गीत कौन है ऐसा जगत में, जो न करता काम अपने! सूर्य अपना अक्ष पकड़े, सर्वदा गतिमान रहता। और ऊर्जा की उदधि को, सर्व हित में दान करता। ग्रीन हाउस हम बनाकर, फिर लगे दिन-रात तपने। कौन है………………..।। चाँद, तारे, व्योम, धरती, सब जुटे निज काम में हैं। साधु, विज्ञानी, गृही जन, कर्मरत अठ याम […]
कौन है ऐसा जगत में,
