मधुवन कभी न मरता हैपतझड़ लाख करे कोशिश परमधुवन कभी न मरता है ।अपनों से आहत हर प्राणीसपनों में भी डरता है ।।मौन हो गयीं सब शाखाएंपत्तों के गिर जाने पर ।लेकिन उत्सव खूब मनायानई कोपलें आने पर ।।टहनी से पत्तों का गिरनातरु को बहुत अखरता है । पतझड़ लाख———-गहरे सागर की लहरें भीतट का […]
Category: कविता
जुगनू का जुनून
जुगनू का जुनून कुछ भी नहीं कहा सूरज से कुछ भी नहीं सवेरे से । जुगनू स्वयं लड़ा करता है गहन तिमिर के घेरे से ।। जब निशीथ का गहरा तम हो कोई साथ न देता है । तब जुगनू का छोटा फेरा अंधकार हर लेता है ।। राजमहल जब ठुकरा दे तो आशा रैन […]
सरहद के सैनिक
सरहद पर सैनिक हँस-हँस कर अपने प्राण गंवाते हैं। मरने वाले इस दुनिया में बिना मरे मर जाते हैं ।। शीत ऊष्ण अतिवर्षण में भी कभी नहीं घबराता है । दुश्मन की छाती पर चढ़कर वंदेमातरम गाता है ।। ऐसा जीवन जीने वाले घर-घर आदर पाते हैं । सरहद पर सैनिक———- माँ बेटी भगिनी भार्या […]
वे वीर जवान

!!वे वीर जवान!! वे वीर जवान, जो ठहरे हैं सीमाओं पर, जाड़े में काँप काँप कर लड़ते हैं जो शत्रु से ये, देश की शान, हमारे जवान। वे वीर जवान, चिलचिलाती धूप में, पसीना बहाकर, लड़ते हैं जो मन से ये, दिल मे वतन को रखते जान जैसे। वे वीर जवान, गोलियाँ खाकर भी मजबूत […]
शरद पूर्णिमा की रात को
✍ *शरद पूर्णिमा* की रात को *रश्मि* बिखरते चांद को जब मैंने अठखेलियाँ करते देखा तब नयन खो गये नयन में अपने चन्द्र अयन में पता ही नहीं चला कब भोर हो गयी चहक शोर हो गयी आश्विन का दीवानापन हँसते हँसते विदा हो गया कार्तिक को सौंप भार संदेश बीज बो गया जा रहा […]
जीवन अबूझ पहेली
यह जीवन है अबुझ पहेली हँस-हँस कर सुलझाना । भटक चुके हैं कई बटोही तुम भी भटक न जाना ।। पीड़ा की क्रीड़ा को समझो तभी समझ में आएगा । बिन समझे जो कदम बढ़ाया वह निश्चय पछतायेगा।। बिन सोचे समझे प्रियवर मत तम में तीर चलाना । यह जीवन है————- जग का हर व्यवहार […]
इतिहास बेचने वाले गद्दारो
भारत लहू की धार से कभी अपमानित नहीं हुआ , तू-इतिहास पर हमला कर देश को लज्जित किया- जम्मू द्वीपे आर्यवृते के भारत भूखंड पर प्रकृति की गोद में हुआ मानव जन्म प्रकृति की वाणी की पुत्री संस्कृत हुई प्रथम सूर्य की किरण से धरती पवित्र हुई भौतिकवाद की माता बनी भारत आध्यात्मिक धार,गंगा से […]
उठो उठो जवां उठो सुधीर कारवां उठो
उठो उठो जवाँ उठो सुधीर कारवाँ उठो हुकाँर के उठो उठो जवाँ उठो जवाँ उठो सुनो पुकार मात की दहाड़ के बढे चलो नदी पड़े फलाँग लो पहाड़ पे चढ़े चलो सुगम्य राह की भला रखो न आश ही कभी कुपंथ पंथ चाह को रखो न पास भी कभी तजो सभी मलाल को विराट हो […]
सावरकर के श्री चरणों में भारत रत्न
क्रांतिवीर सावरकर जी जय से इतिहास नायक को जब सरकार की ओर से भारत रत्न देने का मन बना है तो देश के राष्ट्रवादी चिंतकों व लेखकों की लेखनी में भी नव ऊर्जा का संचार हो गया है । जमशेदपुर वासी श्री हरि बल्लभ आरसी जी एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। जो लगभग 90 […]
कदमों का एहसास
बढ़ते कदमों का साहस कब हारा है विस्तारों से । कायर हरदम हारा करता खुद अपनी ही हारों से ।। देख निशा के गहन तिमिर को कब चन्दा घबराता है । तम के पग कम्पित हो जाते जब दिनकर आ जाता है ।। मोद मनाते हैं तारागण साहस के व्यवहारों से । बढ़ते कदमों———— चरणों […]