ललित गर्ग श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत नायक हैं। उनका जन्मोत्सव मानवजाति में उल्लास-उमंग को संचार करने के साथ नवीन मानवता के अभ्युदय का प्रतीक है, क्योंकि उन्होंने मनुष्य जाति को नया जीवन-दर्शन दिया। जीने की शैली सिखलाई। उनकी जीवन-कथा चमत्कारों से भरी है, लेकिन वे हमें जितने करीब लगते हैं, उतना और कोई […]
Category: पर्व – त्यौहार
ओ३म् ========= श्रावण का महीना वर्षा ऋतु का सबसे अधिक वर्षा वाला महीना होता है। आजकल तो देश में बड़े-बड़े नगर बस गये हैं। सुविधाजनक सड़के हैं व सड़को पर विद्युत से मिलने वाले प्रकाश की व्यवस्था है। नगरों व ग्रामों में भी बसे एवं कारें चलती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने […]
-ललित गर्ग – रक्षाबंधन एक खूबसूरत त्यौहार है जो प्यार, विश्वास, अपनापन एवं सुरक्षा का प्रतीक है यानी प्यार के धागों एवं मानवीय संवेदनाओं का पर्व। एक ऐसा पर्व जो घर-घर मानवीय रिश्तों में नवीन ऊर्जा का संचार करता है। बहनों में उमंग और उत्साह को संचरित करता है, वे अपने प्यारे भाइयों के हाथ […]
. “श्रावणी और रक्षाबंधन, आज देश भर में यह पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।” “वास्तव में आज का मुख्य पर्व ‘श्रावणी उपाकर्म’ है। इसका अर्थ है, वेदों के विशेष स्वाध्याय अध्ययन का पर्व।” आज श्रावण मास की पूर्णिमा है, इसलिए श्रावणी कहलाती है। उपाकर्म का अर्थ होता है आरंभ करना। प्राचीन […]
प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ मथुरा में विराज रहे दण्डी स्वामी विरजानन्द जी की ख्याति उन दिनों लोक में प्रसिद्धि पा रही थी। दयानन्द उनकी विद्वत्ता से परिचित थे। सन् 1855 में उनका सामीप्य उन्हें प्राप्त हो चुका था। उन्होंने तुरन्त मथुरा की राह पकड़ ली। संवत् 1917 कार्तिक शुदी 2 (सन् 1860) को स्वामी दयानन्द […]
🙏बुरा मानो या भला🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” किसी बेज़ुबान, निर्दोष, निष्कलंक और मासूम जानवर की बलि (कुर्बानी) देने से ईश्वर (अल्लाह) प्रसन्न नहीं हो सकता। जीवन और मृत्यु दोनों ही ईश्वर के हाथों में हैं। आप जिसको जीवन नहीं दे सकते उसकी हत्या करने का अधिकार भी आपका नहीं हो सकता। यह नियम किसी मज़हब/धर्म […]
ईद के अवसर पर दी जाने वाली बलि के संदर्भ में विशेष आज मेरा हृदय बहुत ही व्यथित है, क्योंकि आज बहुत सारे निरीह, निरपराध,मूक प्राणियों यथा ऊंट, बकरा, मेंढें, गाय आदि का वध ‘अल्लाह’ के नाम पर किया जाएगा। सचमुच कैसी विडंबना है अल्लाह के नाम पर मूक प्राणियों का वध ? जो […]
क्या ईद शांति प्रेम भाईचारे का त्योहार है ? 624 ईसवी में हज़रत मोहम्मद ने जंग ए बदर की लड़ाई लड़ी और जीती थी , मोहम्मद की सारी लड़ाइयाँ ग़ैरमुस्लिमों के ख़िलाफ़ और इस्लाम के विस्तार को लेकर ही लड़ी गयी थी , लड़ाई में मरने पर सीधे जन्नत और ७२ हूर , जन्नत की […]
हमारे वेद,दर्शनशास्त्र, स्मृतियां, महाकाव्य, उपनिषद आदि सब ‘माँ’ की अपार महिमा के गुणगान से भरे पड़े हैं। असंख्य ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों, पंडितों, महात्माओं, विद्वानों, दर्शनशास्त्रियों, साहित्यकारों और कलमकारों ने भी ‘माँ’ के प्रति पैदा होने वाली अनुभूतियों को कलमबद्ध करने का भरसक प्रयास किया है। इन सबके बावजूद ‘माँ’ शब्द की समग्र परिभाषा और […]
नव वर्ष चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा को आरम्भ होता हैं जो कि प्राकृतिक है, वैज्ञानिक है और सबसे प्राचीन होने के साथ भारतीय प्राचीन गणित विद्या का गौरव है। भारतीय प्राचीन काल गणना- २ परमाणु = १ अणु ३अणु = १ त्रिसरेणु ३ त्रिसरेणु =१ त्रुटि (३ त्रिसरेणु को पार करने मे सूर्य को लगा […]