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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

फांसी से पूर्व राम प्रसाद बिस्मिल की अंतिम रचना”

_________________________________________ सोचिए फांसी से पूर्व अच्छे-अच्छे की मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है लेकिन बिस्मिल देशभक्ति ओज वीर रस से युक्त रचनाएं रच रहे हैं| इससे यह पता चलता है बिस्मिल कितने परिपक्व मानसिक तौर पर मजबूत थे| रामप्रसाद बिस्मिल महान क्रांतिकारी होने के साथ-साथ उच्च कोटि के साहित्यकार शायर भी थे उनकी रचनाएं मातृभूमि को […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद : अध्याय 12, शेख – नेहरू की जोड़ी और कश्मीर , भाग -१

अध्याय 12 शेख – नेहरू की जोड़ी और कश्मीर कश्मीर का अब्दुल्ला परिवार प्रारंभ से ही भारत विरोधी नीतियों पर काम करता रहा है। वर्तमान समय में कश्मीर को दुर्दशाग्रस्त करने में इस परिवार का विशेष योगदान रहा है। नवयुवकों को भड़काकर उनसे पत्थरबाजी करवाना, जुलूस निकलवाना, मस्जिदों में भड़काऊ भाषण दिलवाने के लिए मुल्ला-मौलवियों […]

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इतिहास के पन्नों से

अम्बेडकर के बारे में फैलाये गये मिथक और उनकी सच्चाई ?

▪️1-मिथक-अंबेडकर बहुत मेधावी थे। सच्चाई – अंबेडकर ने अपनी सारी शैक्षणिक डिग्रीयां तीसरी श्रेणी में पास की। ▪️2-मिथक -अंबेडकर बहुत गरीब थे! सच्चाई -जिस जमानें में लोग फोटो नहीं खींचा पाते थे उस जमानें में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो है, वह भी कोट पैंट और टाई में! ▪️3-मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को […]

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इतिहास के पन्नों से

जिसने हमारे देश की संस्कृति और सम्मान को नष्ट किया उसकी मजार पर हम झुकाते हैं शीर्ष

उगता भारत ब्यूरो तुलसीदास जी बहराइच में जारी इस “भेड़चाल के बारे में वे अपनी “दोहावली” में कहते हैं – लही आँखि कब आँधरे, बाँझ पूत कब ल्याइ । कब कोढ़ी काया लही, जग बहराइच जाइ॥ अर्थात “पता नहीं कब किस अंधे को आँख मिली, पता नहीं कब किसी बाँझ को पुत्र हुआ, पता नहीं […]

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आंजनेय मंदिर को तुड़वा कर टीपू सुल्तान ने बनवाई थी जामिया मस्जिद

उगता भारत ब्यूरो मैसूर पुरातत्व विभाग की 1935 की रिपोर्ट से खुलासा “जामिया मस्जिद का निर्माण टीपू सुल्तान ने अंजनेय मंदिर को ध्वस्त करने के बाद, उसके मलबे से भूतल को भरने के बाद करवाया था।” कर्नाटक के मांड्या जिले के श्रीरंगपट्ट्नम शहर में मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच मैसूर पुरातत्व विभाग की 1935 की रिपोर्ट […]

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मुहम्मद का लिंग चमत्कार !

मुहम्मद का लिंग चमत्कार ! 9 Votes B.N. Sharma Represent: Dr. Santosh Rai यह एक अटल सत्य है कि “जैसी मति वैसी गति “अर्थात व्यक्ति जीवन जैसे विचार और आचार रखता है ,उसकी मौत भी वैसी ही होती है .मुसलमान भले मुहम्मद को रसूल और महापुरुष कहते रहें ,लेकिन वास्तव में वह एक अत्याचारी ,कामी […]

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इतिहास के पन्नों से

ऐसी थी महान मुगलों की महान संस्कृति

महान आसुरी संस्कृति — ——————– मुमताज महल से शाहजहाँ को इतना प्रेम था कि उसके मरने पर उसने उससे उत्पन्न १७ वर्ष की अपनी स्वयं की सगी बेटी जहाँआरा को ही अपनी बादशाह बेगम बना लिया था। यद्यपि शाहजहाँ की आठ बेगमों में से तीन जीवित थीं। किन्तु शाहजहाँ को १७ वर्ष की बेटी जहाँआरा […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद : अध्याय – 11 (2) महाराजा रणजीत सिंह के उपकार

महाराजा रणजीत सिंह की महानता महाराजा रणजीत सिंह अमर नायक हैं। जिन्होंने कश्मीर में उत्पीड़न और अत्याचारों का शिकार होते हिंदुत्व की रक्षा के लिए अपने आपको समर्पित किया। इतिहास उनके इस योगदान को कभी भूल नहीं सकता। जिस कश्मीर में हिंदुओं के पवित्र धर्म स्थलों को भूमिसात कर दिया गया था और उन्हें किसी […]

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आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

कश्मीर में आतंकवाद, अध्याय – 11, कश्मीर पर महाराजा रणजीत सिंह के उपकार

अभी तक के हमारे वर्णन से स्पष्ट है कि कश्मीर में 1301 ईस्वी से दुर्दिनों का दौर आरंभ हुआ था , जिसमें कश्मीर के हिंदुओं ने अनेक प्रकार की यातनाओं को देखा और झेला। इस प्रकार लगभग 500 वर्ष तक कश्मीर का हिंदू निरंतर अनेक प्रकार के अमानवीय अत्याचारों की यंत्रणाओं को झेलता रहा। इस […]

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इतिहास के पन्नों से

महात्मा गांधी : कितने हिंदू प्रेमी, कितने विरोधी ?

डॉ. विवेक आर्य 1920 के आरम्भ की बात है। महात्मा गाँधी ने देश के आज़ादी की लड़ाई के साथ मुसलमानों के खिलाफत आंदोलन को नत्थी कर दिया। यह मुसलमानों का निजी मामला था। गाँधी जी यह सोचते थे कि इससे भारतीय मुसलमान भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भाग लेने लगेंगे। स्वामी श्रद्धानन्द भी उसी काल में […]

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