोकसभा के गठन की पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी, जब मतगणना होकर यह पता चलेगा कि देश का नेतृत्व अब राजग के हाथों होगा या संप्रग या किसी तीसरे या चौथे मोर्चे के […]
…और अब युवा बदलेंगे भारत की तस्वीर
प्रमोद भार्गवदेश की नई लोकसभा की तकदीर लिखने में युवाओं की भूमिका अहम होगी। लिहाजा सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की निगाहें युवाओं पर टिकी हैं। कुल 81 करोड़ मतदाताओं मे से 14 करोड़ 93 लाख 60 हजार मतदाता ऐसे होंगे, जिन्हें मतदान का पहला मौका मिलेगा। जबकि 18 से 35 साल के युवा मतदाताओं की […]
प्रमोद भार्गवविपक्ष ने एक सुर में सुर मिलाकर सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा रोकथाम (न्याय एवं क्षतिपूर्ति) विधेयक 2011 को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया। इस विधेयक के जरिए केंद्र की यूपीए सरकार विशुद्ध रूप से वोट बैंक मजबूत करने की कुटिल राजनीति पर उतारू थी। सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्र की रिपोटेज़्ं भी इसी […]
आज भी सबसे अलग है कांग्रेस
आर0डी0 बाजपेयीलखनऊ। लोकसभा चुनाव में नारेन्द्र मोदी बनाम राहुल गांधी के साथ एक नाम अरविन्द केजरीवाल का भी हैं जिनका मुकाबला चुनाव के दौरान देखने को मिलेगा। इन तीनों की नजर केन्द्र की सत्ता पर है। बीच बीच में तीसरा मोर्चा अपनी उपस्थित दर्ज करवाता रहता है। लेकिन इनके बीच कांग्रेस आज भी सबसे अलग […]