10 नवम्बर/जन्म-दिवस श्री दत्तोपन्त ठेंगड़ी का जन्म दीपावली वाले दिन (10 नवम्बर, 1920) को ग्राम आर्वी, जिला वर्धा, महाराष्ट्र में हुआ था। वे बाल्यकाल से ही स्वतन्त्रता संग्राम में सक्रिय रहे। 1935 में वे ‘वानरसेना’ के आर्वी तालुका के अध्यक्ष थे। जब उनका सम्पर्क डा. हेडगेवार से हुआ, तो संघ के विचार उनके मन […]
श्रेणी: व्यक्तित्व
7 नवम्बर/जन्म-दिवस बात 1903 की है। मद्रास के प्रेसिडेन्सी कालेज में बी.ए. में पढ़ाते समय प्रोफेसर इलियट ने एक छोटे छात्र को देखा। उन्हें लगा कि यह शायद भूल से यहाँ आ गया है। उन्होंने पूछा, तो उस 14 वर्षीय छात्र चन्द्रशेखर वेंकटरामन ने सगर्व बताया कि वह इसी कक्षा का छात्र है। इतना […]
प्रदीप कुमार सिंह इंदिरा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा उनके आवास आनंद भवन में ही हुई। फिर कविवर रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांति निकेतन में कुछ समय तक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद वह उच्च शिक्षा हेतु इंग्लैंड गई वहां उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करके वह भारत आ गई। आयरन लेडी के रूप में […]
ओ३म् ========= पंडित सत्यपाल पथिक जी का गुरुवार 22 अक्टूबर, 2020 को कोरोना रोग से अस्वस्थ होने के कारण अमृतसर के एक अस्पताल में प्रातः 9.15 बजे निधन हो गया। पं. सत्यपाल पथिक जी का संसार से जाना आर्यसमाज सहित वैदिकधर्म तथा देश एवं समाज की ऐसी बड़ी क्षति है जो कभी पूरी नहीं की […]
राजनीति में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो लंबे काल की पारी खेलकर भी अपनी चादर को सफेद बनाए रखने में सफल हो पाते हैं । बहुत से राजनीतिज्ञों के विकट इसलिए गिर जाते हैं कि वे समय की रेत पर अपनी कर्तव्य निष्ठा, ईमानदारी, देश के प्रति समर्पण और पार्टी व पार्टी […]
22 अक्तूबर/जन्म-दिवस 22 अक्तूबर, 1873 ई. को दीपावली वाले दिन जन्मे तीर्थराम गणित के मेधावी छात्र थे। एक बार प्रश्नपत्र में दस में से कोई पाँच प्रश्न हल करने को कहा गया। तीर्थराम को स्वयं पर विश्वास था। उन्होंने सभी प्रश्न हलकर लिख दिया कि कोई पाँच जाँच लें। जाँचने पर सभी प्रश्नों के उत्तर […]
ओ३म् “वेदोद्धारक, समाज सुधारक तथा आजादी के मंत्रदाता ऋषि दयानन्द” =============== विश्व का धार्मिक जगत ऋषि दयानन्द का ऋणी है। उन्होंने विश्व को सद्धर्म का विचार दिया था। एस सद्धर्म की पूरी योजना व प्रारूप भी उन्होंने अपने ग्रन्थों व विचारों में प्रस्तुत किया है। उन्होंने बतया था कि मत-मतान्तर व सत्य धर्म में अन्तर […]
ओ३म् ================ आर्यसमाज का आठवां नियम है कि अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करनी चाहिये। आर्यसमाज ने इस नियम का पालन करते हुए देश देशान्तर से अविद्या दूर करने के अनेक उपाय किये जिनसे देश में जागृति व परिवर्तन आया है। ज्ञान का प्रचार व प्रकाश मौखिक व्याख्यानों तथा लेखन आदि के द्वारा […]
कभी कांग्रेस का अध्यक्ष बनना अपने आप में बहुत ही गौरव और सम्मान की बात समझी जाती थी । आजादी से पहले तो कांग्रेस का अध्यक्ष बनना मानो प्रधानमंत्री बनने का समान था । आजादी के बाद और बीते 4 दशकों की बात करें तो धीरे-धीरे यही स्थिति भाजपा के अध्यक्ष ने प्राप्त कर ली […]
जब राजनीति विश्वास के संकट से गुजर रही हो तब कुछ ऐसे हसीन चेहरे दिखाई देना सचमुच आश्चर्य पैदा करता है जो अपनी विश्वसनीयता के कारण पहचाने जाते हैं । राजनीति में विश्वसनीयता ही वह पायदान है जिस पर चढ़कर कोई भी प्रतिनिधि लोकप्रियता प्राप्त करता है । यदि आपकी कार्यशैली जनहित के विरुद्ध है […]