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इतिहास के पन्नों से

ब्रह्मचारी हनुमान जी विवाहित और पुत्रवान भी

डा. राधे श्याम द्विवेदी पौराणिक शास्त्रों में रामभक्त के रूप में हनुमानजी की एक विशेष पहचान रखते हैं। उनके सभी भक्त यही मानते आए हैं कि वे बाल ब्रह्मचारी हैं। वाल्मीकि, कम्बन आदि किसी भी रामायण और रामचरित मानस में बालाजी के इसी रूप का वर्णन मिलता है। वे एक बाल ब्रह्मचारी के रूप में […]

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इतिहास के पन्नों से

राजस्थान में खुदाई के दौरान मिला 200 साल पुराना घी का लोटा बना आकर्षण का केंद्र

उगता भारत ब्यूरो राजस्थान में एक आश्रम की खुदाई के दौरान 200 साल पुराना घी निकला है। जिसे जांच के लिए भेजा गया है। दरअसल, राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित मन्नानाथ आश्रम में खुदाई का काम चल रहा था। उस दौरान 200 साल पुराना घी एक लोटे में मिला है। हालांकि इसे जांच के […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीरी आतंकवाद का पूरा सच अध्याय 9, मुगल काल और कश्मीरी पंडित

मुगल काल को छद्म इतिहासकारों ने भारत के इतिहास का स्वर्णिम युग कहने तक की मूर्खता की है। यद्यपि इस काल में हिन्दू विरोध की बयार बड़ी तेजी से बहती रही । कहीं पर भी ऐसा कोई आभास हमें नहीं होता जिससे यह अनुमान लगाया जा सके कि मुगल काल में भारत में हिंदू धर्म, […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

वीर सावरकर भारत देश के महान क्रांतिकारियों में से एक थे

28 मई को वीर सावरकर जयंती पर कॉग्रेसी राज की बात है। मणिशंकर अय्यर ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए अण्डेमान स्थित सेलुलर जेल से वीर सावरकर के स्मृति चिन्हों को हटवा दिया। यहाँ तक उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी मांगने के नाम पर गद्दार तक कहा था। भारत देश की विडंबना देखिये जिन […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

जन्म_से_ज्यादा_वीर_सावरकर_की_मृत्यु_दिलचस्प__

आज वीर सावरकर की जन्म जयंती है.. लेकिन सावरकर जैसे वीरों की मृत्यु उनके जन्मोत्सव से ज्यादा शानदार दिलचस्प होती है| ऐसे में हम अपना कर्तव्य समझते हैं उनकी जन्म जयंती पर सावरकर जैसे वीर की गौरवशाली मृत्यु का वर्णन ना करे तो यह उनके साथ नाइंसाफी होगी… जन्म से तो सभी साधारण होते हैं […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह पथिक की 68 वी पुण्यतिथि पर विशेष आलेख

देवेंद्र सिंह आर्य (एडवोकेट) (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) पश्चिम उत्तर भारतवर्ष, वर्तमान के देश पाकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान ,जॉर्जिया आदि देशों में एक जाति पाई जाती है जिसको जुज्र कहा जाता था जिसके नाम पर रूस के तथा कश्यप सागर के पश्चिम में जॉर्जिया देश अवस्थित है। इसी का अपभ्रंश करके गुर्जर कहते […]

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इतिहास के पन्नों से

दिलवाड़ा के जैन मंदिरों की स्थापत्य कला पर है भारत को नाज

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल मन्दिर की छतों पर झूमते, लटकते कमलआकृति के गुम्बज का पेंडेंट नीचे की ओर आते हुए गोलाकार संकरा होता हुआ एक बिन्दु बनाता है जो कमल की तरह प्रतीत होता है।जगह-जगह पर अम्बिका, पद्मावती, शीतला, सरस्वती, नृत्य करती नायिकाएं हाथी-घोड़े, हंस, वाद्य बजाते वादक। स्तम्भों एवं तोरण द्वारों पर बनी कलात्मक […]

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इतिहास के पन्नों से

सोने के जेवरों का भी प्रयोग करते थे हड़प्पा वासी

विनोद कुमार यादव 350 हेक्टेयर में फैले मशहूर राखीगढ़ी पुरास्थल की खुदाई से यह सिद्ध हो गया है कि हड़प्पा सभ्यता का सर्वाधिक सुनियोजित, सुव्यवस्थित, खूबसूरत और बड़ा नगर मोहनजोदड़ो नहीं, बल्कि यही है। फिलहाल जो खुदाई चल रही है, उसमें कब्रें, कंकाल, नगरीय व्यवस्था के साथ-साथ सोने के जेवरों की फैक्ट्री भी मिली है। […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत की प्राचीन स्थापत्य कला के गीत गाते रणकपुर के भव्य मंदिर

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल देश के अनेक जैन मंदिरों की श्रंखला में राजस्थान के रणकपुर जैन मन्दिर को धर्म और आस्था के साथ शिल्प का चमत्कार कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। भारत में आश्चर्यों की कमी नहीं है। दुनिया में अद्भुत मंदिरों, गुफाओं और खूबसूरत विरासतों के लिए पहचान बनाने वाला हमारा देश बहुत […]

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इतिहास के पन्नों से

दिल्ली के किलों का बाप, लाल कोट☆

•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पांडवों की इंद्रप्रस्थ अर्थात दिल्ली उनके पश्चात 7 बार बसी 7 बार उजड़ी… दिल्ली के उजड़ने में सनातन वैदिक धर्मी हिंदू राजाओं का कोई योगदान नहीं था उसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार थे पश्चिम व मध्यम एशिया से आए जिहादी लुटेरे जिन में मोहम्मद गोरी तैमूर लंग कुतुबुद्दीन ऐबक अलाउद्दीन खिलजी जैसे नाम शामिल […]

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