175 श्रेष्ठ पुरुष की संगति , सबसे ऊंचा लाभ। मूरख के संग जो रहे, जाय दुखों के धाम।। जाय दुखों के धाम , कभी ना चैन से सोता। मूर्ख संगत से बड़ा , कोई नहीं दुख होता।। श्रेष्ठ पुरुष के संग से, सुधरे जीवन की गति। प्रारब्ध के योग से , हो श्रेष्ठ पुरुष की […]
अध्याय … 59 समय करे बर्बाद जो ……
