Categories
कविता

जब आयेगा वर्ष नया…….

जब आयेगा वर्ष नया, तब करूंगा तेरा अभिनंदन। नई छटा तब बिखरेगी हर कण बोलेगा अभिनंदन ।। नहीं नयापन कहीं दीखता , सब ओर अंधेरा छाया है। ठिठुरन अभी रक्त में सबके , मन भी नही हरसाया है।। जब कली मुस्कान बखेरेगी, सूरज में होगी गरमाहट। उत्साह से मन प्रफुल्लित होगा , दूर भगेगी घबराहट […]

Categories
कविता

सोच सको तो सोचो

गिलगित बाल्तिस्तान हमारा है हमको लौटाओ। वरना जबरन ले लेंगे मत रोओ मत चिल्लाओ।। खून सने कातिल कुत्तों से जनता नहीं डरेगी। दे दो वरना तेरी छाती पर ये पाँव धरेगी।। तेरी मेरी जनता कहने की ना कर नादानी। याद करो आका जिन्ना की बातें पुन: पुरानी।। देश बाँटकर जाते जाते उसने यही कहा था- […]

Categories
कविता

रखो धैर्य विश्वास जानकी हर मुश्किल का हल होगा

रखो धैर्य विश्वास जानकी हर मुश्किल का हल होगा, सोने का मृग नहीं चुनो तुम; इसमें निश्चय छल होगा, सपनों में जो सोच रही हो उसके लिए प्रयास रखो, उम्मीदों को मत छोड़ो और पंखों पर विश्वास रखो, जिसकी चाहत है तुमको वो पास तेरे कुंदन आएगा, महकायेगा जो तन मन; निश्चय वो चंदन आएगा, […]

Categories
कविता

भारतवर्ष बगीचा

रचना : स्व0 श्री रामस्वरूप आजाद (शिष्य स्वामी भीष्म जी) भारतवर्ष बगीचे के अब ना रहे माली।। ज्योतिष और व्याकरण गणित की खो दई ताली।। ऋषि मुनि इस भूमण्डल को तक पर तोल गए। म्हारे पुरखा पृथ्वी और अम्बर में डोल गए।। हर वस्तु की शक्ति को वेदों में खोल गए। सारी दुनिया से मुंह […]

Categories
कविता

किसीने पूछा कि ख्वाब क्या है??…

किसीने पूछा कि ख्वाब क्या है??… बस वही जो रातों को सोने ना दे…! किसी ने पूछा कि आराम क्या है??… बस वही जो माँ के आंचल में सोने से मिले…! किसी ने पूछा कि सुकून क्या है??… बस वही जो नन्हे से बच्चे की आँखों में दिखे…! किसी ने पूछा कि ख्वाइशें क्या है??… […]

Categories
कविता

एक ही तो जिंदगी है!!

!! ★★★★★★★★★★ जनाब एक ही तो जिंदगी है मेरी इसे भी दूसरो की शर्तो पर जी लूं क्या? दूसरो के पद चिन्हों पर चल लूं क्या ? दूसरो की बातों तक सिमट जाऊं क्या? खोल के पर अब आसमां में उड़ना है मुझे! अपने चांद से खुद बातें करना है मुझे! मेरे कदमों के निशां […]

Categories
कविता

कौन है ऐसा जगत में,

गीत कौन है ऐसा जगत में, जो न करता काम अपने! सूर्य अपना अक्ष पकड़े, सर्वदा गतिमान रहता। और ऊर्जा की उदधि को, सर्व हित में दान करता। ग्रीन हाउस हम बनाकर, फिर लगे दिन-रात तपने। कौन है………………..।। चाँद, तारे, व्योम, धरती, सब जुटे निज काम में हैं। साधु, विज्ञानी, गृही जन, कर्मरत अठ याम […]

Categories
कविता

अपनी कलम सम्हालो

हे सत्ता के गलियारों में, दुम हिलाने वालों। हे दरबारी सुविधाओं की, जूठन खाने वालों।। तेरे ही पूर्वज दुश्मन को, कलम बेचकर खाए। तेरे ही पूर्वज सदियों से, वतन बेचते आए।। कलम बिकी तब गोरी के साथी, जयचंद कहाए। कलम बिकी तब राणा साँगा, बाबर को बुलवाए।। बिकती कलमों ने पद्मिनियों को, कामातुर देखा। बिकती […]

Categories
कविता

ऋषि का सर्वोच्च बलिदान

लेखक – स्वामी भीष्म जी महाराज घरोंडा वाले जो जगाने आए थे वो तो जगा कर चल दिए, लुप्त वेदों का खजाना था बता कर चल दिये । जब चले गुजरात से कितना भंयकर वक्त था । जैनी, बोद्ध, ईसाई, मुस्लिम का सामना सख्त था । था परतन्त्र देश भारत ताज था ना तख्त था। […]

Categories
कविता

जीवन ज्योति जल रही, पिता बना है तेल ।

अनुपम छाया है पिता, रहे हमारे साथ । रक्षा करता है सदा सिर पर रखकर हाथ ।।1।। आसमान से उच्च है जो भी मिले आशीष । हम सबका इसमें भला, नित्य झुकावें शीश।।2।। जब तक तन में प्राण है, जिव्हा मुख के बीच। करो पिता का कीर्तन, समझो निज जगदीश ।।3।। बाती में ज्यों तेल […]

Exit mobile version