Categories
कविता

राम लला की जय” बोलो उदघोष हो रहा “जय श्री राम”

आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी राम पधार चुके पुर में मन, फूल खिले उर हर्षित जाना। साध सधी प्रण पूर्ण हुआ जब, मंदिर राम बना पहचाना। दीप जले हर ओर सखी जग, में बढ़ता अब भारत माना। रामलला अति सुन्दर शोभित, जन करते उनका जयगाना।। रूप अनूप सजा अनुरूप अलौकिक दिव्य न जाय बखाना। रामललासरकार […]

Categories
कविता

मौन धार चलते रहो

रिश्तों से यदि प्यार है, सीं लो अपने होंठ। कानों से बहरे बनो , झेलो भीतर चोट ।। 11।। रिश्ते रिसते घाव हैं, करो नित्य उपचार। थोड़े से प्रमाद से , उजड़ जाय संसार।। 12।। मौन धार चलते रहो , देख दिनों का फेर। पछवा चले – कचरी फले, आनन्दित करे बेल ।।13।। मत खोजो […]

Categories
कविता

करो लक्ष्य की साधना,

दोहे अपने अपने ना रहे, क्यों करता है मलाल ? तंज कसें दिल तोड़ते, हर घर का यही हाल ।।1।। तीर खाकर देखना, तू पीछे की ओर। अपने ही आते नजर , तेरे चारों ओर।। 2।। करो लक्ष्य की साधना, मत देखो संसार। जिसने साधा लक्ष्य को, हो गया भव से पार ।।3।। दिल में […]

Categories
कविता

अवध में राम जी आए

आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी अवध में राम जी आए विश्व में धर्म फैलाए सनातन जितनी हुई प्रताड़ित जलवा उतना ही बिखराए।। सबर सबरी सा करती थी डगर रघुवर की तकती थी। खोजते घर उसके आए प्रेम सने जूठे बेर खाए।। गुह निषाद करता इंतजार तरह तरह व्यंजन बनवाया । सेवा में रहा वह दिन […]

Categories
आज का चिंतन कविता

बढ़ता जा जलवा यू पी में

आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी हैं राम हमारे यू पी में हैं श्याम हमारे यू पी मे दशरथ मख भूमि है यू पी में शांता सृंगीनारी यू पी में। सृंगी ऋषि आश्रम यू पी में भरत नंदी ग्राम है यू पी में। विंध्याचल देवी यू पी में पाटन देवी भी यू पी में। शिव की […]

Categories
कविता

पीपल पत्ता हिल रहा , बात कहे अनमोल।

दोहे गाड़ी में मैं चल रहा, मन में बड़ा गुमान। तन की गाड़ी कीमती, नहीं सका पहचान।। 1।। पीपल पत्ता हिल रहा , बात कहे अनमोल। क्षणभंगुर जीवन तेरा, बात हिय में तोल।। 2।। इंसाफ तराजू तोल कर, जो करता इंसाफ । असली मुंशिफ है वही रखता पाक हिसाब।। 3।। भ्रष्टाचारी जेल में, मांग रहे […]

Categories
कविता

हर घर में दीप जलाएंगे ………

आओ मिलकर दीप जलाएं, और मनाएं दिवाली। शुभ पर्व हमारा सबका है,आओ सजाएं हम थाली।। हजारों वर्ष के संघर्षों की, करनी गाथा याद हमें। शौर्य और पराक्रम का, फिर से करना नाद हमें।। लाखों दिए बलिदान आज हम उनको याद करेंगे सब। दीप जलाएंगे हर घर में, उत्साहित परिवेश करेंगे सब।। आज हमारे घर में […]

Categories
कविता

मात पिता का मिलना सचमुच…..

मात पिता का मिलना सचमुच सौभाग्य हमारा होता है। हमारे शुभकर्मों के पीछे संस्कार उन्हीं का होता है।। अच्छे मात-पिता मिल जाना सहज सुलभ नहीं होता है। कोटि-कोटि जन्मों का समझो पुण्य उदित तब होता है।। अपने आप तपें भट्टी में , पर कष्ट नहीं अनुभव करते। जीवन हमारा कुंदन बनता , व्यंग्य नहीं हम […]

Categories
कविता

यज्ञ जीवन हमारा,यज्ञ श्रैष्ठतम कर्म है

साहित्यिक सचेतना मंच के अन्तर्गत पटल पर विषय:-संलग्न चित्र आधारित काव्य संरचना प्रस्तुत है :- (रचयिता:-आचार्य डा०श्वेत केतु शर्मा बरेली) यज्ञ ही जीवन हमारा,यज्ञ ही श्रेष्ठतम कर्म है, यज्ञ ही मानव कल्याण का,जीवन पाराहार है। यज्ञ से प्रशस्त होता,मोक्ष मार्ग का आनन्द है, जीवन को सुखद आनंदित कराता,यज्ञ-यज्ञ है। (२) शान्ति सुखद मंगलकारी सकारात्मक सोच […]

Categories
कविता

आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी लें !

🌻कुहरे में डूबी हैं सुबह , जी भर के जी लें, आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी लें ! मिल-बैठ सुनें ज़रा आओ , मौसम की आहट, ठण्डे हैं पड़ गए रिश्ते , भर दें गरमाहट, मौका हैं चलो दें निकाल , कटुता की कीलें, आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी […]

Exit mobile version