आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी अवध में राम जी आए विश्व में धर्म फैलाए सनातन जितनी हुई प्रताड़ित जलवा उतना ही बिखराए।। सबर सबरी सा करती थी डगर रघुवर की तकती थी। खोजते घर उसके आए प्रेम सने जूठे बेर खाए।। गुह निषाद करता इंतजार तरह तरह व्यंजन बनवाया । सेवा में रहा वह दिन […]
श्रेणी: कविता
आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी हैं राम हमारे यू पी में हैं श्याम हमारे यू पी मे दशरथ मख भूमि है यू पी में शांता सृंगीनारी यू पी में। सृंगी ऋषि आश्रम यू पी में भरत नंदी ग्राम है यू पी में। विंध्याचल देवी यू पी में पाटन देवी भी यू पी में। शिव की […]
दोहे गाड़ी में मैं चल रहा, मन में बड़ा गुमान। तन की गाड़ी कीमती, नहीं सका पहचान।। 1।। पीपल पत्ता हिल रहा , बात कहे अनमोल। क्षणभंगुर जीवन तेरा, बात हिय में तोल।। 2।। इंसाफ तराजू तोल कर, जो करता इंसाफ । असली मुंशिफ है वही रखता पाक हिसाब।। 3।। भ्रष्टाचारी जेल में, मांग रहे […]
आओ मिलकर दीप जलाएं, और मनाएं दिवाली। शुभ पर्व हमारा सबका है,आओ सजाएं हम थाली।। हजारों वर्ष के संघर्षों की, करनी गाथा याद हमें। शौर्य और पराक्रम का, फिर से करना नाद हमें।। लाखों दिए बलिदान आज हम उनको याद करेंगे सब। दीप जलाएंगे हर घर में, उत्साहित परिवेश करेंगे सब।। आज हमारे घर में […]
मात पिता का मिलना सचमुच सौभाग्य हमारा होता है। हमारे शुभकर्मों के पीछे संस्कार उन्हीं का होता है।। अच्छे मात-पिता मिल जाना सहज सुलभ नहीं होता है। कोटि-कोटि जन्मों का समझो पुण्य उदित तब होता है।। अपने आप तपें भट्टी में , पर कष्ट नहीं अनुभव करते। जीवन हमारा कुंदन बनता , व्यंग्य नहीं हम […]
साहित्यिक सचेतना मंच के अन्तर्गत पटल पर विषय:-संलग्न चित्र आधारित काव्य संरचना प्रस्तुत है :- (रचयिता:-आचार्य डा०श्वेत केतु शर्मा बरेली) यज्ञ ही जीवन हमारा,यज्ञ ही श्रेष्ठतम कर्म है, यज्ञ ही मानव कल्याण का,जीवन पाराहार है। यज्ञ से प्रशस्त होता,मोक्ष मार्ग का आनन्द है, जीवन को सुखद आनंदित कराता,यज्ञ-यज्ञ है। (२) शान्ति सुखद मंगलकारी सकारात्मक सोच […]
🌻कुहरे में डूबी हैं सुबह , जी भर के जी लें, आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी लें ! मिल-बैठ सुनें ज़रा आओ , मौसम की आहट, ठण्डे हैं पड़ गए रिश्ते , भर दें गरमाहट, मौका हैं चलो दें निकाल , कटुता की कीलें, आओ मित्र एक कप चाय , साथ-साथ पी […]
जब आयेगा वर्ष नया, तब करूंगा तेरा अभिनंदन। नई छटा तब बिखरेगी हर कण बोलेगा अभिनंदन ।। नहीं नयापन कहीं दीखता , सब ओर अंधेरा छाया है। ठिठुरन अभी रक्त में सबके , मन भी नही हरसाया है।। जब कली मुस्कान बखेरेगी, सूरज में होगी गरमाहट। उत्साह से मन प्रफुल्लित होगा , दूर भगेगी घबराहट […]
गिलगित बाल्तिस्तान हमारा है हमको लौटाओ। वरना जबरन ले लेंगे मत रोओ मत चिल्लाओ।। खून सने कातिल कुत्तों से जनता नहीं डरेगी। दे दो वरना तेरी छाती पर ये पाँव धरेगी।। तेरी मेरी जनता कहने की ना कर नादानी। याद करो आका जिन्ना की बातें पुन: पुरानी।। देश बाँटकर जाते जाते उसने यही कहा था- […]
रखो धैर्य विश्वास जानकी हर मुश्किल का हल होगा, सोने का मृग नहीं चुनो तुम; इसमें निश्चय छल होगा, सपनों में जो सोच रही हो उसके लिए प्रयास रखो, उम्मीदों को मत छोड़ो और पंखों पर विश्वास रखो, जिसकी चाहत है तुमको वो पास तेरे कुंदन आएगा, महकायेगा जो तन मन; निश्चय वो चंदन आएगा, […]