खिली-खिली हो जिंदगी, महक उठे अरमान। आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान॥ दर्द दुखों का अंत हो, विपदाएँ हो दूर। कोई भी न हो कहीं, रोने को मजबूर॥ छेड़ रही है प्यार की, मीठी-मीठी तान। नए साल के पँख पर, ख़ुशबू भरे उड़ान॥ बीत गया ये साल तो, देकर सुख-दुःख मीत। क्या पता? […]
Category: कविता
नए साल का सूर्योदय, खुशियों के लिए उजाले हो
पल-पल खेल निराले हो, आँखों में सपने पाले हो। नए साल का सूर्योदय यह, खुशियों के लिए उजाले हो॥ मानवता का संदेश फैलाते, मस्जिद और शिवाले हो। नीर प्रेम का भरा हो सब में, ऐसे सब के प्याले हो॥ होली जैसे रंग हो बिखरे, दीपों की बारात सजी हो, अंधियारे का नाम ना हो, सबके […]
नई भोर का स्वागतम
मिटे सभी की दूरियाँ, रहे न अब तकरार। नया साल जोड़े रहे, सभी दिलों के तार।। बाँट रहे शुभकामना, मंगल हो नववर्ष। आनंद उत्कर्ष बढ़े, हर चेहरे हो हर्ष।। माफ करो गलती सभी, रहे न मन पर धूल। महक उठे सारी दिशा, खिले प्रेम के फूल।। गर्वित होकर जिंदगी, लिखे अमर अभिलेख। सौरभ ऐसी खींचिए, […]
नहीं नववर्ष ये अपना
नहीं नववर्ष ये अपना, हमारा चैत्र होता है। खिलेंगे पुष्प उपवन में वही नव वर्ष होता है।। प्रभु की सृष्टि को समझो बड़ा विज्ञान इसमें है। पढ़ा कर वेद को बंदे, छुपा यह ज्ञान जिसमें है।। कभी ऋत सत्य को समझो सनातन हर्ष होता है… खिलेंगे पुष्प उपवन में वही नव वर्ष होता है।। 1।। […]
तुलसी है संजीवनी
तुलसी है संजीवनी, तुलसी रस की खान। तुलसी पूजन से मिटें, जीवन के व्यवधान।। विष्णु प्रिया तुलसी सदा, करती है कल्यान। तुलसी है वरदायिनी, जीवन का वरदान ।। जिस घर में तुलसी पुजे, रहे प्रभू का वास। रोग पाप सब के मिटे, तन-मन हो उल्लास।। तुलसी सालिगराम की, महिमा अजब महान। हम सब का कर्तव्य […]
भारत अपना प्यारा हमको
जहां लेना जन्म समझते हैं, सौभाग्य देव अपने मन में। उसको हम भारत कहते हैं, नहीं और कहीं जगती भर में।। नदियों की कल कल प्यारी है, झरने भी गीत सुनाते हैं। धरती से बादल मिलने को , रिमझिम का गीत सुनाते हैं।। जहां आनंदी हमको धूप मिले, नव संदेश मिले, उपदेश मिले। जगती भर […]
ऋषि मुनियों की भूमि भारत
ऋषि मुनियों की भूमि भारत, मानवता की रही उपासिका। वेद के गीत सुनाती हमको, प्रेम स्नेह की रही साधिका।। राष्ट्र का बोध कराती हमको, प्रेम के भाव जगाती है। अपनी संतति मान सभी को, प्रेम से गले लगाती है।। ऊंचाई हमारे भावों में भर, हृदय को पवित्र बनाती है। सत्व- भाव का सेतु बनकर, जीवन […]
जब बारूद की खेती सस्ती हो
प्रेम सुधा रस पीता चल, भारत को भव्य बनाता चल। प्रेम की गगरी छलके ना, सोच को दिव्य बनाता चल।। गहरे – गहरे घाव बने हैं, राज भी गहरे लगते हैं। आठ दशक होने को आए, क्यों देश में पहरे लगते हैं ? शांति – शांति चिल्लाते हैं, पर बीज रक्त के बोते हैं। ऐसे […]
आनंद बने जीवन परिभाषा
विश्व-परिवार समझ अपना, आर्यत्व हृदय में वास करे। देवत्व प्राप्ति हेतु मन में, श्रेष्ठत्व भाव सदा प्रवास करे।। दूर हटा और दूर हटा, घृणा के भाव बसे मन में। सहज प्रवाह में बहता चल, आनंद मिलेगा जीवन में।। जीवन की ज्योति जलती रहे, दूर हताशा हो मन की। श्रृंगार हृदय का करने को , उत्साह […]
जीवन का संदेश यही है
जीवन का संदेश यही है , बात करो – तुम तारों से। ऊंचा देखो- ऊंचा सोचो, न उलझो नीच विचारों में।। लड़ो साहसी योद्धा बनकर, अंधियारी तुम रातों से। जो भूत नहीं माने बातों से, मनवा दो उसको लातों से।। यश की चादर ओढ़ बढ़ो तुम, पड़ताल व्योम की करने को। करतल-पृष्ठे पुण्य करो तुम, […]