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आज का चिंतन पर्व – त्यौहार

हम श्री कृष्ण जी का कौन सा जन्म दिवस मना रहे हैं आईए जानते हैं। श्री कृष्ण जी के जन्मदिवस की शुभकामनाएं

कलियुग का प्रारंभ 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व रात्रि के 2:27 बजकर 30 सेकंड पर हुआ था। विष्णुपुराण , हरिवंश पुराण ,श्रीमद्भागवत, एवं अन्य उपलब्ध साहित्य के अनुसार एवं प्रचलित मान्यताओं के अनुसार योगीराज कृष्णजी महाराज का जन्म 3228 ईसा पूर्व होना लिखा है। ज्ञातव्य है कि जब नौ ग्रह एक युति( एक लाइन अथवा […]

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💐श्री कृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाई जाए 💐

एक शंका है मन में ? क्या हिन्दू समाज बाल रूप का ही उत्सव मनाता रहेगा ? बाल गोपाल से बाहर निकल कर महाभारत के योगिराज धर् संस्थापक श्री कृष्ण तक पहुँचेंगे ? भगवान श्री कृष्ण ने तो समयानुसार संगीत, कुश्ती, युद्ध कला, राजनीति, कूटनीति, अष्टांग योग, गीता रहस्य, सुदर्शन चक्र चलाने और अंत में […]

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औपचारिकताओं के मकड़जाल में फंसते जा रहे राष्ट्रीय पर्व

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर विशेष-       – सुरेश सिंह बैस शाश्वत    भारत के लिये अगस्त का महीना अति महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी माह में 15 अगस्त स्वाधीनता दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसके लिये असंख्य लोगों ने अपने जीवन का त्याग व बलिदान किया था। इन शहीदों के आजादी के प्रति योगदान […]

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ओ३म् “रक्षा बन्धन अन्याय न करने और अन्याय पीढ़ितों की रक्षा करने का संकल्प लेने का पर्व है”

============ प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बन्धन का पर्व सभी सुहृद भारतीयों द्वारा विश्व भर में सोत्साह मनाया जाता है। समय के साथ प्रत्येक रीति रिवाज व परम्परा में कुछ परिवर्तन होता रहता है। ऐसा ही कुछ परिवर्तन रक्षा बन्धन पर्व में हुआ भी लगता है। भारत में मुस्लिम काल में […]

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स्वामी श्रद्धानन्दजी की कलम से- रक्षाबन्धन का संदेश

[‘रक्षाबन्धन’ पर्व पर विशेष रूप से प्रकाशित ] माता का पुत्र पर जो उपकार है उसकी संसार में सीमा नहीं। यही कारण है कि हर समय और हर देश में मातृशक्ति का स्थान अन्य शक्तियों से ऊंचा समझा जाता है। जहां ऐसा नहीं है वहां सभ्यता और मनुष्यता का अभाव समझा जाता है। जब वह […]

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#श्रावणी-उपाकर्म, -ऋषि-तर्पण, -वेद-स्वाध्याय -यज्ञोपवीत -जनेऊ धारण पर्व भी है

१) श्रावणी उपाकर्म – “श्रावण” शब्द का अर्थ सुनना और श्रावणी जिसका अर्थ होता है सुनाये जाने वाली। क्या सुनाये जाने वाली? जिसमें वेदों की वाणी को सुना जाये। वह “श्रावणी” कहाती है। अर्थात् जिसमें निरन्तर वेदों का श्रवण और स्वाध्याय और प्रवचन होता रहे। वह श्रावणी है।इस लिए इस महीने का नाम ही श्रवण […]

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रक्षाबंधन के त्यौहार पर मिलावटी मिठाइयों का बोलबाला*

(सुभाष आनंद-विनायक फीचर्स) हमारे देश में मिठाइयों के बिना किसी त्यौहार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। त्यौहारी सीजन आते ही बाजार में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है और साथ ही मिलावटखोर भी अपना रंग दिखाना शुरू कर देते है।मिलावटी मिठाइयों से अनजान लोग उनके लालच की हद को समझे बिना ही मिठाइयां […]

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*रक्षाबंधन एवं श्रावणी- उपाकर्म पर्व*

साभार: भारतीय पर्व एवं परंपरा Dr D K Garg पर्व का इतिहास और कारण: रक्षा बंधन के त्यौहार की परम्परा कब शुरू हुई, इसे मनाने की कोई भी प्रमाणिक जानकारी हमारे शास्त्रों, धर्म ग्रंथों जैसे वेद श्रीमद्भगवतगीता, पुराण, आयुर्वेद इत्यादि में नही मिलती है। वैसे उपलब्ध इतिहास से मालुम होता हैं कि ये पर्व सैकड़ों […]

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विलुप्त हो रहे भारत के पर्व और त्यौहार

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी भारत त्योहारों का देश है और हर महीने कोई न कोई त्योहार पड़ता रहता है ,कुछ राष्ट्रीय पर्व है कुछ हिन्दू धर्म के सांस्कृतिक पर्व ,सभी त्योहारों को ग्रामीण महिलाएं उत्साह उमंग से मनातीं आई हैं,पर अब कुछ त्योहारों में शिक्षित महिलाओं का ध्यान कम जा रहा है। भारत एक ऐसा […]

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कावड़ यात्रा का ऐतिहासिक विवेचन

आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी कांवड़ यात्रा सावन का विशेष आयोजन सावन माह में शिव भक्त गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी जलाशय के तट पर कलश में गंगाजल भरते हैं और उसको कांवड़ पर बांध कर कंधों पर लटका कर अपने अपने इलाके के शिवालय में लाते हैं और शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। धार्मिक […]

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