तसलीमा नसरीन: ईद ईद की सुबह स्नानघर में घर के सभी लोगो ने बारी-बारी से कोस्को साबुन लगाकर ठण्डे पानी से गुस्ल किया। मुझे नए कपड़े -जूते पहनाए गए, लाल रिबन से बाल से बाल संवारे गए, मेरे बदन पर इत्र लगाकर कान में इत्र का फाहा ठूंस दिया गया। घर के लड़कों ने कुर्ता-पाजामा […]
श्रेणी: पर्व – त्यौहार
देवेंद्र सिंह आर्य चेयरमैन उगता भारत तप । तैत्तिरीय उपनिषद में मंत्र है कि ऋतं तप: सत्यम तपो दमस्तप: स्वाध्यायस्तप:। जिस का भावार्थ है कि हमको यथार्थ सद्भाव रखना, सत्य मानना, सत्य बोलना ,सत्य करना, मन को बुराइयों की ओर न जाने देना ,शरीर इंद्रियां और मन से शुभ कामों का करना, वेदादि सत्य शास्त्रों […]
अक्षय तृतीया पर्व डॉ डी के गर्ग “भारतीय पर्व एवं परम्पराये ” से साभार अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। प्रचलित कथा: यह कथा इस प्रकार है कि एक धर्मदास नाम के व्यक्ति ने अक्षय तृतीया का व्रत किया। इसके बाद ब्राह्मण को दान में […]
आर्य सागर खारी🖋️ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तदनुसार 22मार्च 2023 से सृष्टि संवत के 1960853124 वे वर्ष के साथ-साथ वैदिक नव वर्ष (हिंदू नव वर्ष) विक्रमी संवत 2080 का शुभारंभ हो चुका है। कालगणना ज्योतिष की दृष्टि से वैदिक नववर्ष संसार का सबसे प्राचीन कैलेंडर दिनदर्शिका की रचना करता है ।यह तो केवल इसकी एक विशेषता […]
ललित गर्ग होली एक ऐसा त्योहार है, जिसका धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक-आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं की रोशनी में होली के त्योहार का विराट् समायोजन बदलते परिवेश में विविधताओं का संगम बन गया है, दुनिया को जोड़ने का माध्यम बन गया है। बदलती युग-सोच एवं जीवनशैली से होली त्यौहार के रंग […]
(हरिभूमि समाचार पत्र में होली पर विशेष रूप से प्रकाशित लेख) डॉ विवेक आर्य आज होली पर्व है। होली सांस्कृतिक उत्सव है। इस पर्व का प्राचीन नाम वासन्ती नव सस्येष्टि है अर्थात् वसन्त ऋतु के नये अनाजों से किया हुआ यज्ञ। होली होलक का अपभ्रंश है। तिनके की अग्नि में भुने हुए (अधपके) शमो-धान्य (फली […]
डॉ डी के गर्ग विशेष : कृपया अपने विचार बताये और अन्य ग्रुप में शेयर करे। होली के नाम पर फुहड़ता और महापुरुषों का चरित्र हनन का गंदा खेल– होली से संबंधित लेख में आपको बताया कि होली का पर्व सदियों पुराना और हमारे पूर्वजों की दूरदर्शिता का प्रतीक है क्योंकि इस पर्व के द्वारा […]
भाग- 3 डॉ डी के गर्ग विशेष : कृपया अपने विचार बताये और अन्य ग्रुप में शेयर करे। प्रहलाद-कथा का सत्य : प्रहलाद का पिता, हिरण्यकश्यप अपने समय का बड़ा प्रतापी सम्राट था, जिसका प्रभुत्व सारे भूमण्डल पर व्याप्त था। राज्य में उसका आतंक इतना प्रबल था कि हिरण्यकश्यप को यह विश्वास हो गया कि […]
डॉ डी के गर्ग विशेष : कृपया अपने विचार बताये और अन्य ग्रुप में शेयर करे। होली सृष्टि के प्रारम्भ होने के साथ ही शुरू हो चुका था क्योंकि इसका मूल कारण कोई व्यक्ति विशेष या घटना विशेष नहीं है, इसका मूल कारण है नई फसल का आगमन और उस फसल के स्वागत के लिए […]
डॉ डी के गर्ग विशेष वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें अपने पूर्वजों का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टि से समय समय पर ऋतू अनुसार पर्व निर्धारित किये ताकि स्वास्थ रक्षा के अतिरिक्त सामाजिक एकता और मनोरंजन भी उपलब्ध हो। होली के त्यौहार की तो मस्ती इतनी अधिक होती है कि लोग इसके […]