शरं ददाति इति शरदः ॥ शरद का अर्थ है कि जिस ऋतु में शर (बाण) प्राप्त हों वह शरद है। शर किसलिये? अपनी सुरक्षा के लिये। यही वह ऋतु है जब सरकण्डा मिलता है जिसका उपयोग बाण बनाने में किया जाता था। शर या इषु , मास इष ऋतु शरद । यही शर थे जिन्हें […]

शरं ददाति इति शरदः ॥ शरद का अर्थ है कि जिस ऋतु में शर (बाण) प्राप्त हों वह शरद है। शर किसलिये? अपनी सुरक्षा के लिये। यही वह ऋतु है जब सरकण्डा मिलता है जिसका उपयोग बाण बनाने में किया जाता था। शर या इषु , मास इष ऋतु शरद । यही शर थे जिन्हें […]
*पर्युषण यह जैन धर्म का महापर्व होता है।* पर्युषण का आखरी दिन संवत्सरी महापर्व कहलाता है। संवत्सरी महापर्व को क्षमापना दिवस भी कहा जाता है। एकमात्र जैन धर्म ही ऐसा है जिसमें क्षमा का सूक्ष्म विचार किया गया है। यह क्षमा सिर्फ मनुष्य मात्र से ही नही, बल्कि सभी जीव जैसे आंखों से न दिखनेवाले […]
15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ था| तब से आज तक इसी दिन इसी तारीख यानी 15 अगस्त को हमारे देश में राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है और यह भारत के इतिहास का सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन होता है | ऐसे में 15 अगस्त को जश्ऩ के रूप में तो मनाएंगे ही लेकिन कुछ […]
*15 अगस्त पर झंडा क्यों फहराते हो भाई*? ___________________________________________ सबसे पहले आप सभी साथियों को 74 वे स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं| स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है |आज राष्ट्रीय अवकाश है सभी सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं, पब्लिक व निजी शिक्षण संस्थाओं में यह राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है वैश्विक कोरोना महामारी से राष्ट्रीय पर्व […]
74 वें स्वाधीनता दिवस के पवित्र अवसर पर **************** आज 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर रेडियो नोएडा लोक मंच 91.2 एफ एम पर स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रीय गीत का सस्वर पाठ करने के बाद आमंत्रित लोगों ने भारत की आजादी और वर्तमान स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए। […]
ओ३म् -श्रावणी एवं रक्षाबन्धन पर्व पर- ========= परमात्मा ने मनुष्य की जीवात्मा को मानव शरीर किसी विशेष प्रयोजन से दिया है। पहला कारण हमें अपना अपना मानव शरीर व मानव जीवन अपने पूर्वजन्मों के कर्मों के आधार पर आत्मा की उन्नति व दुःखों की निवृत्ति के लिये मिला है। आत्मा की उन्नति के लिये जीवन […]
योगेश कुमार गोयल रक्षाबंधन पर्व के बदलते स्वरूप का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अब प्रकृति मित्र राखियों की मांग भी बढ़ने लगी है। छत्तीसगढ़ के धमतरी में गोबर तथा बांस का इस्तेमाल कर बनाई गई खूबसूरत राखियों को देश के दूरदराज के हिस्सों में भी राखी विक्रेताओं द्वारा काफी पसंद किया गया […]
भगवत कौशिक 3 अगस्त को श्रावण मास का आखिरी सोमवार बना रहा है रक्षाबंधन को खास। भगवत कौशिक–भारत की सनातन परंपरा पर्व प्रधान है। ये पर्व सृष्टि के क्रमिक विकास के वार्षिक पड़ाव हैं। प्रति वर्ष आकर ये जीवन के विकासक्रम को संस्कारित करते हैं और आगे अपने धर्म के निर्वहन की प्रेरणा भी […]
ईद के अवसर पर दी जा रही निरीह प्राणियों की बलि के अवसर पर विशेष आज मेरा हृदय बहुत ही व्यथित है, क्योंकि आज बहुत सारे निरीह, निरपराध,मूक प्राणियों यथा ऊंट, बकरा, मेंढें, गाय आदि का वध ‘अल्लाह’ के नाम पर किया जाएगा। सचमुच कैसी विडंबना है अल्लाह के नाम पर मूक प्राणियों का वध […]
संस्कृत दिन – इंदिराजी के प्रधानमंत्री रहते श्रावण पूर्णिमा को संस्कृत दिन घोषित किया गया था | तब से स्मरण पूर्वक संस्कृतभारती इसे मनाती है | साथ में कुछ शैक्षिक संस्थान भी आयोजन में सक्रिया रहते है | किन्तु बौद्धिक एवं सामाजिक संस्थान जैसा अपेक्षित है वैसा आयोजन नहीं करते | इस उपेक्षा के कारण […]