कला-संस्कृति कला-संस्कृतिधर्म-अध्यात्मराजनीति कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल ~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि भारतीय संस्कृति में अपना विशिष्ट महत्व रखती है। यह तिथि नवसम्वत्सर – हिन्दू नववर्ष के उत्साह पर्व की तिथि है। यह तिथि भारतीय मेधा के शाश्वत वैज्ञानिकीय चिंतन – मंथन के साथ – साथ लोकपर्व के रङ्ग में जीवन के […]
श्रेणी: पर्व – त्यौहार
डॉ डी के गर्ग भाग -१ ये लेख सीरीज 3 भाग में है। कृपया अपने विचार बताये। नवरात्रि पर्व साल में दो बार मनाये जाने वाला भारतीय पर्व है , जो सृष्टि के आदिकाल से मनाया जाता रहा है । एक नवरात्रि अश्वनि नक्षत्र यानी शारदीय नवरात्रि और दूसरा चैत्र नवरात्रि होती है। पौराणिक मान्यताः– […]
डॉ डी के गर्ग भाग -१ ये लेख सीरीज 3 भाग में है। कृपया अपने विचार बताये। नवरात्रि पर्व साल में दो बार मनाये जाने वाला भारतीय पर्व है , जो सृष्टि के आदिकाल से मनाया जाता रहा है । एक नवरात्रि अश्वनि नक्षत्र यानी शारदीय नवरात्रि और दूसरा चैत्र नवरात्रि होती है। पौराणिक मान्यताः– […]
डॉ डी के गर्ग पार्ट-6 होली के नाम पर फुहड़ता और महापुरुषों का चरित्र हनन का गंदा खेल– होली का पर्व सदियों पुराना और हमारे पूर्वजों की दूरदर्शिता का प्रतीक है क्योंकि इस पर्व के द्वारा बदलते मौसम में निरोगी रहने का अचूक उपाय सुझाया है इसलिए इस पर्व पर रात्रि को गांव के बाहर […]
डॉ डी के गर्ग पार्ट-5 होली के नाम पर फुहड़ता और महापुरुषों का चरित्र हनन का गंदा खेल– होली का पर्व सदियों पुराना और हमारे पूर्वजों की दूरदर्शिता का प्रतीक है क्योंकि इस पर्व के द्वारा बदलते मौसम में निरोगी रहने का अचूक उपाय सुझाया है इसलिए इस पर्व पर रात्रि को गांव के बाहर […]
डॉ डी के गर्ग पार्ट 4 प्रश्न: क्या होली पर गोबर की बुरकली जलने से ,सामूहिक यज्ञ से ,चना और जौ की बलिया अग्नि में भुनने से पर्यावरण प्रदूषित होता है ? जिनको लगता है कि होली जलाने से प्रदूषण होता है वे समझ ले कि प्रदूषण गलत वस्तुओं के जलने से होता है। होलिका […]
डॉ डी के गर्ग पार्ट-3 प्रश्न एवं उत्तर प्रश्न-१ होली पर्व पर उत्तर भारत में जौ की बालियाँ अग्नि में क्यों भूनते हैं ? उत्तरः इसका वैज्ञानिक महत्व है। होली पर्व के आसपास कभी-कभी वर्षा का डर बना रहता है और इस समय वर्षा होने से फसल को भारी नुकसान होगा। आपने देखा होगा कि […]
** डॉ डी के गर्ग पार्ट- २ पौराणिक मत में कथा इस प्रकार है―होलिका हिरण्यकश्यपु नाम के राक्षस की बहिन थी। उसे यह वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी। हिरण्यकश्यपु का प्रह्लाद नाम का आस्तिक पुत्र विष्णु की पूजा करता था। वह उसको कहता था कि तू विष्णु को न पूजकर मेरी पूजा […]
================================= – विकास आर्य समय समय पर प्रसन्नता देने वाले पर्व मानव के जीवन में प्रतिवर्ष आते है जिनमें से एक पर्व होली का भी मनाया जाता है। वैसे ये पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है होली का प्राचीन नाम ‘‘वासन्ती नवसस्येष्टि’’ है। वैसे तो सभी पर्व मनमोहक होते है परन्तु ये […]
डॉ डी के गर्ग पार्ट- २ पौराणिक मत में कथा इस प्रकार है―होलिका हिरण्यकश्यपु नाम के राक्षस की बहिन थी। उसे यह वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी। हिरण्यकश्यपु का प्रह्लाद नाम का आस्तिक पुत्र विष्णु की पूजा करता था। वह उसको कहता था कि तू विष्णु को न पूजकर मेरी पूजा किया […]