देश के अलग अलग राज्यों में हुए उपचुनाव के अभी रुझान ही आने शुरू हुए थे कि टीवी चैनलों ने मोदी लहर का दम निकाल दिया। परिणाम आने पर चैनल विशेषज्ञों ने भांति भांति से यह साबित कर दिया कि कैसे देश में मोदी लहर की हवा निकल चुकी है। चैनलों पर पहुंचे बीजेपी के […]
Category: राजनीति
जम्मू कश्मीर की वर्तमान विधान सभा के चुनाव २००८ में हुये थे । इसलिये क़ायदे से उसके चुनाव २०१३ में हो जाने चाहिये थे । लेकिन जम्मू कश्मीर विधान सभा की उम्र छह साल है । देश में बाक़ी सब राज्यों में विधान सभाओं की उम्र पाँच साल की है । इसलिये अपनी सामान्य उम्र […]
भारत चुप क्यों रहे?
चीनी राष्ट्रपति भारत पहुंचने के पहले मालदीव और श्रीलंका गए। मालदीव और श्रीलंका दोनों भारत के पड़ौसी राष्ट्र हैं। दोनों संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र हैं। दोनों को अधिकार है कि वे अपने यहां जिसको चाहें, बुलाएं और हर राष्ट्र को अधिकार है कि वह उनके यहां जाए। इन पड़ौसी राष्ट्रों को इस मामले में भारत […]
भारतीय सेना का हर जवान ही है भारत रत्न
सिद्धार्थ शंकर गौतम बीते 60 वर्षो में पहली बार धरती के स्वर्ग का नजारा नरक से भी बदतर नजर आ रहा है। बाढ़ की विभीषिका ने जम्मू-कश्मीर के नैसर्गिक सौंदर्य को लील लिया है। करीब चार लाख लोग अब भी जीवन की आस में हैं और राज्य सरकार का तंत्र दम तोड़ चुका है। ऐसे […]
चीन के राष्ट्रपति का भारत में आगमन
पहली ख़बर – सत्रह सितम्बर को चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग भारत में आ गये । दूसरी ख़बर- उससे एक दो दिन पहले चीन की सेना के सैनिक लद्दाख में भारतीय सीमा में घुस आये । तीसरी ख़बर- सत्रह सितम्बर को ही अपने देश की आज़ादी के संघर्ष में लगे हुये तिब्बतियों ने दिल्ली में […]
गतांक से आगे….. काला कानून क्रमांक-९ १९५४ में भारत सरकार ने धारा ३७० के आधार पर भारत के संविधान की धारा ३५ए जोड़ दी, जिसके अनुसार जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान से आए हुए शरणार्थियों को मूल अधिकारों से वंचित रखा। काला कानून क्रमांक-१० धारा ७(२) जो लोग १९४७ में जम्मू कश्मीर से पाकिस्तान चले गये, […]
प्रो. देवेन्द्र स्वरूपअंग्रेजी साप्ताहिक मेनस्ट्रीम का ताजा अंक (18 जुलाई) पढऩे लायक है। इस अंक की पूरी सामग्री का संयोजन 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की अभूतपूर्व विजय और उसमें से निकली नरेन्द्र मोदी की केन्द्रीय सरकार को असफल बताने के लिए किया गया है। मैं मेनस्ट्रीम का बहुत लंबे समय से नियमित पाठक […]
वीर सावरकर के वारिस बने नरेन्द्र मोदी
राकेश कुमार आर्य स्वातंत्र्य वीर सावरकर ने ‘क्रांतिकारी चिट्ठियों’ में कहा-‘‘हम ऐसे सर्वन्यासी राज्य में विश्वास रखते हैं जिसमें मनुष्य मात्र का भरोसा हो सके और जिसके समस्त पुरूष और स्त्रियां नागरिक हों, और वे इस पृथ्वी पर सूर्य और प्रकाश से उत्तम फल प्राप्त करने के लिए मिलकर परिश्रम करते हुए फलों का समान […]
आर. डी. वाजपेयी राजनीति में अक्सर ऐसा होता है कि आप मनोवांछित परिणाम न पाकर मुंह की खा जाते हैं। ऐसा कितनी ही बार होता देखा गया है कि राजनीतिज्ञ किसी अपने विरोधी को फंसाने के चक्कर में कहीं खुद फंसकर रह जाते हैं। कुछ ऐसा ही सपा के साथ हो गया है। उप-चुनाव से […]
गांधी परिवार से अलग तबीयत के थे फिरोज
फिरोज गांधी धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रवादी और प्रगतिशील होने के साथ ही सुलझे व्यक्तित्व के धनी थे और उन्हें बीमा व्यापार के राष्ट्रीयकरण के पैरोकार के तौर पर हमेशा याद किया जायेगा। फिरोज गांधी: ए पालिटिकल बायोग्राफी के लेखक शशि भूषण ने बताया कि फिरोज गांधी को इंदिरा के पति और नेहरू के दामाद के रूप में […]