–मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने अपने जीवन को सत्य को खोज में समर्पित करने सहित उन्हें स्वयं को उपलब्ध हुए सत्य ज्ञान को देश व संसार की जनता में प्रचारित व वितरित करने का सौभाग्य प्राप्त है। उनसे पूर्व सत्य का उन जैसा अन्वेषी और सत्य को ग्रहण और असत्य को छोड़ने वाला तथा […]
Category: व्यक्तित्व
प्रस्तुति : अनिल कुमार पांडे 3 अप्रैल 1967 को चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे उस समय उत्तर प्रदेश के विधानसभा में दो मुसलमान थे… एक दिन विधानसभा भवन में एक कमाल यूसुफ नाम के विधायक ने चौधरी चरण सिंह से कहा कि चौधरी साहब आप केवल हिंदुओं की वोटों से ही […]
प्रस्तुति : अनिल कुमार पांडेय इस आदमी का उत्थान सारे संसार के लिए खतरा है, क्योंकि इसने भारत में न केवल अपना स्वार्थ चाहने वाले समुदायों को एक-दूसरे के विरुद्ध खड़ा कर दिया है, बल्कि उनका उपयोग भी करता है। इसने केवल भारत को एक महान् देश बनाने की इच्छा को प्रकट किया है। उसका […]
ओ३म् =========== हमारा जन्म एक अल्प शिक्षित पिता श्री भगवानदीन तथा अपढ़ माता श्रीमती रामकली जी से 26 जुलाई, सन् 1952 को हुआ था। हमारे पिता एक श्रम से जुडे स्किल्ड श्रमिक का कार्य करते थे और अपनी तकनीकी योग्यता के कारण जीवन के अन्तिम दिनों दिसम्बर, 1978 तक कार्य करते रहे। हमारी प्रारम्भिक शिक्षा […]
ओ३म् ========== ऋषि दयानन्द ने अध्ययन-अध्यापन के लिये गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति का उल्लेख कर उसे श्रेष्ठ शिक्षा पद्धति घोषित किया था। यही एकमात्र शिक्षा पद्धति है जहां पर वेदों सहित सम्पूर्ण वैदिक साहित्य का अध्ययन करने की सुविधा है। देश-देशान्तर में किसी शिक्षा पद्धति में वेदों व प्राचीन वैदिक साहित्य के अध्ययन करने की वह […]
ओ३म् ========= महर्षि दयानन्द के प्रमुख शिष्यों में एक नाम लाला लाजपत राय जी का है। लाला लाजपत राय जी ने ऋषि दयानन्द के जीवन व आर्यसमाज पर ग्रन्थों का प्रणयन किया है। लाला जी ने आर्यसमाज से सबंधित अनेक ग्रन्थ लिखे। डी.ए.वी. स्कूल की स्थापना में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। आज दिनांक 28 […]
ओ३म ========== पं. रामचन्द्र देहलवी जी का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण योगदान है। उन्होंने वैदिक धर्म और इसके सिद्धान्तों सहित इस्लाम और ईसाई मत के ग्रन्थों पर भी एक अधिकारी विद्वान के रूप में स्थान प्राप्त किया था और इनकी समीक्षा बहुत प्रभावशाली एवं तथ्यपूर्ण रीति से करते थे। इसका महत्व इस कारण से […]
ओ३म ========== पं. रामचन्द्र देहलवी जी का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण योगदान है। उन्होंने वैदिक धर्म और इसके सिद्धान्तों सहित इस्लाम और ईसाई मत के ग्रन्थों पर भी एक अधिकारी विद्वान के रूप में स्थान प्राप्त किया था और इनकी समीक्षा बहुत प्रभावशाली एवं तथ्यपूर्ण रीति से करते थे। इसका महत्व इस कारण से […]
क्या गांधी जी सचमुच महात्मा थे ?
मेरी कल की पोस्ट पर कुछ लोगों ने ऐसी आपत्तियां की हैं जिनसे लगता है कि उन्हें गांधीजी के बारे में सच का पता नहीं था । इस विषय में उन्हें कुछ और अधिक जानकारी गांधीजी के विषय में लेनी चाहिए । गांधी जी अपने लिए स्वयं कहते थे कि मैं महात्मा नहीं हूं और […]
ओ३म् ============ संसार का नियम है कि सृष्टि बनती है और उसके बाद उसकी प्रलय आती है। सूर्योदय होता है और कुछ समय बाद अस्त हो जाता है तथा रात्रि के बाद पुनः सूर्याेदय होता है। इसी प्रकार से जीवात्माओं का मनुष्य आदि अनेक योनियों में जन्म होता है और बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ तथा […]