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पर्व – त्यौहार

कम नहीं हुई है मिट्टी के दीयों की महत्ता

सौम्या ज्योत्सना मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार दीपावली की बात मिट्टी के दीयों की चर्चा के बगैर अधूरी है. इसके बिना दीपावली की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. हज़ारों सालों से यह परंपरा चली आ रही है. इससे सबसे अधिक लाभ इसका कारोबार करने वालों को होता है. मिट्टी से दीया बनाने वाले कुम्हार समुदाय से लेकर […]

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दीप जलाओ, आरोग्य लाओ!

================== सरसों के तेल दीपक की बरनिंग केमिस्ट्री🔥🦠 बेहद आरोग्यप्रद है। वर्षा के मौसम में वातावरण में आद्रता तापमान के कारण हानिकारक बैक्टीरिया फफूंद जमकर वृद्धि करते हैं।फंगस शब्द कोरोना महामारी के दौरान काफी कुख्यात रहा है। ब्लैक फंगस हवा में जिसके बीजाणु तैरते रहते हैं उसने कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले हजारो व्यक्तियों की आंख […]

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रामलीला प्रभु श्रीराम की लीलाओं की शाश्वत प्रस्तुति

डा. राधे श्याम द्विवेदी           रामलीला का कार्यक्रम भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक है। यह एक प्रकार का गद्य पद्य और संगीतमय कथा का नाटकीय मंचन होता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख आराध्यों में से प्रमुख आराध्य प्रभु श्रीराम के जीवन पर आधारित होता है। […]

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त्रेता की लंकापुरी के राक्षसराज रावण के कलयुग की ब्रह्मपुरी में लगे जयकारे*!

लेखक आर्य सागर खारी आज 7 अक्टूबर को अमर उजाला ग्रेटर नोएडा ब्यूरो के वरिष्ठ पत्रकार राजेश भाटी जी की यह रिपोर्ट पढ़ते ही… मन विछुब्ध विचलित हो गया…. वाक्या यह है जनपद गौतम बुध नगर की एकमात्र नगर पालिका दादरी में बुधवार 5 अक्टूबर को संध्याकालीन रामायण मंचन की समापनीय शोभायात्रा निकाली जा रही […]

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मेरठ के इस गांव में दशहरे के दिन मनता है मातम, घरों में नहीं जलता चूल्हा

उमेश श्रीवास्तव हिंदुस्तान में त्योहारों का अपना महत्व है । लोग, बेसब्री से त्योहारों का इंतजार करते हैं । त्योहार वाले दिन खुशियां मनाते हैं, मिठाई खिलाते हैं, नए-नए कपड़े पहनते हैं और मान्यतानुसार प्रचलित प्रथाओं का पालन करते हैं। उन्हीं में से एक त्योहार दशहरा आज है I लोग त्योहार की खुशियां मनाने में […]

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श्रावणी का वैदिक स्वरूप

श्रावण माह अज्ञानियों के लिए ज्ञान का संदेशवाहक बनकर आता है और जनसामान्य को कल्याणपथ पर चलने की ओर प्रेरित करता है। गर्मी के बाद जब वर्षा होती है, तो मानव चित्त वातावरण के अनुकूल होने से शान्त रहता है तथा मन प्रसन्न रहता है। श्रावणी का उत्सव इसी वर्षा के साथ आता है और […]

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स्वामी श्रद्धानन्दजी की कलम से- रक्षाबन्धन का संदेश [‘रक्षाबन्धन’ पर्व पर विशेष रूप से प्रकाशित ]

स्वामी श्रद्धानन्दजी की कलम से- रक्षाबन्धन का संदेश [‘रक्षाबन्धन’ पर्व पर विशेष रूप से प्रकाशित ] माता का पुत्र पर जो उपकार है उसकी संसार में सीमा नहीं। यही कारण है कि हर समय और हर देश में मातृशक्ति का स्थान अन्य शक्तियों से ऊंचा समझा जाता है। जहां ऐसा नहीं है वहां सभ्यता और […]

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रक्षा_बन्धन का मूल नाम #श्रावणी_उपाकर्म, #ऋषि_तर्पण, #वेद_स्वाध्याय #यज्ञोपवीत_धारण_पर्व है।

#रक्षा_बन्धन का मूल नाम #श्रावणी_उपाकर्म, #ऋषि_तर्पण, #वेद_स्वाध्याय #यज्ञोपवीत_धारण_पर्व है। १) #श्रावणी_उपाकर्म – “#श्रावण” शब्द का अर्थ सुनना और श्रावणी जिसका अर्थ होता है सुनाये जाने वाली। क्या सुनाये जाने वाली? जिसमें वेदों की वाणी को सुना जाये। वह “श्रावणी” कहाती है। अर्थात् जिसमें निरन्तर वेदों का श्रवण और स्वाध्याय और प्रवचन होता रहे। वह श्रावणी […]

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“श्रावणी पर्व एवं कृष्ण जन्माष्टमी”

ओ३म् ========== श्रावण का महीना वर्षा ऋतु का सबसे अधिक वर्षा वाला महीना होता है। आजकल तो देश में बड़े-बड़े नगर बस गये हैं। सुविधाजनक सड़के हैं व सड़को पर विद्युत से मिलने वाले प्रकाश की व्यवस्था है। नगरों व ग्रामों में भी बसे एवं कारें चलती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने […]

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अमृत महोत्सव के जश्न में, कहाँ खड़े हैं आज हम?

(विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है. हालांकि भारत महाशक्ति बनने की प्रक्रिया में प्रमुख बिंदुओं पर खरा उतरता है, लेकिन व्यापक अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में घरेलू मुद्दों के कारण वह कमजोर पड़ […]

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