अर्जुन देव चड्ढा दीपावली का पराचीन वैदिक नाम शारदीय नवससयेषटि है। शारदीय अरथात शरद का की। नव अरथात नया। ससय अरथात फसल। इषटि अरथात यजञ। इसका अरथ हआ – शरद का अनन से हवन करने का विधान गोभिलगृहयसूतर, समारतसूतर, पारसकरगृहयसूतर, आपसतमबी गृहयसूतर और मनसमृति में मिलता है। वैदिक काल में कृषक व जनसामानय न अनन […]
Category: पर्व – त्यौहार
ओ३म् स्वभाव से मनुष्य सुख प्राप्ति का इच्छुक रहता है। वह नहीं चाहता कि उसके जीवन में कभी किसी भी प्रकार का दुःख आये। सुख प्राप्ति के लिये सद्कर्म व धर्म के कार्य करने होते हैं। अतः सत्कर्मों से युक्त प्राचीन वेदों पर आधारित वैदिक धर्म का पालन करते हुए मनुष्य अपने जीवन में सुखों […]
आलोक देवता आओ
* संजय पंकज सूर्य चंद्र की किरणें आओ! आओ गगन धरा पर आओ! आओ नवरस नवलय आओ! आओ दिग्दिगंत पर आओ! जगमग जग को कर जाओ! आलोक देवता आओ !! हर आंगन में मन प्रांगण में उजड़े उजड़े वन कानन में, बहुरंगे फूल खिलाओ! आलोक देवता आओ! तम गहरा है गम ठहरा है कदम-कदम निर्मम […]
दिया जलाए जलते रहना
* संजय पंकज रात अंधेरी दिया जलाए साथी तुम चलते रहना! दूर गगन में सूरज डूबा दिन का संबल टूट गया पनघट से घट लेकर लौटा जल में ही जल छूट गया दिल में अपने दर्द दबाए यादों में ढलते रहना! नहीं धरा से बढ़कर कोई जो थामे आधार बने लहर लहर से अपने चूमे […]
ओ३म् ========= देश भर में व विदेश में भी जहां भारतीय आर्य हिन्दू रहते हैं, वहां कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपवली का पर्व मनाया जा जाता है। अमावस्या के दिन रात्रि में अन्धकार रहता है जिसे दीपमालाओं के प्रकाश से दूर करने का सन्देश दिया जाता है। इस दिन ऐसा क्यों किया जाता […]
विश्व के प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ, राजनयिक, व ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि “यदि अपने देश की दीर्घकालिक समस्याओं को सुलझाना है तो, इतिहास पढ़िए ,इतिहास पढ़िए, इतिहास पढ़िए; इतिहास में ही राज्य चलाने के सारे रहस्य छिपे हैं”. भारत के संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि यदि देश चलाना […]
ललित गर्ग दशहरा का पर्व बुराइयों से संघर्ष का प्रतीक पर्व है, यह पर्व देश की सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीयता को नवऊर्जा देने का भी पर्व है। आज भी अंधेरों से संघर्ष करने के लिये इस प्रेरक एवं प्रेरणादायी पर्व की संस्कृति को जीवंत बनाने की जरूरत है। प्रश्न है कौन इस संस्कृति को सुरक्षा […]
जनजातीय समाज में शारदीय नवरात्रि हेमेन्द्र क्षीरसागर हिन्दू धर्म से वनवासी समाज को अलग परिभाषित करने के सभी विभाजनकारी षड्यंत्र तब धवस्त हो जाते हैं, जब इनकी मान्यताएँ, पर्व, रहन-शैली, विचार मेल खाते हैं। बाघ देवी, ज्वाला देवी, गांव देवी और वन देवी की पूजा-अर्चना तथा अंचलों में मंदिर, पट, मढिया इसके ज्वलंत उदाहरण है। […]
ओ३म् अक्तूबर एवं नवम्बर, 2021 में अनेक पर्व व जयन्तियां पड़ रही हैं। जयंतियों में वीर हनुमान, महर्षि बाल्मीकि, ऋषि धनवन्तरी और लाल बहादुर शास्त्री जी सम्मिलित हैं वहीं पर्वों में विजयादशमी, दीपावली, ऋषि दयानन्द बलिदान दिवस एवं गोवर्धन पूजा सम्मिलित हैं। इस अवसर पर हम कुछ चर्चा सभी जयन्तियों व पर्वों की करना उचित […]
गणेश चतुर्थी के अवसर पर विशेष आज गणेश चतुर्थी है। मैं हैरान हूं, परेशान हूं, यह कौन से गणेश की बात कर रहे हैं ? क्या वह गणेश जो लंबी सूंड वाला है ? या वह गणेश जिसका मोटा सा पेट है ? या वह गणेश जिसके हाथी जैसे कान हैं ? या वह गणेश […]