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बचपन का झूला

जिन बाहों में बचपन झूला उनको नहीं भुलाना । कर्ज़ बहुत है सिर पर भारी अपना फ़र्ज निभाना ।। माँ की सहना अवनी जैसी पिता गगन से भारी ।। महिमा दोनों की सब गाते राम कृष्ण त्रिपुरारी ।। श्रवण शक्ति कंधों पर लेकर इनका बोझ उठाना । जिन बाहों में————- चंदन सी शीतलता माँ में […]

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आर्य पुत्र हो तुम भारत के

तर्ज : फिरकी वाली तूकल फिर आना…. सुनो हिन्दू , तू वीर है बंधु , मत भूलो उस इतिहास को तूने धूल चटाई हर तूफान को ।। पुकारती है हमारी भारती आरती करें माँ ले थाली । केसरिया ले बढो साथियों घड़ी है बलिदानों वाली ।। सुभाष पुकारे, बंधु प्यारे ध्यान से सुन लो सारे […]

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आधुनिक वेदना

देखो ये आ गये हाथों में मोबाइल सेट बालों में जेल । पतली सी उँगलियाँ बड़े- बड़े नेल ।।               लोक लाज मर्यादा               बिल्कुल हैं खा गये ।              देखो ये आ गये।         […]

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शब्द शब्द में गहराई है…

जब आंख खुली तो अम्मा कीगोदी का एक सहारा थाउसका नन्हा सा आंचल मुझकोभूमण्डल से प्यारा था उसके चेहरे की झलक देखचेहरा फूलों सा खिलता थाउसके स्तन की एक बूंद सेमुझको जीवन मिलता था हाथों से बालों को नोंचापैरों से खूब प्रहार कियाफिर भी उस मां ने पुचकाराहमको जी भर के प्यार किया मैं उसका […]

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हिंद के परिपूर्ण सिंधु

पूज्य, महात्मा ,संत अशोक।हर्षित, प्रमुदित, कभी न शोक।। 1 एक लक्ष्य है, नेक ध्येय है।सर्वोपरि, निज राष्ट्र श्रेय है।चरैवेति बेरोक टोक।।पूज्य महात्मा…… 2 माँ विद्या से लेकर आशिष।भारत माँ को किया समर्पित।धन्य बना दीं दोनों कोख।।पूज्य महात्मा…… 3 संगठन दृढ, विश्व हिन्दु।हिन्द के परिपूर्ण सिंधु।वीरता के पुंज श्रोत।पूज्य महात्मा…… 4 रक्त का, हर बिंदु अर्पण।राष्ट्र […]

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चमचे चुगलखोर-भाग-पांच

सीधे सच्चे अधिकारी को, मारग से भटकाता है।चमचागिरी करके प्यारे, बैस्ट अवार्ड को पाता है। गली गांव शहरों में, हो रहा तेरी कला का शोर।जय हो चमचे चुगलखोर। संविधान निर्माता भूल गये, कोटा नियत करना।फिर भी छूट तू ले गया प्यारे, बिन कोटा माल को चरना। बनते रहें कानून चाहे जितने, तुझको क्या परवाह?तेरी निकासी […]

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चमचे चुगलखोर-भाग-चार

तेरी काली करतूतों से तो, भरा पड़ा इतिहास।मंथरा दासी बनके राम को, दिलवाया बनवास। तू ही तो घाती जयचंद था, गोरी को दिया विश्वास।डच, यूनानी, गोरे आये, जिनका रहा तू खास। तुझको तो हत्या से काम, बूढा हो चाहे किशोर।जय हो चमचे चुगलखोर। घर दफ्तर विद्यालय, चाहे बैठा हो मंदिर में।किंतु कतरनी चलती रहती, तेरे […]

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चमचे चुगलखोर-भाग-तीन

सूरज चढ़ता देख किसी का, मन ही मन तू जलता है।हृदय हंसता है तब तेरा जब किसी का सूरज ढलता है। अतुलित शक्ति तुझ में इतनी, दे शासन तक का पलट तख्ता।तेरी कारगर चोटों से, मीनारें गिरीं बेहद पुख्ता। मतलब इतने प्रशंसक तू, निकले मतलब आलोचक तू।उल्लू सीधा करने के लिए, कोई कथा सुनाये रोचक […]

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चमचे चुगलखोर-भाग-दो

बिना हंसी हंसता रहता, और हां में हां कहता रहता।जिस हांडी में खाता है। तू उसी में छेद करता रहता। बनता है तू बाल नाक का, है छुपा हुआ आस्तीन सांप।डसता जिसको, बचता नही वो, दुर्दशा देख जाए रूह कांप। तू ऐसा तीर चलाता है, दिल छलनी सा हो जाता है।जहां प्रेम की गंगा बहती […]

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चमचे चुगलखोर

जय हो चमचे चुगलखोर, तेरे जादू में बड़ा जोर।जय हो चमचे चुगलखोर, भूतल पर जितने प्राणी हैं, तू उन सबमें है कुछ विशिष्ट।चुगली और चापलूसी करके, बनता है कत्र्तव्यनिष्ठ। जितने जहां में उद्यमी हैं, उपेक्षा उनकी कराता है।बात बनाकर चिकनी चुपड़़ी, हर श्रेय को पाता है। पर प्रतिष्ठा समाप्त कर, अपनी की नींव जगाता है।स्वार्थसिद्घि […]

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