परमाणु परीक्षण करता जब, उसकी छाती फट जाती है।भूकंप जिसे तुम कहते हो, वो धरती के दिल की धडक़न।कहती किया घायल मानव ने, सुन स्रष्टा तू मेरी तडफ़न। मेरा दिल आहत कर डाला, इस मानव नाम के प्राणी ने।आखिर मैं कब तक मूक रहूं, सुन मेरी व्यथा की वाणी ने। सृष्टि तो मेरा कलेवर है, […]
Category: कविता
पूर्वाभ्यास करते देखो, जैगुआर, फैअम और मिराज को। पहले से ज्यादा खतरा है, आज विश्व समाज को। मानव कल्याण से कहीं अधिक, संहार पर व्यय अब होता है। किंतु देख मासूम तेरा, सूखी रोटी को रोता है। युवती पर लज्जा वसन नही, तू आतुर विध्वंस मचाने को। प्रलय का जाल बिछाता है, तुझे आएगा कौन […]
जब लड़ेंगे वादी प्रतिवादी क्या पड़ोसी का रक्षण होगा?है कौन धरा पर जीव यहां, जो महानाश में अक्षुण्ण होगा? है कौन चिकित्सक ऐसा यहां, जो उस क्षण में सक्षम होगा?रे बोल परमाणु निर्माता, तेरी गद्दी का क्या होगा? जब मानव ही मिट जाएगा, तो ऐसी जीत का क्या होगा?क्या कभी ठंडे दिल से, यह विचार […]
सोचो परमाणु युद्घ हुआ तो, पल भर में ही क्या होगा?है स्वर्ग से सुंदर चमन धरा पर, कश्मीर की वादी का क्या होगा? अन्न, औषधि, फल-फूल, वनस्पति, पृथ्वी के गहनों का क्या होगा?सरिता, सागर, पर्वत, पठार, इन मैदानों का क्या होगा? जल-थल में जो विचर रहे, निर्दोष प्राणियों का क्या होगा?बहुमंजिलें भवनों का, कारों यानों […]
जहां मुंह में राम बगल में छुरी, आचरण में इतनी गलती हो। जहां धर्म और पूजा के नाम पर, लड़ते भाई-भाई हों।जहां ऊंच-नीच रंग जाति भेद, जैसी कुटिल बुराई हो। आस्तिकता को छोड़ जहां, नास्तिकता को अपनाते हों।सेवा, त्याग, प्रेम, अहिंसा को, जहां गहवर में दफनाते हों। मनुष्यता की छाती पर बैठी, पशुता जोर से […]
योग ऋत है , सत् है, अमृत है।योग बिना जीवन मृत है।। 1. योग जोड़ है, वेदों का निचोड़ है।योग में ही व्याप्त सूर्य नमस्कार बेजोड़ है।। 2. योग से मिटती हैं आधियाँ व्याधियाँ।योग से मिटती हैं त्वचा की कोढ़ आदि विकृतियां।।3. योग जीवन को जीने की जडी बूटी है।योग ज्ञानामृत पीने की खुली हुई […]
महाशक्तियों की कूटनीतिमानव के मुखौटे में दान को, इस तरह से ये ढालते हैं।बंशी की धुन पर मस्त मृग, ज्यों आखेटक नही पहचानते हैं। क्या कभी सोचकर देखा है, इस छल प्रपंच का क्या होगा?यदि नमाजी नही मस्जिद में, ऐसी मस्जिद का क्या होगा? मानव ही मानव बन न सका, बहुमुखी विकास का क्या होगा?क्या […]
धरती की प्यास बुझा नहरें, धरती पर लातीं हरियाली।विकास की बनती वृहत्त योजना, हर घर में आये खुशहाली। विश्व बैंक समृद्घ राष्ट्र, देते हैं मदद ये बड़ी-बड़ी।पिछड़ापन दूर भगाने को, निर्माण हो रहा घड़ी-घड़ी। जीवनोपयोगी वस्तुओं के, बड़े उद्योग लगाये जाते हैं।शंका होती हमको मन में, क्या कोई हमें बताएगा?विधवा और अनाथ के आंसू, क्या […]
जीवन जटिल आयु सीमित है, इसका भी कर ध्यान तू।यथा शक्ति नित करता चल, इस सृष्टि का त्राण तू। विकास और शांति को बना ले, इस जीवन का ध्येय।ईश्वर का प्रतिनिधि होने का, तभी मिलेगा श्रेय। ईष्र्या प्रतिशोध की अग्नि, कर शांत क्षमा के नीर से।भोग में नही, त्याग में सुख है, बच हिंसा के […]
आंसू और आहें बनेंगी, एक दिन तूफान।कुर्सी, कार कोठी, बंगले, नही रहेंगे आलीशान। चूर-चूर हो जाएगा, तेरा झूठा अभिमान।हैवानियत का हो नशा दूर, तू बन जाए इंसान। निशिदिन होता न्याय प्रभु का, समझते बुद्घिमान।धराशायी कर दिये आहों ने, कितने ही धनवान। किसका साथ दिया है धन ने, किसका साथ निभाएगा?ये साधन हैं साध्य नही, यही […]