बाणों से कोई बींध दे, फरसा से दे काट। सबसे भयंकर होत है, दुर्वचनों का घाव।।1।। धर्म अर्थ का कीजिए , चिंतन प्रातः काल। नित्यकर्म और आचमन, संध्या करो हर हाल।।2।। भैया होता भाव का , शत्रु का हो काल। भुजा के सम होत है , रहता बनाकर ढाल।। 3।। काल बुरे को देखकर , […]
अच्छे दिन भी आएंगे
