होली जहाँ एक हो जाने का अर्थात् समस्त रंगों-जांति पाँति ऊंच नीच को एक कर मन भेद मिटा, तन मन के मनके मिलाने का प्रतीक है वहीं *हुतं लाति इति होली* कृषक के बोए बीज को सहस्र गुणा कर प्राकृतिक बासन्ती देवत्व के विदा स्वरूप अंतिम आनंद को मनाने का सुखदायी प्रेरणास्पद उत्सव है। वस्तुतः […]
Category: पर्व – त्यौहार
ओ३म =========== ऋषि जन्म भूमि न्यास, टंकारा में ऋषि बोधोत्सव के प्रथम दिवस 20 फरवरी, 2020 की रात्रि को ऋषि दयानन्द के भक्त युवा-दम्पति श्रीमती सुकीर्ति माथुर एवं श्री अविरल माथुर जी के गीतों व भजनों का कार्यक्रम हुआ। हम जब इस कार्यक्रम में पहुंचे तो कुछ भजन हो चुके थे। श्रीमती सुकीर्ति एवं श्री […]
ओ३म् ============ ऋषि दयानन्द जन्मभूमि न्यास, टंकारा-गुजरात में आयोजित तीन दिवसीय ऋषि बोधोत्सव 20 फरवरी, 2020 को आरम्भ हुआ। प्रथम दिन 15 फरवरी, 2020 से आरम्भ सामवेद पारायण यज्ञ भी उत्सवों के प्रथम दो दिनों में जारी रहा। हम दिनांक 20-2-2020 को प्रातः व दिन के कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत कर चुके हैं। सायं 5.30 […]
ओ३म् ========== हमने इस वर्ष ऋषि दयानन्द जन्मभूमि, टंकारा में आयोजित ऋषि बोधोत्सव पर्व में दिनांक 20 एवं 21 फरवरी, 2020 को भाग लिया। हम बोधोत्सव 21-2-2020 का सम्पूर्ण वृतान्त 5 लेखों के माध्यम से प्रस्तुत कर चुके हैं। बोधोत्सव के प्रथम दिन दिनांक 20-2-2020 को आयोजित सामवेद पारायण यज्ञ एवं इसमें डा. विनय विद्यालंकार […]
ओ३म् ============ ऋषि दयानन्द जन्मभूमि न्यास, टंकारा-गुजरात में आयोजित ऋषि बोधोत्सव पर्व के प्रथम दिन दिनांक 20-2-2020 को प्रातः 8.30 बजे से न्यास की यज्ञशाला में सामवेद पारायण यज्ञ को जारी रखा गया। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य रामदेव जी थे तथा यज्ञ में मंत्रोच्चार टंकारा गुरुकुल के ब्रह्मचारियों ने किया। यज्ञवेदि पर न्यास के सहयोगी […]
ओ३म् ========== हम इस वर्ष ऋषि दयानन्द सरस्वती जी के बोधोत्सव पर उनकी जन्मभूमि टंकारा गये और वहां आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया। वहां उपस्थित होकर हमने तृप्ति च सन्तुष्टि प्राप्त की। बोधोत्सव के प्रथम दिन प्रातः लगभग 8.30 बजे सामवेद पारायण यज्ञ किया गया। सामवेद पारायण यज्ञ दिनांक 15-2-2020 को आरम्भ किया गया था […]
ओ३म् ============ महर्षि दयानन्द जी की जन्मभूमि गुजरात में मोरवी के निकट टंकारा ग्राम व कस्बा है। यहां पर ऋषि जन्म भूमि न्यास की ओर से एक भवन का निर्माण कराया गया है जिसमें ऋषि दयानन्द का जन्मगृह-कक्ष है और एक हाल में दयानन्द जी के जीवन को चित्रावली के माध्यम से प्रदर्शित किया गया […]
ओ३म =========== ऋषि दयानन्द जी का जन्म राजकोट-गुजरात एवं मोरवी-गुजरात को मिलाने वाले मार्ग पर स्थित टंकारा नामक ग्राम में 12 फरवरी, सन् 1825 को हुआ था। वर्तमान में इस स्थान पर ऋषि दयानन्द जन्मभूमि न्यास, टंकारा के नाम से एक न्यास कार्यरत है। प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर यहां तीन दिवसीय ऋषि बोधोत्सव […]
ओ३म् ========== आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की जन्म भूमि गुजरात प्राप्त में मोरवी व राजकोट को मिलाने वाली सड़क पर टंकारा नाम ग्राम व कस्बा है। राजकोट से टंकारा की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 40 किमी. है। राजकोट तक रेलयात्रा से पहुंचा जा सकता है। अहमदाबाद से प्रतिदिन राजकोट के लिये […]
भारत में होली पर्व की परंपरा
ब्राह्मण ग्रन्थों में फाल्गुनी पौर्णमासी का पार्विक उल्लेख है। इस से इस त्यौहार की प्राचीनता स्पष्ट है। वेदों में सभी पूर्णमासियों, अमावस्याओं और विविध सङ्क्रान्तियों को यज्ञ आयोजन पूर्वक लेने का उपदेश है। धीरे धीरे इन के साथ जनरूचि और कालानुरूप अलग अलग कर्म काण्ड जुड़ते चले गए। *मूलतः होली एक नवान्नेष्टि पर्व है जो […]