Categories
कविता

कविता – आदर्श जीवन राम का

कविता  —  50   आदर्श जीवन राम का …. एक सन्देशा दे रहा आदर्श जीवन  राम का । तन हमारा भी बने बस लोक के ही काम का।। विपदा खड़ी जो सामने वह सनातन  है  नहीं ; बुलबुले पानी में बनते शिकार होते नाश का।। जीवन के संग्राम में तुम सेना सजाओ धर्म की । […]

Categories
कविता

कविता : समर्थ भारत ही करेगा …..

कविता  — 49   भारतवर्ष कभी संपूर्ण भूमंडल पर राज्य करता था। जब मैं संसार के मानचित्र को देखता हूं और भारत के स्वर्णिम अतीत को देखता हूं तो अक्सर यह भाव मेरे हृदय में आते हैं कि संपूर्ण भूमंडल के यह सारे के सारे देश , इन देशों का इतिहास , इन देशों की […]

Categories
कविता

हाँ मैं कश्मीरी पंडित हूँ

————————— कौन कमबख़्त कहता है कि मैं शरणार्थी हूँ नहीं, देवासुर संग्राम में मैं घायल योद्धा हूँ हाँ मैं कश्मीरी पंडित हूँ वो रत्न जो भारत मॉ के मुकुट में मंडित हूँ हाँ मैं कश्मीरी पंडित हूँ इस धर्मक्षेत्र में मैं अग्रिम पंक्ति का सैनिक हूँ अनंत शिवयात्रा में मैं अदना सा पथिक हूँ लेकिन […]

Categories
कविता

प्रशस्त करे पथ पिता ….

अनुपम छाया है पिता, रहे हमारे साथ । रक्षा करता है सदा सिर पर रखकर हाथ ।।1।। आसमान से उच्च है जो भी मिले आशीष । हम सबका इसमें भला, नित्य झुकावें शीश।।2।। जब तक तन में प्राण है, जिव्हा मुख के बीच। करो पिता का कीर्तन, समझो निज जगदीश ।।3।। बाती में ज्यों तेल […]

Categories
कविता

आर्य पुत्र हो तुम भारत के

कविता  — 48 आर्य पुत्र हो तुम भारत के   तर्ज : फिरकी वाली तू कल फिर आना…. सुनो हिन्दू , तू वीर है बंधु , मत भूलो उस इतिहास को तूने धूल चटाई हर तूफान को ।। पुकारती है हमारी भारती आरती करें माँ ले थाली । केसरिया ले बढो साथियों घड़ी है बलिदानों […]

Categories
कविता

मेरा वतन है भारत

कविता —  47   आबोहवा में जिसके जीवन हमारा गुजरा । बाजुओं को जिसकी हमने अपना बनाया झूला ।। गोदी में लोट जिसकी हमने पिया है अमृत । वह देश हमको प्यारा बतलाया नाम भारत ।। मेरा वतन है भारत मेरा वतन है भारत …… बलिदान देना जिसको हमने है समझा गौरव । जिसके हितार्थ […]

Categories
कविता

कविता : पूज्य राम तुम बने

कविता —      46 समता नहीं है राम की इहलोक व परलोक में। शीश झुकाये सब खड़े विधिलोक- सुरलोक में।। साज सृष्टि का सजा व जगत जब तक चल रहा, गुणगान होता ही रहे भूलोक और सूर्यलोक में।। दिव्य दिवाकर देव बन दुख दूर किये स्वदेश के । सूर्यसम मर्यादा में रह जग के दूर किये […]

Categories
कविता

बेटी का अहसास और पिता

कविता – 45     ” मेरी बेटी श्वेता की डोली 27 नवम्बर 2020 की सुबह हमें भीगी पलकों के साथ छोड़कर ससुराल के लिए विदा हो गई। मेरा साहस नहीं हुआ कि विदा होती अपनी लाडो के सिर पर हाथ रख सकूं। हो सकता है कि मेरी प्यारी बेटी को भी यह बुरा लगा […]

Categories
कविता

मेरे पूज्य पिता की दिव्य आत्मा …..

कविता  —- 44 मेरे पूज्य पिता की दिव्य आत्मा ….. मेरे बापू ! तुम कहां गए अपने जाने का  दुःख  देकर, खोजती हैं नजरें मेरी, नित्य नाम तुम्हारा ले – लेकर। ना ऐसा दिन कोई आता जब याद तुम्हारी ना आती हो, मेरे उत्सव के संसार में आ, जब वो ना सेंध लगाती हो।। आपके […]

Categories
कविता

यदि राम धर्म से गिर जाते ….

कविता  — 43 जब तैंतीस कोटि देवों की यह भारत भूमि होती थी। भारत के रहते सारी दुनिया तब बेफिक्री से सोती थी।। आलम की मस्ती न्यारी थी भारत के दुनिया गुण गाती, चहुंओर शांति   पसरी  थी हर भोर शांति पर इठलाती ।। धनुर्धारी  वीर  भारत के तब धर्म  की  रक्षा  करते  थे, जितने भी […]

Exit mobile version