ओ३म् -आगामी कृष्ण जन्माष्टी पर्व दिनांक 12 अगस्त, 2010 पर- ============= मनुष्य का जन्म आत्मा की उन्नति के लिये होता है। आत्मा की उन्नति में गौण रूप से शारीरिक उन्नति भी सम्मिलित है। यदि शरीर पुष्ट और बलवान न हो तो आत्मा की उन्नति नहीं हो सकती। आत्मा के अन्तःकरण में मन, बुद्धि, चित्त एवं […]
Category: पर्व – त्यौहार
ओ३म् ============ श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन देश के आर्य व हिन्दू बन्धु श्रावणी पर्व को मनाते हैं। वैदिक धर्म तथा संस्कृति 1.96 अरब वर्ष पुरानी होने से विगत दो ढाई हजार वर्ष पूर्व उत्पन्न अन्य सब मत-मतान्तरों से प्राचीन हैं। वैदिक धर्म के दीर्घकाल के इतिहास में लगभग पांच हजार वर्ष हुए महाभारत […]
योगेश कुमार गोयल उत्तर भारत में और विशेषतः पंजाब तथा हरियाणा में गिद्दा और भांगड़ा की धूम के साथ मनाए जाने वाले बैसाखी पर्व के प्रति भले ही काफी जोश देखने को मिलता है लेकिन वास्तव में यह त्यौहार विभिन्न धर्म एवं मौसम के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता […]
क्या हनुमान आदि वानर थे
डॉ विवेक आर्य इन प्रश्नों का उत्तर वाल्मीकि रामायण से ही प्राप्त करते है। 1. प्रथम “वानर” शब्द पर विचार करते है। सामान्य रूप से हम “वानर” शब्द से यह अभिप्रेत कर लेते है कि वानर का अर्थ होता है “बन्दर” परन्तु अगर इस शब्द का विश्लेषण करे तो वानर शब्द का अर्थ होता है […]
आज आर्यकुलभूषण, क्षत्रिय कुलदीवाकर, वेदवित, वेदोक्त कर्मप्रचारक, देशरक्षक, शुर सिरताज, रघुकुलभानु, दशरथात्मज, महाराजाधिराज रामचन्द्रजी का जन्म दिवस है। सदियों से श्री राम जी का पावन चरित्र हमें प्रेरणा देता आ रहा हैं। यह कहने में हमें गर्व होता हैं की यदि मनुष्य रामचरित के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करें तो अवश्य मुक्ति पद को प्राप्त […]
श्री रामचंद्र जी के अद्भुत दर्शन
(मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी के जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित) प्रियांशु सेठ रामचन्द्र जी ईश्वर के भक्त, वेदों के विद्वान्, सभी में प्रिय, सत्यवादी, कर्मशील, आदर्श, आज्ञाकारी, वचन के दृढ़ आदि सभी शस्त्र विद्याओं में निपुण व्यक्ति थें। उनके राज्य में कोई भी व्यक्ति दुःखी नहीं, कोई नारी विधवा नहीं, कहीं अकाल नहीं, कहीं […]
श्री राम नवमी के पावन पर्व पर विशेष ●निर्मर्यादस्तु पुरुष: पापाचारसमन्वित:। मानं न लभते सत्सु भिन्नचारित्रदर्शन:।। जो मनुष्य मर्यादारहित, पापचरण से युक्त और साधु-सम्मत शास्त्रों के विरुद्ध आचरण करनेवाला है वह सज्जन पुरुषों में सम्मान प्राप्त नहीं कर सकता। ●कुलीनमकुलीनं वा वीरं पुरुषमानिनम्। चारित्रमेव व्याख्याति शुचिं वा यदि वाऽशुचिम्।। कुलीन अथवा अकुलीन, वीर हैं अथवा […]
ओ३म् =========== आज 25 मार्च, 2020 को प्राचीन वैदिक संवत्सर की वर्ष श्रृंखला का नये वर्ष चैत्र मास का प्रथम दिवस है। आज से चैत्र माह का शुक्ल पक्ष आरम्भ हुआ है। वैदिक गणना में प्रथम दिवस को प्रतिपदा कहा जाता है। आज प्रतिपदा है। इस दिवस का अनेक कारणों से महत्व है। आज से […]
ओ३म् =========== आर्यों को परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में चार वेदों का ज्ञान दिया था। अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न चार ऋषि व स्त्री-पुरुष विश्व के सभी मनुष्यों व मत-मतान्तरों के आचार्यों व अनुयायियों के पूर्वज थे जिन्हें अधिकांश मत व विश्व के लोग विस्मिृत कर चुके हैं। वेद व ऋषियों से ही हमें काल […]
आइए जानें , होली का वास्तविक रूप
प्रस्तुति : ज्ञान प्रकाश वैदिक इस पर्व का प्राचीनतम नाम वासन्ती नव सस्येष्टि है अर्थात् बसन्त ऋतु के नये अनाजों से किया हुआ यज्ञ, परन्तु होली होलक का अपभ्रंश है। यथा– *तृणाग्निं भ्रष्टार्थ पक्वशमी धान्य होलक: (शब्द कल्पद्रुम कोष) अर्धपक्वशमी धान्यैस्तृण भ्रष्टैश्च होलक: होलकोऽल्पानिलो मेद: कफ दोष श्रमापह।*(भाव प्रकाश) *अर्थात्*―तिनके की अग्नि में भुने हुए […]