नहीं नववर्ष ये अपना, हमारा चैत्र होता है। खिलेंगे पुष्प उपवन में वही नव वर्ष होता है।। प्रभु की सृष्टि को समझो बड़ा विज्ञान इसमें है। पढ़ा कर वेद को बंदे, छुपा यह ज्ञान जिसमें है।। कभी ऋत सत्य को समझो सनातन हर्ष होता है… खिलेंगे पुष्प उपवन में वही नव वर्ष होता है।। 1।। […]
नहीं नववर्ष ये अपना
