डा. राधे श्याम द्विवेदी बाबा विश्वनाथ का मंदिर काशी में भगवान शिव और माता पार्वती का आदि स्थान कहा जाता है। 11वीं सदी तक यह अपने मूल रूप में बना रहा। काशी शिव की नगरी के रूप में पूरे विश्व के सनातनियो द्वारा पूजी जाती रही है। विश्वनाथ मंदिर पर घात प्रतिघात सबसे पहले इस […]
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महात्मा बुद्ध एवं माँसाहार
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित महात्मा बुद्ध महान समाज सुधारक थे। उस काल में प्रचलित यज्ञ में पशु बलि को देखकर उनका मन विचलित हो गया और उन्होंने उसके विरुद्ध जन आंदोलन कर उस क्रूर प्रथा को रुकवाया। महात्मा बुद्ध जैसे अहिंसा के समर्थक एवं बुद्ध धर्म के विषय में दो बातें उनके आंदोलन […]
उगता भारत ब्यूरो वह तिथि थी दो जुलाई, 1911. बेड़ियों में जकड़े स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को पोर्ट ब्लेयर के बंदरगाह पर उतारा गया। लगभग 15 मिनट तक बेड़ियों, हथकड़ियों की खड़ताल पर चलते-चलते सावरकर उस भीमकाय और भयावह दुर्ग-रूपी कारागार के प्रवेश द्वार पर पहुंचे। सात खंडों और तीन मंजिलों में विभक्त इस दानवीय […]
मुसलमान बनो या कश्मीर छोड़ो इस प्रकार कश्मीर का पुराना वैभव और सांस्कृतिक समृद्धि इस्लाम की निर्दयी तलवार और निर्मम हथौड़ा की भेंट चढ़ने लगी। जितने ही अधिक अत्याचार बढ़ते जाते थे सुल्तान सिकंदर और हमदानी उतने ही अधिक प्रसन्न होते थे। इस प्रकार कश्मीर की शांति इस्लाम की इस नई तथाकथित क्रांति के खून […]
कुतुबमीनार : एक रहस्योद्घाटन लेखक – आचार्य विरजानन्द दैवकरणि निदेशक – पुरातत्व संग्रहालय गुरुकुल झज्जर प्रस्तुति – अमित सिवाहा किसी भी देश और जाति में सभ्यता के विकास , संस्कृति की स्थिरता एवं स्थापत्यकला की उन्नति और समृद्धि के लिये सुख – शान्ति का होना नितान्त आवश्यक है । भारत में जब से विदेशी आक्रान्ताओं […]
श्रीश देवपुजारी ६२२ ईस्वी से लेकर ६३४ ईस्वी तक मात्र १२ वर्षों में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद साहब ने इस्लाम की तलवार से पानी पिलाकर मुसलमान बना दिया। ६३४ ईस्वी से लेकर ६५१ तक, यानी मात्र १६ वर्षों में सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम की दीक्षा दी गयी। ६४० में […]
मानवता दानवता में परिवर्तित हो गई जिस समय हमदानी अपने देश के लिए लौटा था उस समय तक वह कश्मीर का बहुत भारी अहित कर चुका था। जिस कश्मीर में कभी वेदों की ऋचाएं गूंजा करती थीं, यज्ञ हवन हुआ करते थे, लोग प्रातः काल में वेदों के मंत्रों से अपने दिन का शुभारंभ किया […]
कश्मीर की तत्कालीन परिस्थितियां वास्तव में यह इतिहास का वह दौर था जब मुस्लिम शासकों को कश्मीर की जनता पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए कुछ ऐसे हाथों की आवश्यकता थी जो उनके लिए काम करते हों और जनता को बड़ी सावधानी से बहला-फुसलाकर इस्लाम के झंडे के नीचे लाकर उनके प्रति निष्ठावान बनाने […]
डॉ मनमोहन वैद्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को वर्ष 2025 में 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. 1925 में नागपुर में संघ स्थापना हुई थी. इस घटना को इस वर्ष 2022 की विजयादशमी को 97 वर्ष पूर्ण होंगे. संघ का कार्य किसी की कृपा से नहीं, केवल संघ के कार्यकर्ताओं के परिश्रम, त्याग, बलिदान […]
अकबर के समय के इतिहास लेखक अहमद यादगार ने लिखा- “बैरम खाँ ने निहत्थे और बुरी तरह घायल हिन्दू राजा हेमू के हाथ पैर बाँध दिये और उसे नौजवान शहजादे के पास ले गया और बोला, आप अपने पवित्र हाथों से इस काफिर का कत्ल कर दें और”गाज़ी”की उपाधि कुबूल करें और शहजादे ने उसका […]