मधुमय यह वसंत है शुभ हो मंगल मूल। उल्लसित हैं सब दिशा खिल रहे प्यारे फूल।। सरसों फूली खेत में, बिखर गया है रंग। प्रकृति बतला रही, जीने का नया ढंग।। सरस रस हृदय पीओ, करो सदा आनंद। ओ३म नाम सिमरा करो कट जाएंगे फंद।। घृणा की ठिठुरन गई, प्रेम है भावविभोर। वसंत हृदय में […]
