देखने में आता है कुछ लोग दिवाली से पहले घर का कूड़ा जिसमें टूटी हुई गणेश-लक्ष्मी आदि देवों की मूर्ति फटे हुए कलेंडर पूजा से बचे हुये फूल, अगरबत्ती की डंडी, पुराने दीपक, राख, जो कूड़े के रूप में होती है उस कूड़े को देव वृक्ष पीपल में डाल देते हो। कूड़ा नहीं होता तो […]
श्रेणी: पर्व – त्यौहार
डॉ डी के गर्ग कृपया अपने विचार बताये और शेयर करे पौराणिक मान्यता:-मनाने का तरीका: करवा चौथ व्रत के दिन महिलाएं देर रात्रि तक यानि चांद के दिखने तक निर्जला रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी मनवांछित वर के लिए या होने वाले पति के लिए निर्जला व्रत […]
(राकेश अचल -विनायक फीचर्स) भारतीय समाज में विजयादशमी पर रावण और उसके भाई-बंधुओं का पुतला दहन भी अब एक मनोरंजक कार्यक्रम से ज्यादा कुछ नहीं है क्योंकि इस मौके पर दिए जाने वाले सन्देश और संकल्प खोखले साबित हो रहे हैं। हम हर साल रावण के रूप में बुराइयों को जलाकर अच्छाइयों की जीत का […]
प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में राजभाषा सलाहकार संदर्भ: श्रीकृष्ण जन्मभूमि – श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर जितनी प्रासंगिक परस्पर बधाई है, उतनी ही प्रासंगिक और सामयिक श्री कृष्ण जन्मभूमि की चर्चा भी है. हिंदू-मुस्लिम एकता और सौहाद्र, सद्भाव के कथित चिंतकों और गंगा-जमुनी संस्कृति का फटा ढोल पीटने वालो के लिए तो यह अति […]
अमृतांज इंदीवर मुजफ्फरपुर, बिहार किसी भी राष्ट्र की उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि उसके नागरिक सामाजिक, बौद्धिक व चारित्रिक स्तर पर कितने समृद्ध हैं. ज्ञान, विज्ञान, सामाजिक ज्ञान आदि के जरिए ही मानव ज्ञानी, विवेकी, सक्षम और चरित्रवान बनता है. मानव को अच्छा इंसान बनाने में औपचारिक व अनौपचारिक रूप से शिक्षा […]
डा ईश नारंग , प्रधान आर्य गुरुकुल, दयानंद विहार दिल्ली श्रावणी उपाकर्म मूलत: वेद के अध्ययन की परंपरा से जुड़ा हुआ पर्व है। अथवा यह कहें कि यह स्वाध्याय पर्व है। आर्यवर्त की परंपरा में श्रावण मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर पौष मास की पूर्णिमा तक लगभग 4.5 मास का यह स्वाध्याय पर्व होता […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ वैदिक संस्कृति पर्व प्रधान रही है। वैदिक संस्कृति के नियामक ग्रंथ ग्रह्य सूत्र हैं। आपस्तम्ब आश्वलायन, गोभिल, पारस्कर जैसे असंख्य ऋषियों द्वारा समय समय पर वेदानुकूल प्रणीत ग्रह्य सूत्रों ने भारतीय जीवन को परिष्कृत नियमित व्यवस्थित आदर्श बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।अध्यात्म आधिदैव, धर्माचार, कर्तव्य ,यज्ञ कर्मकांडादि […]
डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 पर्व और त्योहार मनाने की वागड़ अंचल की अपनी अनूठी परम्पराएँ और अँदाज रहे हैं जिनमें पारिवारिक आत्मीयता, सामजिक सौहाद्र्र और परिवेशीय संगीत प्रतिध्वनित होता है। रक्षाबंधन आम तौर पर सारे देश में मनाया जाने वाला पर्व है किन्तु वाग्वर अंचल में इसके साथ एक सामाजिक रस्म भी सदियों से जुड़ी […]
Dr D K Garg साभार: भारतीय पर्व एवं परंपरा Dr D K Garg पर्व का इतिहास और कारण: रक्षा बंधन के त्यौहार की परम्परा कब शुरू हुई, इसे मनाने की कोई भी प्रमाणिक जानकारी हमारे शास्त्रों, धर्म ग्रंथों जैसे वेद श्रीमद्भगवतगीता, पुराण, आयुर्वेद इत्यादि में नही मिलती है। वैसे उपलब्ध इतिहास से मालुम होता हैं […]
ओ३म् ========== श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन देश के आर्य व हिन्दू बन्धु श्रावणी पर्व को मनाते हैं। वैदिक धर्म तथा संस्कृति 1.96 अरब वर्ष पुरानी होने से विगत तीन-चार हजार वर्ष पूर्व उत्पन्न अन्य सब मत-मतान्तरों से प्राचीन है। वैदिक धर्म के दीर्घकाल के इतिहास में लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत […]