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कविता

कविता – आदर्श जीवन राम का

आदर्श जीवन राम का एक सन्देशा दे रहा आदर्श जीवन राम का । तन हमारा भी बने बस लोक के ही काम का।। विपदा खड़ी जो सामने वह सनातन है नहीं ; बुलबुले पानी में बनते शिकार होते नाश का।। जीवन के संग्राम में सेना सजाओ धर्म की । जीत निश्चित पाओगे है बात यही […]

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रिश्ता मिट्टी का

रिश्ता मिट्टी का न जाने पानी और मिट्टी का क्या रिश्ता है, न जाने कौन मसीहा है न जाने कौन.फरिश्ता है। पानी और मिट्टी का क्या रिश्ता है चले जाते है लोग दूर गगन की छांव मे, मिट्टी और पानी है पावन मिट्टी और पानी रहते एक दूजे के संग बनकर बहती है गंगा कलकल […]

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कविता : पूज्य राम तुम बने

पूज्य राम तुम बने समता नहीं है राम की इहलोक व परलोक में। शीश झुकाये सब खड़े विधिलोक- सुरलोक में।। साज सृष्टि का सजा व जगत जब तक चल रहा, गुणगान होता ही रहे भूलोक और सूर्यलोक में।। दिव्य दिवाकर देव बन दुख दूर किये स्वदेश के । सूर्यसम मर्यादा में रह जग के दूर […]

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कैसे हम सच्चाई को जान पाएंगे

जब गजनवी के दरबार से सोमनाथ का आकलन और खिलजी के दरबार से पद्मावती का आकलन, बख्तियार के दरबार से नालंदा का आकलन तथा गोरी के दरबार से पृथ्वीराज का आकलन पढ़ेंगे तो – कैसे हम सच्चाई को जान पाएँगे! जब बाबर के दरबार से राणा साँगा का मूल्यांकन और हुमायूँ के दरबार से सती […]

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गणपति विसर्जन

बाल कविता – गणपति विसर्जन प्यारे दादू , प्यारे दादू , जरा मुझको ये समझाओ। क्यों करते है , गणपति पूजा मुझको ये बतलाओ। क्यों विसर्जन करते गणपति,मुझको ये बतलाओ। ये क्या रहस्य है दादू , जरा मुझको ये समझाओ। पास मेरे तुम आओ बाबू , तुमको मैं समझाता हूँ। क्या होता गणपति विसर्जन तुमको […]

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*मजे में हूँ*

*मजे में हूँ* घुटने बोलते हैं लड़खड़ाता हूँ छत पर रेलिंग पकड़कर जाता हूँ दाँत कुछ ढीले हो चले रोटी डुबा कर खाता हूँ वो आते नहीं फोन पर पूछते हैं कि कैसा हूँ ? बड़ी सादगी से कहता हूँ मजे में हूँ…मजे में हूँ…😄 दिखता है सब पर वैसा नहीं दिखता लिखता हूँ सब […]

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शेरनी रानी

बाल कविता – शेरनी रानी शेरनी रानी बड़ी स्यानी, अपनी करती है मनमानी। राजा जी पर हुक्म चलाती, अपनी बात सब मनवाती। राजा शेर जंगल मे गुर्राते, घर पर नजर झुकाकर आते। बीवी का हर हुक्म बजाते, खुश होकर रानी के पैर दबाते। बड़े प्यार से रानी को समझाते, घर की बात बाहर ना जाये, […]

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वृक्ष की व्यथा

वृक्ष की व्यथा वृक्ष हूं रोता हुआ, प्यारी मां की गोद में, एक दिन बोया गया, इस धरा की गोद में। धरा के दुलार से, सूर्य के प्रकाश से, पवन की पुकार से, जल की प्रभाव से। आंखें खुली हर्षा गया, सभी के दुलार से, सांस ली तो दम घुटा, अपने ही संसार में। सोचा […]

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उगता भारत न्यूज़ कविता

‘ नीरज काव्यश्री सम्मान’ से विभूषित हुई वरिष्ठ कवयित्री अनुराधा अच्छवान , यह कवि गोपाल दास ‘नीरज’ की पुण्य स्मृति में दिया गया सम्मान है

योग्य प्रतिभा को सम्मानित हुआ देखकर सम्मान भी हुआ सम्मानित ………………………………………………… अजय आर्य/ नई दिल्ली ………………………………. ……………….. देश की जानी-मानी वरिष्ठ कवयित्री अनुराधा अच्छवान को महाकवि गोपालदास “नीरज” की पुण्य स्मृति में हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए ” नीरज काव्य श्री सम्मान” से सम्मानित किया गया है। गणमान्य लोगों ने उन्हें बधाई दी है। […]

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गंगा

गंगा गंगोत्री से निकली गंगा, सब माता कार्य किये तुमने। हरिद्वार, कानपुर ,कर्णप्रयाग, सब हर्षित खूब किए तुमने।। भारत के सभी हदय-जन का, पावन उद्धार किया तुमने। क्षण आया जब मां सेवा का, हदय आघात किया हमने।। धिक्कार है उन संतानों पर, जिसने मां को आघात किया। निर्मल अविरल आंचल को, धावों का बड़ा आघात […]

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