ओ३म् ============ महर्षि दयानन्द जी की जन्मभूमि गुजरात में मोरवी के निकट टंकारा ग्राम व कस्बा है। यहां पर ऋषि जन्म भूमि न्यास की ओर से एक भवन का निर्माण कराया गया है जिसमें ऋषि दयानन्द का जन्मगृह-कक्ष है और एक हाल में दयानन्द जी के जीवन को चित्रावली के माध्यम से प्रदर्शित किया गया […]
Category: पर्व – त्यौहार
ओ३म =========== ऋषि दयानन्द जी का जन्म राजकोट-गुजरात एवं मोरवी-गुजरात को मिलाने वाले मार्ग पर स्थित टंकारा नामक ग्राम में 12 फरवरी, सन् 1825 को हुआ था। वर्तमान में इस स्थान पर ऋषि दयानन्द जन्मभूमि न्यास, टंकारा के नाम से एक न्यास कार्यरत है। प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर यहां तीन दिवसीय ऋषि बोधोत्सव […]
ओ३म् ========== आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की जन्म भूमि गुजरात प्राप्त में मोरवी व राजकोट को मिलाने वाली सड़क पर टंकारा नाम ग्राम व कस्बा है। राजकोट से टंकारा की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 40 किमी. है। राजकोट तक रेलयात्रा से पहुंचा जा सकता है। अहमदाबाद से प्रतिदिन राजकोट के लिये […]
भारत में होली पर्व की परंपरा
ब्राह्मण ग्रन्थों में फाल्गुनी पौर्णमासी का पार्विक उल्लेख है। इस से इस त्यौहार की प्राचीनता स्पष्ट है। वेदों में सभी पूर्णमासियों, अमावस्याओं और विविध सङ्क्रान्तियों को यज्ञ आयोजन पूर्वक लेने का उपदेश है। धीरे धीरे इन के साथ जनरूचि और कालानुरूप अलग अलग कर्म काण्ड जुड़ते चले गए। *मूलतः होली एक नवान्नेष्टि पर्व है जो […]
वैदिक धर्म और होली का पर्व
ओ३म xxxxxxxxxxxx वैदिक धर्म एक सम्पूर्ण उत्कृष्ट जीवन शैली है। इसमें पर्वों को मनाने पर किसी प्रकार की रोक नहीं है। पर्व प्रसन्नता एवं उल्लास का एक अवसर होता है। इसके लिये हमारे कुछ प्राचीन मनीषियों ने वर्ष की कुछ तिथियां निर्धारित की हुई हैं जिन पर इन पर्वों को मनाया जाता है। इसका यह […]
आज हम आपको आर्य जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य दार्शनेय लोकेश जी के एक तार्किक और तथ्यात्मक विश्लेषण से अवगत कराते हैं। जिसके अनुसार यह सिद्ध होता है कि मकर संक्रांति वास्तव में 14 या 15 जनवरी को नहीं बल्कि 22 दिसंबर को प्रत्येक वर्ष आती है। उसी दिन हमें यह पर्व मनाना भी चाहिए […]
ओ३म् ======== मनुष्य के शरीर में जो स्थान आत्मा का है वही स्थान मनुष्य जीवन में वेदों के ज्ञान का है। ज्ञान कई प्रकार का है। ज्ञान अच्छे व बुरे प्रकार के भी हो सकते हैं। सबसे श्रेष्ठ ज्ञान वेद ज्ञान है जो मनुष्य को सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से प्राप्त हुआ था। वेदों […]
आर के आर्य हमारे यहां दीपावली का पर्व सृष्टि के प्रारंभ से ही मनाया जाता रहा है। इस पर्व का विशेष महत्व है। दीपों का यह प्रकाश पर्व हमारे अंत: करण में व्याप्त अज्ञान अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश करने का प्रतीक पर्व है। हमारे यहां पर प्रत्येक सद्गृहस्थ के लिए आवश्यक था कि […]
भारत जैसे धर्मप्रधान और तीज-त्योहारों वाले देश में होली अनूठा एवं अलौकिक त्योहार है, यह लोक पर्व है, मनुष्यता का पर्व है, समाज का पर्व है, संस्कृति का पर्व है एवं यह बंधनमुक्ति का पर्व है। इसमें आप समाज को सर्वोपरि मनाने की घोषणा करते हैं। यह विशुद्ध मौज-मस्ती व मनोरंजन का सांस्कृतिक त्योहार है। […]
अपने भक्तों, साधको का उद्धार करने वाले सूर्यदेव समस्त संसार मे एक मात्र दर्शनीय प्रकाशक है तथा विस्तृत अंतरिक्ष को सभी ओर से प्रकाशित करते हैं। सूर्यदेव मरुद्गणो, देवगणो, मनुष्यो और स्वर्गलोक वासियों के सामने नियमित रूप से उदित होते हैं, ताकि तीन लोको के निवासी सूर्य को दर्शन कर सकें। समस्त विश्व को दृष्टि […]