राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति भवन में भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों के अध्यक्षों, बोर्ड ऑफ गवर्नेंस और निदेशकों के एक दिवसीय सम्मेलन का उद्धाटन किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर आईआईटी को राष्ट्र का ज्ञान नेता बताते हुए उनसे यह पता लगाने का अनुरोध किया कि शिक्षा की गुणवत्ता को कैसे सुधारा जा सकता […]
Category: राजनीति
भारत अपना 68वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह दिवस हमारे हजारों, लाखों शहीदों और क्रांतिकारियों की बलिदानी गाथा की पावन स्मृतियों को संजोकर लाता है। हर देशवासी इस दिन अपने उन नाम अनाम असंख्य बलिदानियों का पावन स्मरण कर उन्हें अपने श्रद्घासुमन अर्पित करता है। पूरे देश की ओर से देश का प्रधानमंत्री लालकिले […]
अनुच्छेद ३७० संघीय संविधान में एक अस्थायी और संक्रमणकालीन व्यवस्था थी । राज्य की संविधान सभा द्वारा जम्मू कश्मीर रियासत के भारत में अधिमिलन की पुष्टि कर दिये जाने के पश्चात् इस की उपयोगिता स्वत समाप्त हो गई थी । काल प्रवाह में जम्मू कश्मीर में संक्रमण काल भी समाप्त हो गया । इससे इस […]
प्रस्तुति पं. बाबा नंदकिशोार मिश्र हिंदू महासभा 1939 में ही स्वातंन्त्रय वीर सावरकर द्वारा दिये गये एक सुस्पष्ट आहवान का पुन: उद्घोष करती है कि राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैनिकीकरण किया जाए। यद्यपि हिंदू महासभा के उपरोक्त आदर्श का प्रारंभ में कांग्रेस ने उपहास किया था किंतु 1962 ई. में उसके सामने भी […]
जब जवाहरलाल नेहरू हो गये थे निरूत्तर
उगता भारत चिंतन बात उस समय की है कि जम्मू-कश्मीर में लागू दो विधान, दो प्रधान और दो निशान की राष्ट्रघाती व्यवस्था के समूलोच्छेदन के लिए श्यामाप्रसाद मुखर्जी कश्मीर जाने की तैयारी कर रहे थे, और उनके व पंडित नेहरू के मध्य हुए पत्राचार से यह स्पष्ट हो गया था कि नेहरू अपनी जिद को […]
आशाओं को सुनहरे पंख देता पहला बजट
(राजनीतिक संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के समय जनता से ‘अच्छे दिनों’ का वायदा किया था। उन्होंने रेलवे के किरायों में वृद्घि करके अपने विरोधियों को विरोध करने का मौका दिया। लेकिन आम बजट पेश करते समय मोदी सरकार ने इस क्षति की पूर्ति करने का बेहतर प्रयास किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली […]
माननीय राहुल गाँधी जी ने आज फिर मुंह खोला और जब माननीय राहुल जी ने मुंह खोला तो हम निट्ठले फेसबुकिये के लिये 10 दिन का लिखने का खुराक मिल गया। माननीय राहूल गाँधी जी के अनुरार वेदप्रताप वैदिक जी संघ के आदमी है। आईये माननीय राहूल गाँधी जी के इस व्यान का पोर्स्टमार्टम करें।कांग्रेस […]
मोदी का मनमोहनी बजट
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट आ गया। हर बजट में हर आदमी क्या देखना चाहता है? सबसे पहले वह यह देखना चाहता है कि इस बजट में मेरे लिए क्या आ रहा है और मेरे पास से क्या जा रहा है? बजट की इस भाषा को समझने वाले लोग भारत […]
डॉ.मुखर्जी की विरासत और मोदी सरकार
डा0 कुलदीप चन्द अग्निहोत्री 1952 में भारतीय जनसंघ का गठन करते समय डा0 श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने एक वैक्लपिक वैचारिक राजनीति के लिये प्रयास किया था । पंडित नेहरु ने अपने राजनैतिक स्वार्थों के लिये देश विभाजन स्वीकार कर लेने के बाद भी उन्हीं नीतियों को जारी रखने की क़सम खाई हुई थी , जिनके चलते […]
साप्ताहिक साक्षात्कार नेपाल संसार का एकमात्र घोषित ‘हिंदू राष्ट्र’ रहा है। परंतु कुछ समय पूर्व यह देश अपनी ‘हिंदू राष्ट्र’ की छवि से हाथ धो बैठा है। सारा विश्व जानता है कि किस प्रकार इस ‘हिंदू राष्ट्र’ को और उसके ‘राजा’ व राजशाही को कथित धर्मनिरपेक्षता वादी और कम्युनिस्ट मिलकर निगल गये। तब से लेकर […]